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दिवाली से पहले विदेशी मुद्रा भंडार ने बनाया नया रिकॉर्ड, एक हफ्ते में करीब 8 अरब डॉलर का उछाल

भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, 6 नवंबर को खत्म हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 568.49 अरब डॉलर के नए रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया. पिछले 30 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 560.715 अरब डॉलर था.

 विदेशी मुद्रा भंडार ने बनाया रिकॉर्ड विदेशी मुद्रा भंडार ने बनाया रिकॉर्ड
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 14 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 7:47 AM IST
  • विदेशी मुद्रा भंडार का नया रिकॉर्ड
  • दिवाली से पहले इकोनॉमी को गुड न्यूज
  • विदेशी मुद्रा भंडार 568.49 अरब डॉलर

दिवाली से पहले देश के विदेशी मुद्रा भंडार ने नया रिकॉर्ड कायम किया है. 6 नवंबर को खत्म हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 568.49 अरब डॉलर के नए रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया.

विदेशी मुद्रा भंडार में एक हफ्ते में ही करीब 7.77 अरब डॉलर की जबरदस्त बढ़त हुई है. भारतीय रिजर्व बैंक के शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी. पिछले 30 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 18.3 करोड़ डॉलर बढ़कर 560.715 अरब डॉलर रहा था, जो तब तक का एक रिकॉर्ड था. 

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क्यों बढ़ा विदेशी मुद्रा भंडार 

इस दौरान विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने की अहम वजह विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों यानी फॉरेन करेंसी एसेट का बढ़ना है. ये परिसंपत्तियां कुल विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा होती है. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार इस दौरान एफसीए 6.403 अरब डॉलर बढ़कर 524.742 अरब डॉलर तक पहुंच गया. एफसीए को दर्शाया डॉलर में जाता है, लेकिन इसमें यूरो, पाउंड और येन जैसी अन्य विदेशी मुद्राएं भी शामिल होती हैं.

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कितना बढ़ा गोल्ड भंडार 

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक 6 नवंबर के हफ्ते में देश का स्वर्ण भंडार 1.328 अरब डॉलर बढ़कर 37.587 अरब डॉलर का हो गया. देश को अंतरराष्ट्रीय मु्द्रा कोष (आईएमएफ) में मिला विशेष विड्रॉल अधिकार 70 लाख डॉलर बढ़कर 1.448 अरब डॉलर हो गया. वहीं, इस दौरान देश का आईएमएफ के पास जमा मुद्रा भंडार चार करोड़ डॉलर बढ़कर 4.676 अरब डॉलर पर पहुंच गया. 

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विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने का क्या है मतलब? 

विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी किसी भी देश की इकोनॉमी के लिए अच्छी बात है. इसमें करेंसी के तौर पर अधिकतर डॉलर होता है. डॉलर के जरिए ही दुनियाभर में कारोबार किया जाता है. इस विदेशी मुद्रा भंडार के बढ़ने का मतलब है कि हमारा देश अब ज्यादा आयात कर सकता है.

 

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