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भारत के 5G ट्रायल में चीनी कंपनियों को मौका नहीं मिलने से चीन दुखी 

भारत सरकार ने 5जी मोबाइल नेटवर्क के ट्रायल को मंजूरी दी है. इसमें किसी चीनी कंपनी को मौका नहीं दिया गया है. दूरसंचार कंपनियों को 5जी ट्रायल के लिए इस सप्ताह 5जी स्पेट्रम उपलब्ध कराया जाएगा.

5G ट्रायल में चीनी कंपनियों को मौका नहीं 5G ट्रायल में चीनी कंपनियों को मौका नहीं
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 06 मई 2021,
  • अपडेटेड 10:16 AM IST
  • देसी कंपनियां करेंगी 5जी ट्रायल की शुरुआत
  • चीनी कंपनियों को शामिल नहीं किया जाएगा

भारत सरकार ने 5जी मोबाइल नेटवर्क के ट्रायल को मंजूरी दी है. इसमें किसी चीनी कंपनी को मौका नहीं दिया गया है. इस पर चीन काफी दुखी है. चीन ने कहा कि यह भारत के कारोबार के लिए ठीक नहीं है. 

गौरतलब है कि दूरसंचार कंपनियों को 5जी ट्रायल के लिए इस सप्ताह के भीतर 5जी स्पेट्रम उपलब्ध कराया जाएगा. रिलायंस जियो (Jio), भारती एयरटेल (Airtel), वोडोफोन-आइडिया (Vi) और एमटीएनएल-बीएसएनएल (MTNL-BSNL) को ट्रायल के लिए 5जी स्पेक्ट्रम उपलब्ध कराया जाएगा.

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क्या कहा चीन ने 

न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार चीनी दूतावास के प्रवक्ता वांग शिआयोजियान ने एक बयान में कहा, 'हम इस बात पर गहरी चिंता और दुख जताते हैं कि चीनी दूरसंचार कंपनियों को भारतीय कंपनियों के साथ 5जी ट्रायल करने की इजाजत नहीं दी गई है. हम उम्मीद करते हैं कि भारत आपसी विश्‍वास बढ़ाने के लिए बेहतर फैसले लेगा. साथ ही कहा कि चीनी कंपनियों को 5जी मोबाइल नेटवर्क के ट्रायल की इजाजत नहीं देना भारत में कारोबार के लिए ठीक नहीं है.' 

उन्होंने कहा, 'चीनी कंपनियों को ट्रायल से बाहर रहने से न केलव वैधानिक अधिकारों और हितों को नुकसान होगा, बल्कि इससे भारतीय कारोबार के सुधरते माहौल में भी बाधा आएगी. यह इनोवेशन और भारतीय इंडस्ट्री के लिए प्रेरक नहीं है.'  

जल्द मिलेगा स्पेक्ट्रम 

टेलिकॉम कंपनियों को अगले 2 से 3 दिनों में स्पेक्ट्रम उपलब्ध करा दिया जाएगा. ये कंपनियां ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर और तकनीकी प्रदाता कंपनियों एरिक्शन, नोकिया, सैमसंग और सी-डॉट के साथ गठजोड़ करेंगी. रिलायंस जियो इंफोकॉम स्वदेशी तकनीक के साथ 5जी मोबाइल नेटवर्क का ट्रायल करेगी. 

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दूरसंचार विभाग ने कहा है कि टेलिकॉम कंपनियों को 6 माह के लिए 5 जी स्पेक्ट्रम का ट्रायल करने की इजाजत दी जा रही है. इस अवधि में वे दो महीने भी शामिल होंगे, जिसमें इसके लिए जरूरी उपकरणों की खरीद और सेटिंग की जानी है.

 

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