
देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार के लिए अच्छी खबर आई है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अपनी हालिया World Economic Outlook रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान बढ़ा दिया है.
आर्थिक वृद्धि दर 12.5% रहने का अनुमान
IMF ने अपनी रिपोर्ट में भारत की अर्थव्यवस्था के वित्त वर्ष 2021-22 में 12.5% की दर से वृद्धि करने का अनुमान जताया है. इतनी वृद्धि का अनुमान ना सिर्फ अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच सबसे अधिक है बल्कि ये उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के बीच भी सबसे अधिक है.
भारत-चीन में लगी है होड़
भारत और चीन एक तरफ सीमा पर तनाव को लेकर खड़े हैं. वहीं दूसरी तरफ कोविड के बाद की वैश्विक व्यवस्था में अवसरों को हासिल करने की प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं. इस बीच में IMF का कहना है कि भारत इकलौती अर्थव्यवस्था है जो 2021-22 में दोहरे अंक की वृद्धि दर हासिल कर सकेगी.
बीते वित्त वर्ष में रहेगी गिरावट
हालांकि बीते वित्त वर्ष 2020-21 के लिए IMF ने भारत की जीडीपी में 8% की गिरावट आने का अनुमान जताया है. लेकिन कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच में अगले वित्त वर्ष के लिए वृद्धि का अनुमान बढ़ाना अहम है.
पिछले अनुमान से 1% अधिक नया आंकड़ा
IMF ने 1 अप्रैल से शुरू हुए नए वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था के 12.5% की दर से वृद्धि करने की बात कही है. यह उसके जनवरी की रिपोर्ट में जताए गए 11.5% की वृद्धि दर के अनुमान से 1% अधिक है. कोविड के बढ़ते मामलों, कई राज्यों में आंशिक लॉकडाउन और कर्फ्यू जैसी स्थिति के बीच इस तरह की खबर आना वाकई देश के लिए अच्छी खबर है. इतना ही नहीं IMF ने इससे अगले वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भी आर्थिक वृद्धि के अनुमान में सुधार किया है. जनवरी में ये 6.8% था जिसे अब बढ़ाकर 6.9% कर दिया है.
ये भी पढ़ें: