
रॉकेट की बारिश, गोलियों की गड़गड़ाहट और चारों ओर धुंए का गुबार, शनिवार को इजराइल (Israel) के कई क्षेत्रों में फिलिस्तीनी ग्रुप हमास (Hamas) द्वारा कथित तौर पर दनादन 5000 रॉकेट दागने के बाद से शुरू हुई जंग ने अब विकराल रूप ले लिया है. इजराइल ने भी गाजा पट्टी (Gaza Patti) पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया है. दोनों और की इस जंग में अब तक 700 इजराइली और 450 फिलिस्तीनियों के मारे जाने की खबर है, जबकि हजारों लोग इसमें घायल हैं.
इस सबके बीच बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि इजराइल जैसे मजबूत देश के साथ हमास जैसी आतंकवादी समूह इतनी कड़ी टक्कर कैसे ले रहा है? आखिर इतने अत्याधुनिक हथियार और गोला बारूद वो कैसे अरेंज करता है और कहां से होती है इसकी फंडिंग (Hamas Funding)? आइए विस्तार से जानते हैं...
आखिर क्या है फिलिस्तीन का हमास?
Israel पर हमला कर दुनियाभर में फिर से सुर्खियों में आया हमास (Hamas) एक फिलिस्तीनी इस्लामी आतंकवादी संगठन है, जिसका गाजा पट्टी पर कब्जा है. इस संगठन ने इजराइल के खात्मे की शपथ ली है और उसके साथ कई बार युद्ध हो चुके हैं. 2007 में हमास ने गाजा पट्टी को ब्लॉक कर दिया था और यहीं से अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है. इजराइल का नियंत्रण वेस्ट बैंक और अल अक्शा मस्जिद पर है, जिसे हमास मुक्त कराके अपनी ओर मिलाना चाहता है.
ईरान-तुर्की से लेकर कतर-सीरिया तक से मदद
इजराइल जैसे मजबूत देश से आखिर हमास जैसा आंतकी संगठन टक्कर कैसे लेता है. दरअसल इसके पीछे ग्रुप को मिलने वाली फंडिंग का अहम रोल है. वैसे तो Hamas को कई देशों से सहायता मिलती है, लेकिन इसका समर्थन करने वाले देशों लिस्ट में सबसे ऊपर ईरान (Iran) और तुर्की (Turkey) का नाम आता है. फाइनेंशियल मजूबती देने और सैन्य हथियार मुहैया कराते हुए ईरान लंबे समय से हमास का समर्थन कर रहा है. इन हथियारों में घातक मिसाइलें भी शामिल हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमास को खाड़ी और कुछ पश्चिमी देशों से पैसा मिलता है, जो इस्लामिक चैरिटी के रूप में हमास की सोशल सर्विस यूनिट के खाते में पहुंचता है.
फिलिस्तीनी अथॉरिटी के जरिए पहुंचता है पैसा
विदेशों से आया पैसा गाजा पट्टी का पूरा प्रशासनिक कंट्रोल रखने वाले फिलिस्तीन नेशनल अथॉरिटीज (Palestinian National Authorities) द्वारा हमास तक पहुंचाया जाता है. इसके अलावा खुफिया रास्तों और सुरंगों के जरिए लाए जाने वाले जरूरी सामानों पर लगने वाले टैक्स के जरिए भी हमास को बड़ी फंडिंग मिल जाती है. CFR की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस टैक्स के जरिए सालाना करीब 100 करोड़ रुपये की मदद मिलती है. ईरान तुर्की के अलावा सीरिया (Syria) भी हमास का समर्थक है और इसकी मदद के लिए हमेशा आगे रहता है.
कुल फंडिंग में 70% ईरान का हिस्सा
Palestinian के आतंकी संगठन हमास को आर्थिक रूप से मजबूत रखने में हालांकि, सबसे बड़ा योगदान ईरान की तरफ से ही मिलता है. एक रिपोर्ट की मानें तो प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में ईरान हमास को लगभग 70 फीसदी फाइनेंशियल सपोर्ट देता है. रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान सालाना 100 मिलियन डॉलर की मदद पहुंचाता है. ईरान, तुर्की और सीरिया के अलावा कतर की ओर से भी Hamas को बड़ी आर्थिक मदद मिलती है. इस आर्थिक मदद से हमास को कितनी मजबूती मिलती है, इसका अंदाजा इजराइल के साथ जारी उसकी जंग में साफ दिखाई दे रहा है, जहां देश की अत्याधुनिक हवाई सुरक्षा प्रणाली Iron Dome भी हमास के रॉकेटों को रोक नहीं पा रही.
युद्ध से अटकी ईरान की 6 अरब डॉलर की डील!
इजराइल पर हमास के हमले के बाद Iran-US के बीच 6 अरब डॉलर की डील अटकने की बात समाने आई है. रॉयटर्स के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) की मंजूरी के बाद डील की डिटेल शेयर की गई थी. इसमें तेहरान द्वारा दक्षिण कोरिया में जमा 6 अरब डॉलर के बदले हिरासत में लिए गए 5 अमेरिकी नागरिकों को छोड़ने की अनुमति दी गई थी और अमेरिका में पकड़े गए 5 ईरानियों को छोड़े जाने पर सहमति बनी थी.
अब जबकि, अमेरिका इजराइल के और ईरान हमास के साथ खड़ा है, तो ऐसे आरोप लग रहे हैं कि US का पैसा इजराइल पर हमले के लिए इस्तेमाल हुआ है. हालांकि, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस मामले में टिप्पणी करते हुए डील के पैसों के किसी तरह के खर्च के कोई सबूत न होने की बात कही है.
इस्लामिक नेशनल बैंक जमींदोज, हमास के लिए झटका
हमास के रॉकेट हमलों से इजराइल में कई क्षेत्रों में नुकसान हुआ है, तो वहीं Israel ने हमास को तगड़ा झटका दिया है. सोशल मीडिया पर हमास के आर्थिक ठिकाने के तौर पर पहचाना जाने वाला इस्लामिक नेशनल बैंक ध्वस्त हुआ नजर आ रहा है.Hamas द्वारा संचालित बैंक के जरिए संगठन के तमाम ऑपरेशंस में मदद को मैनेज किया जाता था. इस बैंक की स्थापना हमास द्वारा 1997 में 20 मिलियन डॉलर की रकम के साथ फिलिस्तीनी क्षेत्रों में संगठन की वित्तीय शाखा के रूप में करने के लिए की गई थी.