
इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank) बीते कुछ दिनों से खासी चर्चा में है. दरअसल, रिजर्व बैंक द्वारा लिए गए एक फैसले के बाद इसके शेयर में शुरू हुई गिरावट बढ़ती चली गई और निवेशकों में हड़कंप मच गया. IndusInd Bank Share भरभराकर टूटने की वजह से बैंक की फाइनेंशियल हेल्थ को लेकर भी अटकलें तेज हो गईं, लेकिन इस बीच अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा है कि ये बैंक फाइनेंशियली स्थिर और अच्छी तरह से पूंजीकृत है.
4 दिन में 26% टूटा बैंक का शेयर
इंडसइंड बैंक के शेयर में आई भारी गिरावट का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि ये महज 4 कारोबारी दिनों में ही IndusInd Stock 26 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है और निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. बीते 10 मार्च को ये स्टॉक 909.25 रुपये पर ओपन हुआ था और 13 मार्च को ये 672.65 रुपये पर क्लोज हुआ था. बता दें कि 14 मार्च को शेयर बाजार में हॉलिडे थे यानी कोई ट्रेडिंग नहीं की गई थी.
शेयर में गिरावट से इतना रह गया MCap
IndusInd Bank के शेयर में आई इस बड़ी गिरावट का असर बैंक के मार्केट कैपिटल पर भी देखने को मिला है और ये घटकर 5,2350 करोड़ रुपये रह गया है. इस बैंकिंग शेयर के 52 वीक का हाई लेवल 1576.35 रुपये है, जबकि इसका 52 वीक का लो-लेवल 606 रुपये है. बीते एक महीने में इस शेयर में 35.83 फीसदी की गिरावट आ चुकी है.
यहां बता दें कि इंडसइंड बैंक के शेयर में तेज गिरावट का सिलसिला तब शुरू हुआ, जब केंद्रीय बैंक (RBI) ने बैंक के CEO का कार्यकाल तीन साल की बजाय सिर्फ 1 साल के लिए बढ़ाया है, जिसके बाद यह बात साफ हो चुकी है कि आरबीआई मौजूदा मैनेजमेंट को लेकर खुश नहीं है. इसके बाद तमाम ब्रोकरेज ने इसका टारगेट घटाना शुरू कर दिया और शेयर टूटते चला गया.
RBI ने बैंक को लेकर क्या कहा?
भारतीय रिजर्व बैंक ने शनिवार को इंडसइंड बैंक को लेकर चल रही अटकलों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि बैंक ने 31 दिसंबर, 2024 को समाप्त तिमाही के लिए 16.46% का पूंजी पर्याप्तता अनुपात (Capital Adequacy Ratio) और 70.20% का प्रोविजन कवरेज रेशियो दर्ज किया. आरबीआई के अनुसार, बीते 9 मार्च, 2025 तक इसका लिक्विडिटी कवरेज रेशियो 113% था, जो 100% की रेग्युलेटरी आवश्यकता से अधिक है.
बैंक से जुड़ी ये जानकारी शेयर करने के साथ ही आरबीआई ने ग्राहकों से अपील की कि वे किसी भी प्रकार की अटकलबाजियों पर प्रतिक्रिया न करें, इसके साथ ही कहा कि इंडसइंड बैंक की फाइनेंशियल हेल्थ संतोषजनक बनी हुई है और वह नियामकीय निगरानी में है.
(नोट- शेयर बाजार में किसी भी तरह के निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें.)