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70-Hour Work Week: संसद में उठा हफ्ते में 70 घंटे काम वाला मुद्दा, सरकार ने बताया क्या है अपना नजरिया!

संसद में सोमवार को तीन विपक्षी सांसदों ने इंफोसिस को-फाउंडर नारायण मूर्ति (NR Narayana Murthy) द्वारा शेयर किए गए सप्ताह में 70 घंटे काम (70-Hour Work In Week) के विचार पर सरकार के रुख के बारे में जानने के लिए सवाल किया था.

तीन विपक्षी सांसदों ने सप्ताह में 70 घंटे काम के विचार पर पूछा सरकार का रुख तीन विपक्षी सांसदों ने सप्ताह में 70 घंटे काम के विचार पर पूछा सरकार का रुख
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 4:51 PM IST

देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस (Infosys) के को-फाउंडर नारायण मूर्ति (NR Narayana Murthy) पिछले महीने से खासे चर्चा में रहे हैं. ऐसा हो भी क्यों ना, आखिर जिस देश में सराकरी ही नहीं बल्कि प्राइवेट संस्थानों में भी 8-9 घंटे का वर्किंग कल्चर है, वहां पर हर रोज करीब 12 घंटे काम यानी सप्ताह में 70 घंटे वर्किंग (70 Hour Work) के लिए कहा जाए, तो हैरानी तो होगी ही. देश में चर्चा का विषय बना ये मुद्दा अब संसद (Parliament) में भी गूंजा है और सरकार ने इस पर अपनी राय साफ की है. 

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मंत्री रामेश्वर तेली ने साफ किया सरकार का रुख 
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, संसद में सोमवार को तीन विपक्षी सांसदों ने इंफोसिस को-फाउंडर नारायण मूर्ति द्वारा शेयर किए गए सप्ताह में 70 घंटे काम (70-Hour Work In Week) के विचार पर सरकार के रुख के बारे में जानने के लिए सवाल किया था. इन संसद सदस्यों के सवाल का जवाब देते हुए केंद्र श्रम और रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली (Rameswar Teli) ने कहा, 'हफ्ते में 70 घंटे काम करने से संबंधित ऐसा किसी भी तरह का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है.

क्या कहा था इंफोसिस को-फाउंडर ने?
गौरतलब है कि नारायण मूर्ति ने पिछले महीने एक पॉडकास्ट 'द रिकॉर्ड' के लिए इंफोसिस के पूर्व CFO मोहनदास पई से बात करते हुए ये बात कहा था कि जब देश के युवा हफ्ते में 70 घंटे काम करेंगे, तभी भारत उन अर्थव्यवस्थाओं के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकेगा, जिन्होंने पिछले दो से तीन दशकों में कामयाबी हासिल की है. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि मौजूदा समय में भारत की वर्क प्रोडक्टिविटी दुनिया में सबसे कम है, जबकि हमारा सबसे ज्यादा मुकाबला चीन से है और इसलिए युवाओं को अतिरिक्त घंटे काम करना होगा, जैसा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जापान और जर्मनी ने किया था.

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इन तीन सांसदों ने पूछा था सवाल
NR Narayana Murthy के इस विचार को लेकर पूरे देश में नई बहस छिड़ गई थी और उद्योग जगत के दिग्गजों ने इसे लेकर टिप्पणियां की थीं. हालांकि, सुर्खियों में रहे इस मुद्दे को लेकर सरकार की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई थी. अब इस मामले में संसद में तीन विपक्षी सदस्यों ने इस मुद्दे पर सरकार का विचार जानने के लिए सवाल किया, जिसपर श्रम और रोजगार मंत्री ने सरकार का रुख साफ किया है. तीनों सांसदों कांग्रेस के कोमाटी वेंकट रेड्डी, भारत राष्ट्र समिति के मन्ने श्रीनिवास रेड्डी और वाईएसआरसीपी नेता कनुमुरु रघु राम कृष्ण राजू ने अपने सवाल में पूछा था कि क्या सरकार को प्रतिस्पर्धी बनाने और प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए इंफोसिस को-फाउंडर के प्रस्ताव का मूल्यांकन कर रही है?

नारायण मूर्ति ने दीं और भी कई सलाह 
एनआर नारायण मूर्ति ने ना केवल 70 घंटे काम की सलाह दी थी, बल्कि हाल ही में उन्होंने कहा था कुछ और मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए है. बीते दिनों बेंगलुरु में टेक समिट 2023 के 26वें संस्करण में उन्होंने ने कहा था कि कुछ भी मुफ्त में नहीं दिया जाना चाहिए.  Infosys Co-Founder ने मुफ्त में किसी भी तरह की सेवाएं देने पर बात करते हुए कहा कि मैं फ्री सर्विसेज के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन सरकार द्वारा दी जाने वाली सेवाओं (Services) और सब्सिडी (Subsidy) का लाभ उठाने वाले लोगों को समाज की भलाई के लिए योगदान देना चाहिए.

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इसके अलावा टेक दिग्गज ने देश के युवाओं को निखारने के लिए अधिक अंग्रेजी माध्यम के स्कूल स्थापित करने, 3 पालियों में काम करने और चीन के साथ कॉम्पिटीशन करने के लिए त्वरित निर्णय लेने के लिए भी कहा.

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