
एक ओर जहां इजरायल और हमास में जारी जंग (Israel-Hamas War) बढ़ने के चलते क्रूड ऑयल की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है, तो वहीं दूसरी ओर Crude Oil का पेमेंट चीन की करेंसी में करने को लेकर भारत और रूस आमने-सामने हैं. दरअसल, भारत के लिए रूस क्रूड ऑयल के टॉप सप्लायर्स में है, लेकिन कुछ रूसी तेल सप्लायर Chinies Currency Yuan में पेमेंट की मांग कर रहे थे, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया है.
सरकार का Yuan में पेमेंट से इनकार
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ( China) से जारी तनाव के बीच भारत ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए रूस के तेल सप्लायर्स की मागों को मानने से इनकार कर दिया है. ये सप्लार्य भारत द्वारा आयात किए जाने वाले तेल के पेमेंट का लेन-देन युआन में करने का अनुरोध कर रहे थे. इन मागों के बीच Modi Govt ने क्रूड ऑयल इंपोर्ट के लिए चीन की करेंसी में पेमेंट करने के रूसी ऑयल सप्लायर्स के दबाव में न आते हुए इस पर आपत्ति जताई और इनकार कर दिया. अब सवाल ये कि आखिर रूस भारत से चीनी करेंसी में पेमेंट करने के लिए क्यों कह रहा है?
जरूरत का 60% क्रूड रूस से आता है
रूस बड़ी मात्रा में क्रूड ऑयल भारत भेजता है और अरबों डॉलर की कमाई करता है. भारत रूसी क्रूड ऑयल की सप्लाई के लिए कितना अहम है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि देश अपनी जरूरत का 60 फीसदी कच्चा तेल अकेले Russia से ही आयात करता है. इसका भुगतान भारत की ओर से अमेरिकी डॉलर, दिरहम और रुपये में किया जाता है. हालांकि, इसमें ज्यादा हिस्सा Dollar का ही होता है. लेकिन पिछले कुछ समय से रूसी कारोबारी अपना ज्यादातर बिजनेस China Currency में ही करने का तरजीह दे रहे हैं. यही कारण है कि वे भारत से भी युआन में ही पेमेंट करने के लिए दबाव बना रह हैं.
वित्त मंत्रालय से स्वामित्व में आधे से ज्यादा रिफाइनरी
रूस में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले चीनी युआन में कारोबार तेजी से बढ़ा है, वहीं भारत की बात करें तो रिपोर्ट के मुताबिक, Yuan के जरिए कभी-कभार शॉर्ट ट्रांजैक्शंस तो किए जाते हैं, लेकिन रूसी तेल सप्लायर्स चीनी करेंसी ऑयल बिजनेस में लेनदेन की प्रमुख इकाई बनाने का अनुरोध कर रहे हैं, जिस पर भारत ने साफ शब्दों में कह दिया है कि ये नहीं चलेगा. गौरतलब है कि देश की आधी से ज्यादा रिफाइनरी सरकारी स्वामित्व वाली हैं और उन्हें भारत के वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के दिशा-निर्देशों का पालन करना होता है.
भारत ने लगाई है युआन में पेमेंट पर रोक
रिपोर्ट की मानें तो रूस में कारोबारियों द्वारा चीनी करेंसी में हो रहे पेमेंट के चलते इस साल Yuan रूस में सबसे ज्यादा कारोबार करने वाली करेंसी बन गई है. भारत की सबसे बड़ी रिफाइनरी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) ने बीते दिनों रूसी क्रूड का पेमेंट चीनी करेंसी में किया था, लेकिन उसके बाद ही केंद्र सरकार ने चीनी करेंसी में किसी भी तरह के लेनदेन पर रोक लगा दी थी.