
India Today Conclave 2021: मौजूदा दशक भारत में स्टार्टअप (Startup in India) का दशक साबित होने जा रहा है. देश में स्टार्टअप की संख्या तो तेजी से बढ़ रही है, यूनिकॉर्न यानी 1 अरब डॉलर से ज्यादा के वैल्यूएशन वाले स्टार्टअप की संख्या भी बढ़ रही है. नई पीढ़ी प्रयोग करने और फेल होने से नहीं डरती. हमारी इकोनॉमी जिस तरह से बढ़ रही है. उससे अगले वर्षों में भी यूनिकॉर्न की संख्या और वैल्यूएशन में भारी बढ़त की उम्मीद है. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में आए स्टार्टअप कंपनियों के कई दिग्गजों ने इस तरह की राय रखी.
'यूनिकॉर्न डायरीज: हाउ टु मेक अ बिलियन. फ्रंटलाइन इनसाइट्स ऑन द इंटरनेट इकोनॉमी' विषय पर आयोजित एक सत्र में स्टार्टअप जगत के कई सफल कारोबारी शामिल हुए.
किसी स्टार्टअप को यूनिकॉर्न कैसे बनाएं
Urban Company के फाउंडर एवं सीईओ अभिराज बहल ने कहा, 'आपको ऐसी कंपनी तैयार करनी होगी जो कस्टमर्स, सप्लायर्स के लिए वैल्यू तैयार कर सके. इसके बाद वैल्यूएशन अपने आप आएगा. अगले वर्षों में भारत 5 से 7 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी होगा और इसमें से 2-3 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी न्यू इकोनॉमी का होगा.'
उन्होंने कहा, 'फेल होने पर आप लिबरेटेड भी अनुभव करते हैं. नए सिरे से काम करने पर सोचते हैं. नई पीढ़ी फेल होने से नहीं डरती है. उससे सीख लेती है और सुधार करती है. हम नई कंपनी हैं, विकसित हो रहे हैं. हम विनम्रता से कहेंगे कि हम परफेक्ट नहीं है. लेकिन हम बड़ी कंपनी बनाने में सफल होंगे जिससे सबका फायदा होगा.'
वैल्यूएशन पर सवाल क्यों
upGrad के को-फाउंडर मयंक कुमार ने कहा कि मौजूदा दशक यूनिकॉर्न का दशक साबित होगा. पिछले एक साल में ही 30 से 35 यूनिकॉर्न आए हैं. स्टार्टअप फाउंडर में क्वालिटी है. कैपिटल आ रहा है, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर आ रहा है भारत ने काफी बड़े आकार का कारोबार खड़ा किया है, अगर आप वैल्यू प्रोवाइड करते हैं तो मार्जिन अपने आप आता है.
उन्होंने कहा कि स्टार्टअप का बिजनेस मॉडल ट्रेडिशन से अलग है, इसलिए आज वैल्यूएशन पर सवाल उठाया जा सकता है, लेकिन कुछ साल के बाद यह खत्म हो जाएगा.
चीन में संरक्षणवाद की वजह से तेजी
चीन में 75 अरब डॉलर तक की वैल्यूएशन वाले बाइट डान्स जैसे यूनिकॉर्न हैं, भारत में सिर्फ 4-5 अरब डॉलर तक के हैं. ऐसा गैप क्यों है? इस सवाल पर DROOM के फाउंडर संदीप अग्रवाल ने कहा कि चीन में काफी संरक्षणवाद है, वहां इंटरनेट कंपनियों का 20 साल से 25 साल का संरक्षणवाद रहा है. अब भारत का भी समय आ रहा है. यहां इंटरनेट ने प्रोडक्शन, सर्विस आदि को नया स्वरूप दिया है. आज 80 फीसदी ट्रैवल बुकिंग ऑनलाइन हो रहा है. भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप केंद्र है. हमने गाड़ियों को बेचने खरीदने का तरीका बदला है.
अभी तो बहुत कम पैसा आया है
Moglix के फाउंडर एवं सीईओ राहुल गर्ग ने कहा ऐसा नहीं कि भारत में बहुत पैसा आ रहा है. ग्लोबल इकोनॉमी 50 प्लस ट्रिलियन डॉलर का है. करेंसी कन्वर्जन आदि की वजह से देखें तो अभी पैसा बहुत कम आया है. जीएसटी, नोटबंदी जैसे हर कदम से भारत में ऑनलाइन बिजनेस का महत्व बढ़ा है. इसमें ऑफलाइन की तुलना में लोगों का अनुभव काफी अच्छा रहा है.
दो दिन का महाकुंभ
विचारों के मंच इंडिया टुडे कॉन्क्लेव (India Today Conclave 2021) का यह 19वां संस्करण है. पिछले 18 साल में इस प्रेरणादायक मंच के जरिए दुनिया भर के बेहद प्रभावशाली और प्रेरक व्यक्तित्वों ने दुनिया के सामने आने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया है. इस साल यह सम्मेलन 8-9 अक्टूबर को नई दिल्ली के ताज पैलेस में हुआ.
हर बार की तरह इस बार भी खेल, राजनीति, व्यापार, बॉलीवुड, सरकार सहित अन्य क्षेत्रों के दिग्गज नेताओं और व्यक्तित्वों की उपस्थिति ने इस मंच की शोभा बढ़ाई और एक बेहतर आज और कल के निर्माण के लिए विचारों का आदान-प्रदान किया.