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India-Canada Business: भारत से ये सामान मंगाता है कनाडा... तनातनी से दांव पर 70000 करोड़ का कारोबार!

India-Canada के बीच कारोबारी रिश्ते पुराने हैं और दोनों देशों के बीच आयात और निर्यात लगातार बढ़ा है. वित्त वर्ष 2022-23 में भारत-कनाडा के बीच द्विपक्षीय व्यापारिक व्यापार 8.3 अरब डॉलर था, जो FY2023-24 में बढ़कर 8.4 अरब डॉलर (करीब 70,611 करोड़ रुपये) हो गया.

कनाडा और भारत के बीच कई जरूरी चीजों का होता है आयात-निर्यात कनाडा और भारत के बीच कई जरूरी चीजों का होता है आयात-निर्यात
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 2:13 PM IST

भारत और कनाडा (India-Canada) के बीच सब कुछ ठीक नहीं है, दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव जोर पकड़ रहा है. खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में हत्या के बाद से गहराया विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है.  ये तकरार दोनों देशों के बीच कारोबारी रिश्तों में भी कड़वाहट घोल सकती है और दांव पर 70,000 करोड़ रुपये हैं. जी हां, भारत और कनाडा के बीच बड़ा कारोबार है और तनाव बढ़ने से इस पर असर पड़ने की संभावनाएं भी हैं. आइए जानते हैं कि दोनों देशों के बीच क्या-क्या आयात-निर्यात होता है?

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दोनों देशों के बीच इतना व्यापार
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, थिंक टैंक जीटीआरआई (GTRI) ने सोमवार को कहा कि भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक तनाव का अब तक दोनों देशों के बीच वस्तुओं के द्विपक्षीय व्यापार पर कोई असर नहीं पड़ा है. हालांकि, ये कहना भी गलत न होगा कि जैसे-जैसे यह विवाद आगे बढ़ेगा, दोनों देशों को इससे बिगड़ने वाले आर्थिक हालातों को सावधानी से मैनेज करना होगा. क्योंकि दोनों देशों के बीच आयात और निर्यात लगातार बढ़ा है. वित्त वर्ष 2022-23 में India-Canada के बीच द्विपक्षीय व्यापारिक व्यापार 8.3 अरब डॉलर था, जो FY2023-24 में बढ़कर 8.4 अरब डॉलर (करीब 70,611 करोड़ रुपये) हो गया.

फिलहाल बिजनेस पर नहीं दिखा असर
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि कनाडा से भारत का आयात बढ़कर 4.6  अरब डॉलर हो गया है, जबकि निर्यात में मामूली गिरावट दर्ज की गई है और ये 3.8 अरब डॉलर रह गया है. ऐसे में ये कहा जा सकता है कि दोनों देशों के बीच तनाव का फिलहाल कारोबार पर बहुत ज्यादा नहीं पड़ा है. हालांकि, ऐसी संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है कि आने वाले दिनों में तनाव और भी बढ़ने पर कारोबार पर भी असर पड़ सकता है. यहां बता दें कि कैनेडियन पेंशन फंड ने भारत में लगभग 6 लाख करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट किया है और करीब 600 कनाडाई कंपनियां भारत में अपने बिजनेस कर रही हैं. 

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एशिया पैसेफिक डॉट सीए की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2013 से 2023 तक, भारत में कनाडाई पेंशन फंड द्वारा किए गए इन्वेस्टमेंट में बड़ा हिस्सा रियल एस्टेट (3.8 अरब कैनेडियन डॉलर से अधिक), फाइनेंशियल सर्विसेज (3 अरब कैनेडियन डॉलर से ज्यादा) और इंडस्ट्रियल ट्रांसपोर्टेशन (करीब 2.6 अरब कैनेडियन डॉलर) में था. इंफ्रास्ट्रक्चर और रिन्यूएवल एनर्जी सेक्टर में भी बड़ी निवेश किया गया है. 

भारतीय कंपनियां कनाडा में दे रहीं हजारों रोजगार
कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री यानी सीआईआई (CII) की बीते साल आई एक रिपोर्ट की मानें तो 30 से ज्यादा भारतीय फर्मों की कनाडा में मौजूदगी है और इनके द्वारा देश में किए गए इन्वेस्टमेंट की बात करें तो ये 40,446 करोड़ रुपये का है. इन कंपनियों के जरिए वहां पर करीब 17,000 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है. इन कंपनियों द्वारा R&D खर्च भी 700 मिलियन कैनेडियन डॉलर बताया गया था. 

किस-किस चीज का होता है कारोबार? 
अब बात कर लेते हैं, दोनों देशों के बीच होने वाले आयात और निर्यात के बारे में, तो बता दें भारत की ओर से कनाडा रत्न, ज्वेलरी और कीमती पत्थर, फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट्स, रेडीमेड कपड़े, मैकेनिकल अपलायंसेज, ऑर्गेनिक कैमिकल्स, लाइट इंजीनियरिंग सामान, आयरन और स्टील भेजा जाता है. वहीं दूसरी ओर भारत, कनाडा से कागज, लकड़ी का गूदा, एस्बेस्टस, पोटाश, आयरन स्क्रैप, कॉपर, मिनरल्स और इंडस्ट्रीयल केमिकल खरीदता है.

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