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Indian Wheat Export: सरकार ने दी गेहूं के निर्यात की मंजूरी, सिर्फ ऐसे व्यापारी कर पाएंगे एक्सपोर्ट

Indian Wheat Export: सरकार की ओर से गेहूं के निर्यात की मंजूरी दी जा रही है, लेकिन इसके लिए कुछ नियम तय किए गए हैं. रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग ने ग्लोबल मार्केट में गेहूं की सप्लाई को बुरी तरह से प्रभावित किया है.

गेहूं के निर्यात पर सरकार ने लगाया है बैन गेहूं के निर्यात पर सरकार ने लगाया है बैन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 12:08 PM IST
  • सरकार ने गेहूं के निर्यात पर लगाया है प्रतिबंध
  • रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से बढ़ी परेशानी

गेहूं के निर्यात पर लगे बैन (Indian Wheat Export Ban) के करीब दो महीने बाद सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय (Commerce Ministry) के तहत आने वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने करीब 16 लाख टन गेहूं के निर्यात के लिए रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी किया है. ये सर्टिफिकेट सिर्फ उन्हीं निर्यातकों को दिया गया है, जिनके पास लेटर ऑफ क्रेडिट (LC) है. भारत सरकार ने 13 मई को गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था.

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किसे मिली एक्सपोर्ट की मंजूरी

सरकार गेहूं के उस खेप के निर्यात के लिए अनुमति दे रही है, जिसके लिए लेटर ऑफ क्रेडिट 13 मई या उससे पहले जारी कर दिए गए थे. सरकार ने देश में बढ़ी अनाज की कीमतों पर काबू पाने के लिए गेहूं के निर्यात को प्रतिबंधित किया है. रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग (Russia-Ukraine War) ने ग्लोबल मार्केट में गेहूं की सप्लाई को बुरी तरह से प्रभावित किया है. दोनों ही देश गेहूं के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक हैं. रूस और यूक्रेन मिलकर वैश्विक गेहूं आपूर्ति का लगभग एक चौथाई हिस्सा पूरा करते हैं.

16 लाख टन के लिए मंजूरी

वैध लेटर ऑफ क्रेडिट वाले निर्यातकों को अपनी खेप भेजने के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय के पास रजिस्ट्रेशन करना होगा. इसके बाद उन्हें गेहूं के एक्सपोर्ट के लिए मंजूरी मिलेगी. विदेश व्यापार महानिदेशालय के क्षेत्रीय अधिकारी निर्यातकों को आरसी जारी करेंगे. पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारी ने कहा कि अब तक लगभग 16 लाख टन गेहूं के निर्यात के लिए आरसी जारी किए जा चुके हैं. रूस ने तुर्की के माध्यम से गेहूं का निर्यात शुरू कर दिया है. वैश्विक बाजारों में अब कीमतें स्थिर हो सकती हैं.

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पिछले साल कितना निर्यात

अन्य देशों की तुलना में भारतीय गेहूं की बेहतर मांग के कारण 2021-22 में भारत ने 70 लाख टन गेहूं का निर्यात किया था. इसकी कीमत करीब 2.05 बिलियन अमरीकी डॉलर थी. पिछले वित्त वर्ष में कुल गेहूं निर्यात में से लगभग 50 प्रतिशत शिपमेंट बांग्लादेश को भेजा गया था. 2020-21 में भारतीय गेहूं का सबसे अधिक आयात करने वाले देश की बात करें, तो इसमें बांग्लादेश, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात, श्रीलंका, यमन और अफगानिस्तान जैसे देश शामिल थे.

भारत में गेहूं का उत्पादन

भारत गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है. भारत ने 2020 में दुनिया के कुल उत्पादन में लगभग 14 प्रतिशत का योगदान दिया था. भारत सालाना लगभग 107.59 मिलियन टन गेहूं का उत्पादन करता है, लेकिन इसका एक बड़ा हिस्सा घरेलू खपत में जाता है. भारत में प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार और गुजरात हैं.

 

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