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भारतीय रुपया जल्द बनेगा इंटरनेशनल करेंसी! Rupee में कारोबार पर 64 देशों ने दिखाई दिलचस्पी

रूस (Russia) के साथ Indian Currency Rupee में व्यापार की शुरूआत के बाद देश में अब तक 17 वोस्ट्रो खाते खुल चुके हैं. जर्मनी, इजरायल जैसे विकसित देशों समेत 64 देशों ने रुपये के जरिए कारोबार करने में दिलचस्पी दिखाई है.

इंटरनेशनल करेंसी बनने की ओर बढ़ रहा भारतीय रुपया इंटरनेशनल करेंसी बनने की ओर बढ़ रहा भारतीय रुपया
आदित्य के. राणा
  • नई दिल्ली,
  • 17 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 8:18 PM IST

भारतीय मुद्रा (Indian Currency) तेजी से इंटरनेशनल करेंसी बनने की तरफ आगे बढ़ रही है. रूस और श्रीलंका के बाद चार अफ्रीकी देशों समेत कई देश बहुत जल्दी भारत के साथ रुपये में कारोबार करने के लिए तैयार हैं. अभी तक भारत में 17 वोस्ट्रो खाते खोले जा चुके हैं जो दूसरे देशों के साथ रुपये में बिजनेस करने के लिए अनिवार्य हैं. यही नहीं जर्मनी-इजरायल समेत 64 देश भारत के साथ Rupee में ट्रेड सेटलमेंट के लिए बातचीत कर रहे हैं. अगर 30 देशों के साथ भारत का रुपए में कारोबार शुरु हो गया तो फिर रुपया अंतरराष्ट्रीय करेंसी बन जाएगा.

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डॉलर पर निर्भरता घटाने के लिए उठाया कदम

विदेशी व्यापार में डॉलर (Dollar) की निर्भरता कम करने के लिए भारत की तरफ से उठाया कदम कारगर साबित हो रहा है. RBI ने जुलाई 2022 में विदेशों से ब्याज आकर्षित करने और डॉलर पर निर्भरता घटाने के लिए रुपये में ट्रेड सेटलमेंट सिस्टम का प्रस्ताव किया था.  रूस के साथ रुपये में व्यापार की शुरूआत के बाद देश में 17 वोस्ट्रो खाते खुल चुके हैं.  जर्मनी, इजरायल जैसे विकसित देशों समेत 64 देशों ने रुपये के जरिए कारोबार करने में दिलचस्पी दिखाई है.

पहली बार एशियाई मुद्रा में कारोबार को तैयार जर्मनी

पहली बार यूरोपीय यूनियन में शामिल देश जर्मनी एशिया की किसी मुद्रा यानी भारतीय मुद्रा रुपये (Indian Currency Rupee) के साथ व्यापार करने के लिए आगे आया है. भारत का रुपया अगर 30 से ज्यादा देशों के साथ व्यापार करता है, तो फिर वो अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक मुद्रा का रूप ले सकता है. जर्मनी के साथ साथ ही इजरायल भी भारतीय मुद्रा में कारोबार करने के लिए बातचीत कर रहा है.

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डॉलर की कमी से रुपये को फायदा!

भारत के साथ रुपये में व्यापार करने में दिलचस्पी दिखाने वाले ज्यादातर देश, विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर की कमी का सामना कर रहे हैं. अभी तक मॉरीशस और श्रीलंका के लिए विशेष वोस्ट्रो खातों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मंजूरी दी है. ताजिकिस्तान, क्यूबा, लक्जमबर्ग और सूडान भी रुपये में ट्रेड सेटलमेंट करने के लिए बातचीत कर रहे हैं. इसके अलावा बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार जैसे पड़ोसी देश भी इस बारे में गंभीरता से विचार कर रहे हैं.

भारत के लिए कैसे फायदेमंद?

दूसरे देशों से रुपये में लेन-देन से भारतीय व्यापार के लिए जोखिम कम होगा. कच्चे तेल (Crude Oil) समेत आयात किए जाने वाले ज्यादातर सामान का भुगतान रुपये के माध्यम से किया जाएगा जिससे हर साल अरबों डॉलर बचेंगे. मुद्रा की अस्थिरता से सुरक्षा मिलेगी जिससे कारोबार की लागत घटेगी और व्यापार का बेहतर तरीके से विकास होगा. इससे भारतीय व्यापार में ग्लोबल स्तर पर सुधार हो सकता है. डॉलर समेत विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) रखने की ज़रुरत भी कम होगी. विदेशी मुद्रा खासकर डॉलर पर निर्भरता घटने से भारत पर बाहरी प्रभावों का कम असर होगा.


17 बैंक ब्रांच में खुले वोस्ट्रो खाते  

रुपये में व्यापार को आसान बनाने के लिए 17 भारतीय बैंक शाखाओं ने रुपये में विदेशी व्यापार की सुविधा के लिए विदेशों में भागीदार व्यापारिक बैंकों के साथ विशेष वोस्ट्रो खाते खोले हैं. 12 भारतीय बैंकों की लिस्ट में भारतीय स्टेट बैंक, केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक, एचडीएफसी बैंक, इंडसइंड बैंक, यस बैंक और आईडीबीआई बैंक शामिल हैं. इसके बाद अगर कोई भारतीय खरीदार किसी विदेशी व्यापारी के साथ रुपये में लेन-देन करना चाहता है तो सारी रकम वोस्ट्रो खाते में जमा की जाएगी. जब भारतीय निर्यातक को सप्लाई किए गए सामान के लिए भुगतान करने की जरूरत होगी तो इस वोस्ट्रो खाते से कटौती की जाएगी और पैसा निर्यातक के खाते में जमा किया जाएगा.

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डॉलर की मजबूती से इंपोर्ट महंगा

बीते कुछ महीनों में डॉलर के मजबूत होने से दुनिया भर के कई देशों के लिए इम्पोर्ट महंगा हो रहा है. इससे एक विकल्प की ज़रुरत महसूस होने लगी थी. अब रुपये में कारोबार शुरु होने के बाद उम्मीद है जिससे कि अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम होगी. भारत के लिहाज से देखें तो फिलहाल डॉलर की जरूरत को पूरा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत रुपया बेचता है. लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है. रुपये की बिक्री के लिए आसानी से खरीदार नहीं मिलता है.

कंवर्जन फीस बचाने में मदद मिलेगी

रुपये में व्यापार बढ़ने के साथ ही RBI को भारतीय मुद्रा के लिए खरीदार तलाशने की जरूरत नहीं होगी. इससे भारतीय रुपये की डिमांड में इजाफा होगा. इंटरनेशनल बैंकों को कंवर्जन फीस नहीं भेजने से जो रकम जमा होगी वो देश के भीतर काम आएगी. भारत का Rupee ट्रेड सेटलमेंट सिस्टम इंटरनेशनल लेन-देन के लिए डॉलर और दूसरी बड़ी मुद्राओं की जगह रुपये का इस्तेमाल करने का एक तरीका है. वस्तुओं और सेवाओं के इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट के लिए देशों को विदेशी मुद्रा में भुगतान करना पड़ता है. US Dollar दुनिया में हर जगह मान्यता प्राप्त मुद्रा है, इसलिए ज्यादातर लेन-देन डॉलर में ही किए जाते हैं.

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कैसे खुलता है वोस्ट्रो खाता?

विदेश का कोई बैंक स्पेशल वोस्ट्रो खाता खोलने के लिए भारत में एडी बैंक से संपर्क कर सकता है. भारतीय AD बैंक RBI से इसके लिए मंजूरी प्राप्त करता है. केंद्रीय बैंक से की मंजूरी मिलने के बाद भारतीय एडी बैंक में विशेष रुपया वोस्ट्रो खाता शुरु कर दिया जाता है. दोनों पक्षों के बीच रुपये में ट्रेड शुरू होने के साथ ही करेंसी का एक्सचेंज रेट, मार्केट रेट पर तय कर लिया जाता है. इसके बाद दोनों पक्ष आपसी सहमति से रुपये में कारोबार शुरु कर सकते हैं.

 

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