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इंफोसिस चेयरमैन ने बताया महाभारत के इस पात्र को करता हूं फॉलो, मिलती है सफलता!

ब्रिटिश पीएम Rishi Sunak के ससुर नारायण मूर्ति (NR Narayana Murthy) ने आगे कहा कि बिजनेसमैन के जीवन में ऐसे समय आते हैं जब आपको तर्क से परे जाकर आस्था को अपनाना पड़ता है और यही वह समय होता है जब ईश्वर में आपका विश्वास फलीभूत होगा.

इंफोसिस को-फाउंडर एन आर नारायण मूर्ति इंफोसिस को-फाउंडर एन आर नारायण मूर्ति
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 10:08 PM IST

भारतीय आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी इंफोसिस (Infosys) के को-फाउंडर एन आर नारायण मूर्ति (NR Narayana Murthy) किसी पहचान के मोहताज नहीं है, बिल्कुल सादा जीवन जीने वाले नारायण मूर्ति ब्रिटेन के भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के ससुर भी हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं इनकी सफलता का क्या राज है? कैसे नारायण मूर्ति ने महज 10,000 रुपये उधार लेकर इंफोसिस की नींव रखी और आज ये कॉर्पोरेट सेक्टर में टॉप पोजिशन पर है? 

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नारायरण मूर्ति ने हटाया राज से पर्दा
बिजनेस टुडे पर छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, Infosys को-फाउंडर ने नारायण मूर्ति ने एक इंटरव्यू के दौरान खुलासा किया कि वह भगवद गीता से बहुत प्रेरित हैं. इस दौरान उन्होंने ये भी बताया कि महाभारत का कौन सा चरित्र उनके लिए सबसे ज्यादा प्रेरणादायक है और कैसे उन्होंने अपने जीवन में महाभारत के चरित्रों का अनुकरण करने की कोशिश की है. अरबपति बिजनेसमैन ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि एक कारोबारी के जीवन में ऐसे समय भी आते हैं, जब उन्हें आस्था और ईश्वर को अपनाना पड़ता है.

महभारत का ये किरदार है फेवरेट
एन आर नारायण मूर्ति ने कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि महाभारत से जिस चरित्र ने मुझे सबसे ज्यादा प्रेरित किया है वह 'कर्ण' और उसकी उदारता है. इसी तरह मैं बड़ा हुआ हूं. इंफोसिस को-फाउंडर की मानें तो वह इंफोसिस से जमा हुई संपत्ति को अपने सहयोगियों और कंपनी के अन्य सदस्यों के साथ बांटने में उदार रहे हैं. नायारण मूर्ति ने कहा कि मैं यथासंभव हद तक निष्पक्ष था, मैंने उन लोगों की संगति का आनंद लिया जो सोचते थे कि इंफोसिस उनकी कंपनी है. मैंने उन लोगों की संगति का आनंद लिया जिन्होंने कई मायनों में मुझसे अधिक उत्साह दिखाया. मैं जानता था कि ऐसा करने के लिए, मैं यह नहीं कह सकता कि मैं प्रमुख हिस्सेदारी अपने पास रखूंगा.

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भगवद गीता का दिया हवाला
ब्रिटिश पीएम के ससुर नारायण मूर्ति ने आगे कहा कि बिजनेसमैन के जीवन में ऐसे समय आते हैं जब आपको तर्क से परे जाकर आस्था को अपनाना पड़ता है और यही वह समय होता है जब ईश्वर में आपका विश्वास फलीभूत होगा. उन्होंने भगवद गीता का हवाला देते हुए कहा, 'जैसा कि भगवद गीता कहती है... जो कुछ भी आप करते हैं, जो कुछ भी आपको करना चाहिए, उसे सर्वोत्तम तरीके से, सर्वोत्तम संभव तरीके से करें और बाकी ईश्वर पर छोड़ दें.

पत्नी सुधा मूर्ति बोलीं, 'सफल पुरुष सामान्य नहीं...' 
इस कार्यक्रम में नारायण मूर्ति के साथ उनकी पत्नी और उनकी सफलता के सफर में हर मोड़ पर कदम से कदम मिलाकर चलीं सुधा मूर्ति ने भी शिरकत की थी. उन्होंने अपने पति के बारे में बोलते हुए कहा कि सफल पुरुष 'सामान्य' नहीं होते हैं. सुधा मूर्ति ने आगे कहा कि 'मैं बस आप सभी को यह बताना चाहती हूं कि एक अधिक सफल आदमी के साथ व्यवहार करना बहुत मुश्किल है. वे सामान्य नहीं हैं, वे सनकी हैं, उनके पास घर पर कोई तर्क नहीं है, यह केवल कार्यालय में ही होता है. सुधा मूर्ति ने यह भी कहा कि उनके अनुभव के अनुसार सफल पुरुष अपने खास लोगों से बहुत अधिक उम्मीद करते हैं. 

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