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IT Raid: कोरोना मरीज की हर पर्ची में होती थी ये दवा, अब कंपनी के 40 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी

कोविड-19 महामारी के दौरान कंपनी ने खूब कमाई की थी. साल 2020 में महामारी का कहर शुरू होने के बाद कंपनी ने डोलो-650 के 350 करोड़ टैबलेट की बिक्री की थी. डोलो-650 की बिक्री ने बाकी प्रतिस्पर्धियों को मीलों पीछे छोड़ दिया था और बिक्री का रिकॉर्ड बना दिया था.

पड़ी इनकम टैक्स की रेड पड़ी इनकम टैक्स की रेड
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 7:24 PM IST
  • डोलो-650 बनाती है माइक्रो लैब्स
  • कंपनी पर टैक्स चोरी का संदेह

कोरोना महामारी (Covid-19) के दौरान बिक्री का रिकॉर्ड बनाने के साथ ही सोशल मीडिया (Social Media) पर डोलो-650 (Dolo-650) ने खूब सुर्खियां बटोरी थी. अब एक बार फिर से इस दवा का नाम चर्चा में है. हालांकि इस बार चर्चा में आने का कारण अलग है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने डोलो-650 बनाने वाली दवा कंपनी माइक्रो लैब्स लिमिटेड (Micro Labs Limited) के ऑफिस पर छापेमारी की है. यह कार्रवाई टैक्स की चोरी (Tax Evasion) करने के मामले से जुड़ी हुई है.

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इन शहरों में 40 ठिकानों पर छापेमारी

न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के 20 से अधिक अधिकारियों की टीम ने बेंगलुरू के रेस कोर्स रोड पर स्थित कंपनी के दफ्तर पर बुधवार को छापेमारी की. इसके अलावा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नई दिल्ली, सिक्किम, पंजाब, तमिलनाडु और गोवा में स्थित कंपनी के 40 ठिकानों पर भी छापेमारी की गई. इस कार्रवाई में 200 से अधिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया. कंपनी के सीएमडी दिलीप सुराना और डाइरेक्टर आनंद सुराना के आवास पर भी छापेमारी की गई.

आईटी डिपार्टमेंट को मिले अहम सुराग

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की इस कार्रवाई में माइक्रो लैब्स के रेस कोर्स रोड स्थित कार्यालय से कई अहम दस्तावेज बरामद किए गए. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सूत्रों के अनुसार, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्स चोरी से जुड़े मामले को लेकर छापेमारी की यह कार्रवाई की. इससे पहले कोरोना काल में कंपनी की दवा डोलो-650 लगातार सोशल मीडिया पर छाई रही थी.

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कोरोना काल में हुई रिकॉर्ड बिक्री

कोविड-19 महामारी के दौरान कंपनी ने खूब कमाई की थी. साल 2020 में महामारी का कहर शुरू होने के बाद कंपनी ने डोलो-650 के 350 करोड़ टैबलेट की बिक्री की थी. डोलो-650 की बिक्री ने बाकी प्रतिस्पर्धियों को मीलों पीछे छोड़ दिया था और बिक्री का रिकॉर्ड बना दिया था. इससे कंपनी ने एक साल में 400 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया था. महामारी के दौरान डोलो-650 पैरासिटामोल का उसी तरह से पर्याय बन गया था, जैसे बोतलबंद पानी के मामले में बिस्लेरी (Bisleri) और फोटोकॉपी के मामले में जेरॉक्स (Xerox) है. इसे उस दौरान भारत का पसंदीदा स्नैक्स भी कहा जाने लगा था.

 

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