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US साइबर हमले से जुड़े मुकदमों पर Infosys का बड़ा फैसला, 17.5 मिलियन डॉलर में किया समझौता

इंफोसिस ने अपने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि नवंबर 3 2023 को जारी बयान और वित्तीय रिपोर्टों में दिए गए अपडेट के अनुसार, कंपनी ने इन मुकदमों के निपटारे के लिए समझौता कर लिया है. यह समझौता मैककैमिश और इसके कुछ ग्राहकों के खिलाफ दायर किए गए मुकदमों को समाप्त करेगा.

मैककैमिश ने मामलों को निपटाने के लिए 17.5 मिलियन डॉलर का भुगतान करने पर सहमति व्यक्त की है मैककैमिश ने मामलों को निपटाने के लिए 17.5 मिलियन डॉलर का भुगतान करने पर सहमति व्यक्त की है
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 4:03 PM IST

इंफोसिस ने अमेरिका में अपनी सहायक कंपनी इंफोसिस मैककैमिश सिस्टम्स (McCamish) से जुड़े एक साइबर हमले के कारण अमेरिका में दायर किए गए छह वर्ग कार्रवाई (क्लास एक्शन) मुकदमों के निपटारे के लिए 17.5 मिलियन डॉलर चुकाने पर सहमति जताई है. यह साइबर हमला नवंबर 2023 में हुआ था, जिससे मैककैमिश के कुछ एप्लिकेशन और सिस्टम प्रभावित हुए थे.

इंफोसिस ने अपने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि नवंबर 3 2023 को जारी बयान और वित्तीय रिपोर्टों में दिए गए अपडेट के अनुसार, कंपनी ने इन मुकदमों के निपटारे के लिए समझौता कर लिया है. यह समझौता मैककैमिश और इसके कुछ ग्राहकों के खिलाफ दायर किए गए मुकदमों को समाप्त करेगा.

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कंपनी ने कहा कि 13 मार्च 2025 को मैककैमिश और वादी (मुकदमा करने वाले पक्ष) के बीच मध्यस्थता हुई, जिसके बाद समझौते के मूल सिद्धांतों पर सहमति बनी. इस समझौते में मैककैमिश और उसके ग्राहकों के खिलाफ दायर सभी मुकदमों के निपटारे की शर्तें शामिल हैं.

समझौते की शर्तें और आगे की प्रक्रिया

इस समझौते के तहत, मैककैमिश 17.5 मिलियन डॉलर का भुगतान करेगा, जिससे मुकदमों का निपटारा किया जाएगा. हालांकि, यह प्रस्ताव अभी वादी पक्ष द्वारा पुष्टि और उचित जांच के अधीन है. अंतिम समझौते की शर्तें तय होने और अदालत की प्रारंभिक और अंतिम मंजूरी मिलने के बाद ही इसे लागू किया जाएगा. इंफोसिस ने स्पष्ट किया कि यह समझौता किसी भी प्रकार की कानूनी जिम्मेदारी स्वीकार किए बिना किया जा रहा है.

साइबर हमले का खुलासा और सुरक्षा उपाय

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बता दें कि इंफोसिस ने पहली बार नवंबर 2023 में इस साइबर हमले की जानकारी दी थी. कंपनी ने कहा था कि वह एक साइबर सुरक्षा प्रदाता के साथ मिलकर इस समस्या को हल करने में जुटी है और स्वतंत्र जांच के जरिए इसके प्रभाव का आकलन कर रही है. कंपनी ने जोर दिया कि डेटा सुरक्षा और साइबर सुरक्षा उसकी प्राथमिकताओं में शामिल हैं. हालांकि, यह समझौता अभी भी कानूनी प्रक्रियाओं से गुजरेगा और अदालत की अंतिम मंजूरी के बाद ही इसे लागू किया जाएगा.

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