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India Today Conclave: शेयर बाजार में आपको क्या बिल्कुल नहीं करना चाहिए? NSE के CEO की सुन लीजिए...

India Today Conclave 2023 : नेशनल स्टॉक एक्सचेंज दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा एक्सचेंज है. एक दिन में 13 करोड़ ट्रेड होते हैं और एकदिनी ट्रेड की संख्या के मामले में एनएसई पहले नंबर पर है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि बीते 29 साल में NSE MCap 30 गुना बढ़ा है.

एनएसई के सीईओ आशीष चौहान ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में कई मुद्दों पर चर्चा की  एनएसई के सीईओ आशीष चौहान ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में कई मुद्दों पर चर्चा की
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 5:18 PM IST

दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज एनएसई के एमडी और सीईओ (NSE CEO) आशीष चौहान ने गुरुवार को मुंबई में आयोजित इंडिया टुडे कॉन्क्लेव-2023 (India Today Conclave-2023) में शिरकत की. उन्होंने 90 के दशक के बाद से भारतीय शेयर बाजार (Share Market) में आए बदलावों पर चर्चा की और नए इन्वेस्टर्स को जरूरी सलाह दी. इसके साथ ही एनएसई चीफ ने जल्द फायदे की आस में डेरिवेटिव ट्रेडिंग (Derivative Trading) करने वाले निवेशकों को सचेत भी किया. 

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शेयर बाजार में आए बदलावों पर बात
बिजनेस टुडे के एडिटर सौरव मजूमदार के साथ चर्चा के दौरान एनएसई के सीईओ Ashish Chauhan ने भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) में आए माइलस्टोन्स का जिक्र करते हुए कहा कि 1990 से 2023 तक मार्केट में कई बड़े बदलाव आए हैं. तकनीक और कंप्यूटर की इन बदलावों में बड़ी भूमिका रही है. आज शेयर बाजार में ट्रेडिंग (Share Trading) दूर-दराज के क्षेत्र में बैठा इंसान भी आसानी से कर सकता है. आज शेयरों की खरीदारी करना बिल्कुल ऐसा हो गया है जैसे बैंक अकाउंट में पैसा रखना. डिफॉल्ट ब्रोकर्स पर शिकंजा कसा गया है. 

NSE पर एक दिन में 13 करोड़ ट्रेड
आशीष चौहान ने कहा कि किसी भी फाइनेंशियल क्राइसिस के बाद सुधार की दिशा में हमेशा बड़े चेंज देखने को मिले हैं. भारतीय शेयर बाजार में भी हर्षद मेहता स्कैम के बाद ऐसा ही क्राइसिस देखने को मिला था, फिर सरकार ने रिफॉर्म का निर्णय लिया और न्यू एक्सचेंज एनएसई बना. इसके बाद बीटा ट्रेडिंग और डेट मार्केट अस्तित्व में आए. आज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा एक्सचेंज है. एक दिन में 13 करोड़ ट्रेड होते हैं और एकदिनी ट्रेड की संख्या के मामले में एनएसई पहले नंबर पर है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि बीते 29 साल में NSE MCap 30 गुना बढ़ा है.

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नए निवेशकों को CEO की सलाह
एनएसई एमडी के मुताबिक, 8 करोड़ से ज्यादा इन्वेस्टर्स एक्सचेंज से जुड़े हुए हैं और 2019 से लेकर 2023 तक महज तीन साल में इनकी संख्या में तीन गुना इजाफा देखने को मिला है. नए निवेशकों को मार्केट में ट्रेडिंग के बारे में सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि शेयर ट्रेडिंग लॉन्ग टर्म में फायदेमंद है. सुबह किसी कंपनी के शेयर खरीदने के बाद उसी दिन शाम को बेचना ट्रेडिंग नहीं है. हां, अगर ऐसा एक्सपर्ट्स की सलाह पर किया जाए तो अलग बात है. उन्होंने कहा कि निवेश करने से पहले खुद से कंपनी के बारे में स्टडी करना भी जरूरी है और फायदा पाने के लिए स्टॉक्स को 3-5 साल कम से कम होल्ड करना जरूरी होता है. 

Derivative ट्रेडिंग से दूर ही रहें
आशीष चौहान ने शेयर बाजार में निवेश करने वालों को डेरिवेटिव्स में ट्रेडिंग (Derivative Trading) में जोखिम को लेकर सतर्क किया है. उन्होंने कहा कि अगर आप एक्सपर्ट नहीं हैं या फिर आपके पास कोई एक्सपर्ट एडवाइस नहीं है, तो डेरिवेटिव ट्रेडिंग से दूर रहना ही समझदारी है. इस ट्रेडिंग में रिस्क और निवेशकों को होने वाले नुकसान के सवाल पर बोलते हुए उन्होंने ये इसमें संभलकर ट्रेडिंग करने की सलाह दी. 

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क्या होते हैं डेरिवेटिव?
बता दें कि साल 2000 में डेरिवेटिव (ऑप्शन और फ्यूचर्स) को लॉन्च किया गया था. यह एक फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट है, जो कि उसकी सिक्योरिटी की वैल्यू से प्रभावित होता है. अगर मूल सिक्योरिटी की कीमत में इजाफा होता है, तो फिर डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट की वैल्यू भी बढ़ जाती है. वहीं अगर मूल सिक्योरिटी की कीमत में गिरावट आती है तो फिर कॉन्ट्रैक्ट की कीमत भी उसी तेजी से घट जाती है. इस ट्रेडिंग में रिस्क काफी अधिक होता है और इसे इक्विटी मार्केट में हेजिंग के लिए लाया जाता है, जिससे निवेशक इक्विटी में रिस्क को मैनेज कर पाएं.

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