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दिग्गज आईटी कंपनियों का हाल, सेलेक्ट करने के बाद भी भर्ती में कर रही हैं देरी

कई दिग्गज आईटी कंपनियां नए कर्मचारियों की ऑनबोर्डिंग की प्रक्रिया को टाल रही हैं. पहले विप्रो (Wipro) और कैपजेमिनी (Capegemini) ऐसा कर रही थी. अब खबर है कि इंफोसिस (Infosys), एचसीएल टेक (HCL Tech) और टेक महिंद्रा (Tech Mahindra) ने भी ऑनबोर्डिंग की प्रक्रिया को टाल दिया है.

ऑनबोर्डिंग में हो रही देरी ऑनबोर्डिंग में हो रही देरी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:04 AM IST

आईटी सेक्टर (IT Sector) से इन दिनों हर रोज नई-नई खबरें आ रही हैं. दी ग्रेट रेजिग्नेशन (The Great Resignation) और मूनलाइटिंग (Moonlighting) विवाद के बीच अब यह सेक्टर नए विवाद की चपेट में है. कई दिग्गज आईटी कंपनियां नए कर्मचारियों की ऑनबोर्डिंग की प्रक्रिया को टाल रही हैं. पहले विप्रो (Wipro) और कैपजेमिनी (Capegemini) ऐसा कर रही थी. अब खबर है कि इंफोसिस (Infosys), एचसीएल टेक (HCL Tech) और टेक महिंद्रा (Tech Mahindra) ने भी ऑनबोर्डिंग की प्रक्रिया को टाल दिया है.

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तनाव से गुजर रहे हैं कैंडिडेट

आज तक की सहयोगी वेबसाइट बिजनेस टुडे ने कुछ दिनों पहले खबर दी थी कि विप्रो और कैपजेमिनी नए कर्मचारियों की ऑनबोर्डिंग में देरी कर रही हैं. अब टेक प्रोफेशनल्स ने इंफोसिस, एचसीएल टेक और टेक महिंद्रा पर भी ऐसा ही करने का आरोप लगाया है. एक युवा टेक प्रोफेशनल ने बिजनेस टुडे को बताया कि उसे तीनों टॉप आईटी कंपनियों से ऑफर मिले हैं, लेकिन भर्ती नहीं कराने के कारण अब वित्तीय व मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है.

साल भर पहले सेलेक्शन के बाद भी देरी

कैंडिडेट ने बताया, 'मुझे इंफोसिस, विप्रो और कैपजेमिनी से ऑफर मिले हैं. ये ऑफर पिछले साल सितंबर में ही मिले थे. अब एक साल से ज्यादा हो चुका है, लेकिन वे ऑनबोर्डिंग की तारीख को बढ़ाते जा रहे हैं. मेरे पिता दिहाड़ी मजदूर हैं और मैं तीन मल्टीनेशनल कंपनियों का ऑफर होने के बाद भी कमा पाने में असमर्थ हूं. मेरे जीवन का पूरा एक साल इस कारण बर्बदा हो गया है.'

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यह किसी एक इंसान की कहानी नहीं है, बल्कि कई अन्य टेक प्रोफेशनल भी इस दिक्कत का सामना कर रहे हैं. ऑनबोर्डिंग में देरी से उन लोगों को अधिक ही समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जो एजुकेशन लोन चुका रहे हैं. एक अन्य कैंडिडेट ने बिजनेस टुडे को बताया, 'मुझे जब 22 अप्रैल को इंफोसिस से सिस्टम्स इंजीनियर का ऑफर मिला तो मेरा परिवार खूब खुश था. मैं भी निश्चिंत था कि मैं अपना एजुकेशन लोन चुका सकूंगा. हालांकि 06 महीने गुजर चुके हैं और वे ज्वाइनिंग डेट बढ़ाते जा रहे हैं.'

इंफोसिस ने नहीं किया रिस्पॉन्स

जब एक परेशान कैंडिडेट ने इंफोसिस से संपर्क किया और ऑनबोर्डिंग में देरी से हो रही वित्तीय परेशानियों के बारे में बताया, तो कंपनी ने कहा, 'इस बारे में अवगत रहें कि हम अपनी बिजनेस जरूरतों के हिसाब से ज्वाइनिंग की डेट दे रहे हैं. हम आपकी ज्वाइनिंग डेट से कम से कम 2-3 सप्ताह पहले आपको ज्वाइनिंग कम्यूनिकेशन भेज देंगे.' हालांकि जब बिजनेस टुडे ने इस बारे में इंफोसिस से संपर्क किया तो खबर लिखे जाने तक कंपनी की कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई.

एचसीएल टेक का आरोप से इनकार

कई लोगों का दावा है कि टेक महिंद्रा और एचसीएल टेक में भी ऑनबोर्डिंग में देरी हो रही है. एक टेक प्रोफेशनल ने बताया, 'मुझे एचसीएल टेक्नोलॉजी में सेलेक्ट हुए एक साल से ज्यादा हो गए. उन्होंने बाद वाले बैच को ऑनबोर्ड कर लिया है, लेकिन मेरे बैच की ऑनबोर्डिंग को लेकर कोई अपडेट नहीं है.' एक अन्य आईटी फ्रेशर ने भी कहा कि उसे एक साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी ज्वाइनिंग की डेट नहीं मिली है. हालांकि एचसीएल टेक के एक प्रवक्ता ने इस बारे में बिजनेस टुडे से कहा कि फ्रेशर्स की ऑनबोर्डिंग में कोई देरी नहीं हो रही है.

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(आकांक्षा चतुर्वेदी की रिपोर्ट)

 

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