
बनना चाहते थे एक सफल क्रिकेटर. लेकिन एक गेंद बल्ले के बजाय सिर से जा टकराई, और फिर इस शख्स को हमेशा के लिए क्रिकेटर (Cricketer) बनने का सपना छोड़ा पड़ा. ये शुरुआती संघर्ष की कहानी उदय कोटक (Uday Kotak) की है. अगर 20 साल की उम्र में उदय कोटक के साथ क्रिकेट के मैदान में यह हादसा न हुआ होता, तो शायद वह दुनिया के सबसे अमीर बैंकर (Banker) न होते. आज उदय कोटक का जन्मदिन (Uday Kotak Birthday) है.
उदय कोटक आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है. उदय कोटक एक भारतीय बैंकर, कार्यकारी महाप्रबंधक और कोटक महिंद्रा बैंक के प्रबंध निदेशक हैं. उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र (Banking Sector) में कामयाबी के झंडे गाड़ दिए हैं. पिछले करीब 35 वर्षों में उदय कोटक के सामने कई संकट आए, लेकिन उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
18 साल से कोटक महिंद्रा बैंक की कमान
उदय कोटक करीब 18 साल से कोटक महिंद्रा बैंक का नेतृत्व कर रहे हैं. 22 मार्च 2003 को कोटक महिंद्रा फाइनेंस लिमिटेड को भारतीय रिजर्व बैंक से बैंकिंग लाइसेंस मिला था. भारत के कॉर्पोरेट इतिहास में यह पहली कंपनी थी, जिसे बैंकिंग के लिए हरी झंडी मिली थी. आज की तारीख में कोटक महिंद्रा बैंक (Kotal Mahindra Bank) का मार्केट कैप करीब 3.55 लाख करोड़ रुपये है.
उदय कोटक ने साल 1986 में आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) की मदद से एक गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी की शुरुआत की थी. इसकी शुरुआत महज 30 लाख रुपये की पूंजी के साथ हुई. बिल डिस्काउंट के काम के साथ शुरू हुई फर्म ने बाद में लोन पोर्टफोलियो, स्टॉक ब्रोकरिंग, इन्वेस्टमेंट बैंकिंग, इंश्योरेंस और म्यूचुअल फंड्स में विस्तार किया, और फिर 2003 में यह गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी कोटक महिंद्रा बैंक का रूप ले लिया.
पारिवारिक बिजनेस से अलग चलने का फैसला
उदय कोटक एक कारोबारी परिवार से आते हैं. इनका पारिवारिक बिजनेस कॉटन ट्रेडिंग का था. लेकिन इन्होंने परिवार से हटकर अलग राह चुनी. शुरू में परिवार इनसे सहमत नहीं था. लेकिन उदय कोटक के इरादे बुलंद थे, और 26 साल की उम्र में कोटक बैंक की नींव रख दी थी. उदय कोटक का जन्म 15 मार्च 1959 को एक गुजराती परिवार में हुआ था, उनका पूरा परिवार मुंबई में रहता है.
उदय कोटक बचपन में अच्छे क्रिकेटर के साथ-साथ पढ़ाई में भी मेधावी थे. उनका पसंदीदा विषय गणित रहा है, और गणित का छात्र बैंकिंग सेक्टर में कदम रखे तो कामयाबी थोड़ी आसान हो ही जाती है. उदय कोटक ने सिडनम कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली है. उसके बाद 'जमना लाल बजाज इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज' से MBA किया.
क्रिकेटर बनने का था सपना
20 साल की उम्र में उदय कोटक को जब क्रिकेट के मैदान में सिर पर गेंद लगी तो वो बेहोश होकर गिर पड़े. परिवार उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचा तो डॉक्टर ने कहा कि चोट ज्यादा है, इसलिए तुरंत ऑपरेशन करना पड़ेगा. इस चोट की वजह से उन्हें क्रिकेट के मैदान को अलविदा कहना पड़ा, और इससे उनकी पढ़ाई पर भी एक साल के लिए ब्रेक लग गया था.
पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद उदय कोटक ने 'कोटक कैपिटल मैनेजमेंट फाइनेंस लिमिटेड' से बिल डिस्काउंट सर्विस की शुरुआत की, फिर महिंद्रा ग्रुप का साथ मिलने के बाद यह कंपनी 'कोटक महिंद्रा फाइनेंस लिमिटेड' हो गई.
उदय कोटक के परिवार के बारे में (Uday Kotak Family)
कहा जाता है कि हर कायमाब इंसान के पीछे एक महिला का हाथ होता है. उदय कोटक की इस सफलता के पीछे उनकी पत्नी पल्लवी कोटक की बड़ी भूमिका है. ये दोनों साल 1985 में शादी के बंधन से बंधे. पल्लवी कोटक ने शुरुआती दिनों में उदय कोटक को नौकरी करने की जगह खुद का कारोबार शुरू करने की सलाह दी थी. इन दोनों के एक बेटा और एक बेटी है.
फोर्ब्स के मुताबिक उदय कोटक की कुल संपत्ति (Uday Kotak Net worth) में फिलहाल करीब 14 बिलियन डॉलर है. दुनियाभर के अमीरों की सूची में (नवंबर-2021) उदय कोटक 128वें पायदान पर हैं. कोरोना संकट के दौरान भी कोटक महिंद्रा बैंक ने अपनी बैलेंस शीट मजबूत करने के लिए पूंजी जुटाई और निवेशकों का विश्वास बढ़ाया.