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India Trade Deficit: भारत का खजाना हो रहा है खाली, रूस-चीन समेत इन 5 देशों से व्यापार 'घाटे का सौदा'

इस साल अप्रैल-जून तिमाही के दौरान भारत का कुल निर्यात बढ़कर 121 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया. हालांकि इसी अवधि में भारत का आयात भी बढ़कर 190 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया. इस तरह जून तिमाही के दौरान भारत को 69 बिलियन डॉलर का व्यापार घाटा हुआ. इनमें 05 देशों का ही योगदान मिलाकर 55.2 बिलियन डॉलर का है.

तेजी से बढ़ा भारत का व्यापार घाटा (Photo: Reuters) तेजी से बढ़ा भारत का व्यापार घाटा (Photo: Reuters)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 7:17 PM IST
  • निर्यात बढ़ने के बाद भी ज्यादा व्यापार घाटा
  • क्रूड की अधिक कीमतें, कमजोर रुपया वजह

भारत सरकार देश का निर्यात (India Export) बढ़ाने की पुरजोर कोशिश कर रही है. इसमें सरकार को सफलता भी मिल रही है, लेकिन आयात (India Import) के बढ़ने की तेज रफ्तार से व्यापार घाटे के मोर्चे पर देश को निराशा हाथ लग रही है. रुपये कम कमजोर होने और कमॉडिटीज की कीमतें बढ़ने से जून तिमाही में भारत का कुल व्यापार घाटा (India Trade Deficit) बढ़कर 69 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया. इनमें 05 देशों का ही योगदान मिलाकर 55.2 बिलियन डॉलर का है.

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इस तरह बढ़ता गया घाटा

इस साल अप्रैल-जून तिमाही के दौरान भारत का कुल निर्यात बढ़कर 121 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया. हालांकि इसी अवधि में भारत का आयात भी बढ़कर 190 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया. इस तरह जून तिमाही के दौरान भारत को 69 बिलियन डॉलर का व्यापार घाटा हुआ. सीएमआईई इकोनॉमिक आउटलुक (CMIE Economic Outlook) के आंकड़ों के अनुसार, जून तिमाही के दौरान व्यापार घाटा एक तिमाही पहले यानी जनवरी-मार्च 2022 की तुलना में 14.5 बिलियन डॉलर बढ़ा है. सालाना आधार पर इसमें 37.5 बिलियन डॉलर की भारी-भरकम बढ़ोतरी देखने को मिली है. जून तिमाही के दौरान भारत को 34 देशों के साथ व्यापार घाटे का सामना करना पड़ा है. आइए देखते हैं कि वे 5 देश कौन हैं, जिनके साथ भारत को सबसे ज्यादा व्यापार घाटा हो रहा है...

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चीन (China): व्यापार के इस असंतुलन यानी आयात और निर्यात की खाई (India Export Import Gap) की बात करें तो पड़ोसी देश चीन पहले स्थान पर है. आंकड़ों के अनुसार, जून तिमाही के दौरान भारत ने चीन को महज 4.7 बिलियन डॉलर का निर्यात किया, जबकि चीन से भारत ने 24.3 बिलियन डॉलर का आयात किया. इस तरह चीन के साथ जून तिमाही में भारत का व्यापार घाटा 19.7 बिलियन डॉलर रहा. इस दौरान भारत ने चीन से 7.8 बिलियन डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक सामान, 6.5 बिलियन डॉलर के इंजीनियरिंग सामान, 5.5 बिलियन डॉलर के केमिकल्स और 2.4 बिलियन डॉलर के नॉन-इंजीनियरिंग सामानों की खरीदारी की. वहीं दूसरी ओर चीन ने भारत से इस दौरान 1.2 बिलियन डॉलर का एग्रीक्ल्चरल प्रोडक्ट्स, 697 मिलियन डॉलर का केमिकल्स और 623 मिलियन डॉलर का इंजीनियरिंग सामान खरीदा.

इराक (Iraq): भारत को दूसरा सबसे ज्यादा व्यापार घाटा इराक के साथ हो रहा है. जून तिमाही के दौरान भारत को इराक के साथ व्यापार में 11.3 बिलियन डॉलर का घाटा हुआ. भारत ने इस दौरान इराक से 11.4 बिलियन डॉलर का कच्चा तेल और 0.4 बिलियन डॉलर के पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स का आयात किया. वहीं भारत ने इस दौरान इराक को 312 मिलियन डॉलर के एग्रीकल्चरल प्रोडक्ट्स और 200 मिलियन डॉलर के केमिकल्स व अन्य मैन्यूफैक्चर्ड सामानों का निर्यात किया.

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सऊदी अरब (Saudi Arabia): व्यापार घाटा के मामले में सऊदी अरब तीसरे स्थान पर है. जून तिमाही में सऊदी अरब के साथ व्यापार में भारत को 9.3 बिलियन डॉलर का घाटा हुआ. इस दौरान भारत ने सऊदी अरब से 8.3 बिलियन डॉलर के क्रूड ऑयल का आयात किया. इसके अलावा भारत ने 1.5 बिलियन डॉलर के पेट्रोलियम उत्पादों और 1.3 बिलियन डॉलर के केमिकल्स व केमिकल उत्पादों का भी आयात किया. वहीं सऊदी अरब ने भारत से 575 मिलियन डॉलर के एग्रीकल्चरल प्रोडक्ट्स, 419 मिलियन डॉलर के केमिकल्स और 626 मिलियन डॉलर के इंजीनियरिंग सामानों की खरीदारी की.

रूस (Russia): यूक्रेन के साथ जंग शुरू होने के बाद रूस से भारत का क्रूड ऑयल इम्पोर्ट तेजी से बढ़ा है. इसका असर जून तिमाही के व्यापार के आंकड़ों में साफ दिख रहा है और इसके चलते व्यापार घाटा के मामले में रूस छलांग लगाकर चौथे स्थान पर पहुंच गया है. रूस से इस दौरान भारत ने 7 बिलियन डॉलर के क्रूड व पेट्रोलियम उत्पादों, 1.2 बिलियन डॉलर के केमिकल्स व फर्टीलाइजर्स और 01 बिलियन डॉलर के मिनरल्स व ओर्स का आयात किया. जबकि रूस ने इस दौरान भारत से 316 मिलियन डॉलर के केमिकल्स व अन्य मैन्यूफैक्चर्ड उत्पादों और 117 मिलियन डॉलर के एग्रीकल्चरल प्रोडक्ट्स का आयात किया.

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संयुक्त अरब अमीरात (UAE): इस लिस्ट में पांचवें नंबर पर खाड़ी देश संयुक्त अरब अमीरात है. इस देश के साथ जून तिमाही में भारत को 6.1 बिलियन डॉलर का व्यापार घाटा हुआ. आलोच्य अवधि के दौरान यूएई से भारत ने सबसे ज्यादा 8.6 बिलियन डॉलर के क्रूड ऑयल व पेट्रोलियम उत्पादों का आयात किया. इसके बाद 3.3 बिलियन डॉलर के हीरे-जवाहरात व कीमती पत्थरों और 1.1 बिलियन डॉलर के इंजीनियरिंग सामानों का स्थान रहा. वहीं भारत ने यूएई को 2.6 बिलियन डॉलर के पेट्रोलियम उत्पादों, 1.2 बिलियन डॉलर के इंजीनियरिंग सामानों, 792 मिलियन डॉलर के एग्रीकल्चरल प्रोडक्ट्स, 659 मिलियन डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक सामानों और 484 मिलियन डॉलर के केमिकल उत्पादों का निर्यात किया.

 

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