
भारत में डिजिटल बैंकिंग के क्षेत्र में क्रांति लाने के बाद अब यूपीआई ग्लोबल होने लगा है. यूपीआई की शानदार सफलता के कारण कई देश इसका इस्तेमाल करने को प्रेरित हो रहा है. जल्दी ही इस कड़ी में सऊदी अरब का भी नाम जुड़ सकता है. भारत और सऊदी अरब के बीच खाड़ी देश में यूपीआई के साथ-साथ रूपे कार्ड के इस्तेमाल पर भी चर्चा हुई है. इसके अलावा दोनों देशों ने रुपये और रियाल में व्यापार की संभावनाओं पर भी बातचीत की है.
गोयल की यात्रा के दौरान चर्चा
आपको बता दें कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में सऊदी अरब की यात्रा की है. गोयल की 18-19 सितंबर की रियाद यात्रा के दौरान ही इन तीनों बातों पर दोनों देशों ने चर्चा की है. इसकी जानकारी वाणिज्य मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक बयान में दी. बयान के अनुसार, यात्रा के दौरान गोयल ने भारत-सऊदी अरब स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप काउंसिल की मंत्रीस्तरीय बैठक में हिस्सा लिया. काउंसिल के तहत कमिटी ऑन इकोनॉमी एंड इन्वेस्टमेंट की मिनिस्ट्रियल बैठक की अध्यक्षता गोयल और सऊदी अरब के एनर्जी मिनिस्टर प्रिंस अब्दुल अजीज बिन सलमाल अल-सऊद ने की.
इन चीजों को लेकर हुई बात
बयान में कहा गया, 'बैठक में व्यापार व वाणिज्य की संभावनाओं पर चर्चा की गई. इसके अलावा व्यापार की बाधाओं को दूर करने और सऊदी अरब में भारतीय फार्मा प्रोडक्ट के लिए ऑटोमैटिक रजिस्ट्रेशन व मार्केटिंग क्लियरेंस पर भी बातचीत हुई. बैठक में रुपये व रियाल में आपसी व्यापार करने, सऊदी अरब में रूपे कार्ड व यूपीआई का इस्तेमाल करने पर भी बात की गई.' बयान के अनुसार, गोयल और क्राउन प्रिंस अब्दुल अजीज बिन सलमाल अल-सऊद ने कई अन्य इश्यूज पर भी चर्चा की.
गोयल ने दी ये जानकारी
बैठक के बाद मंत्री गोयल ने Twitter पर लिखा, 'बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि किस तरह से पर्यावरण में बदलाव के खतरों के बीच ऊर्जा सुरक्षा आर्थिक वृद्धि एवं समृद्धि को आगे बढ़ा सकती है.' मंत्रीस्तरीय बैठक में टेक्निकल टीमों ने चार मुख्य क्षेत्रों एग्रीकल्चर एंड फूड सिक्योरिटी, एनर्जी, टेक्नोलॉजी एंड आईटी और इंडस्ट्री एंड इंफ्रास्ट्रक्चर में आपसी सहयोग के 41 बिंदुओं की पहचान की.
दोनों देशों के बीच इन बातों पर सहमति
बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि प्राथमिकता वाली परियोजनाओं को समय से पूरा कर लिया जाए. वेस्ट कोस्ट रिफाइनरी के विकास, एलएनजी इंफ्रास्ट्रक्चर और भारत में स्ट्रेटजिक पेट्रोलियम स्टोरेज के डेवलपमेंट समेत सभी संयुक्त परियोजनाओं में सहयोग बनाए रखने पर भी जोर दिया गया. मंत्री ने अलग से एक बैठक में दोनों देशों के एक्जिम बैंकों के बीच संस्थागत गठजोड़, किन्हीं तीसरे देशों में संयुक्त परियोजनाएं, मानकों की सहमति से पहचान और इंफ्रास्ट्रक्चर के डेवलपमेंट में सहयोग पर चर्चा की.