Advertisement

Dollar vs Rupee: भारतीय छात्रों का विदेश में पढ़ने का सपना हुआ महंगा, गिरते रुपये का गहरा असर

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा के कमजोर होने से विदेश में पढ़ाई करने का प्लान कर रहे छात्रों के बजट पर और अधिक बोझ बढ़ेगा. भारत से 13.24 लाख से अधिक छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेश गए हैं.

डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ भारतीय रुपया
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 3:40 PM IST
  • विदेश में पढ़ने वाले छात्रों पर बढ़ेगा वित्तीय बोझ
  • अमेरिका में सबसे अधिक भारतीय छात्र

डॉलर (Dollar) के मुकाबले भारतीय रुपये (Indian Currency) की सेहत फिलहाल सुधरती नहीं दिख रही है. पिछले कुछ दिनों से डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में तेजी से गिरावट आई है और अब ये लगभग 80 रुपये तक पहुंच गया है. गुरुवार को अमेरिकी डॉलर (USD) के मुकाबले भारतीय रुपया 79.99 पर बंद हुआ था. रुपया डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर पर लुढ़क चुका है और इसके साथ ही विदेश में पढ़ने वाले छात्रों और उनके माता-पिता की मुश्किलें बढ़ गई हैं. अमेरिका में पढ़ रहे स्टूडेंट्स को अब अधिक पैसे खर्च करने पड़ेंगे.

Advertisement

बढ़ेगा वित्तीय बोझ

पीटीआई के अनुसार, अमेरिका (America) में पढ़ाई करने की योजना बना रहे है एक छात्र ने कहा कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है. इस वजह विदेश में पढ़ाई करने की चाहत रखने वालों की चिंताएं बढ़ गई हैं, क्योंकि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा के कमजोर होने से विदेश में पढ़ाई का प्लान कर रहे छात्रों के बजट पर और अधिक बोझ बढ़ेगा. 

अमेरिका में सबसे अधिक भारतीय छात्र

पिछले हफ्ते रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 80 के अंक को छूकर अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया था. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत से 13.24 लाख से अधिक छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेश गए हैं. इनमें से सबसे अधिक छात्र अमेरिका में हैं. अमेरिका में भारतीय छात्रों की संख्या 4.65 लाख है. वहीं, कनाडा में 1.83 लाख, संयुक्त अरब अमीरात में 1.64 लाख और ऑस्ट्रेलिया 1.09 लाख छात्र पढ़ाई के लिए गए हैं.

Advertisement

कैसे बढ़ रहा छात्रों का खर्च

विदेशों में पढ़ाई के लिए ट्यूशन फीस और रहने के खर्च के लिए छात्रों को बड़ी राशि खर्च करनी पड़ती है. रुपये में गिरावट का मतलब फीस और रहने के खर्च में बढ़ोतरी होना है. क्योंकि पहले की तुलना में एक डॉलर रुपये के मुकाबले महंगा हो जाएगा. मान लीजिए कि जब डॉलर के मुकाबले रुपये की वैल्यू 70 रुपये थी. तब अमेरिका में भारतीय छात्रों को 70 रुपये के एक्सचेंज पर 1 डॉलर मिल जाते थे. अब 1 डॉलर के लिए छात्रों को 80 रुपये खर्च करने पड़ेंगे.  

विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट

भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक तेजी कई अंतरराष्ट्रीय कारणों की वजह से रुपये में लगातार गिरावट देखी जा रही है. इस बीच देश के विदेशी मुद्रा भंडार (India's Forex Reserve) में तेजी से गिरावट आई है. देश का व्यापार घाटा भी बढ़ा है. जून में देश का व्यापार घाटा 26.18 अरब डॉलर रहा है. रुपये को संभालने के लिए आरबीआई ने खुले मार्केट में डॉलर की बिक्री भी की है, लेकिन अभी तक इसका असर दिख नहीं रहा है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement