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अगले एक साल में IT सेक्टर में जा सकती है 30 लाख लोगों की नौकरी!

कोरोना काल में जहां देश ने माइग्रेंट लेबर या निचले तबके के स्तर पर रोजगार का बुरा हाल देखा. संभावना है कि कोरोना काल के बाद देश को रोजगार के स्तर पर ऐसा एक और बुरा दौर देखना पड़े. बैंक ऑफ अमेरिका ने अपनी एक रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि 2022 तक देश के आईटी सेक्टर में 30 लाख लोगों की नौकरी छिन सकती है..

2022 तक सर्विस सेक्टर में जाएंगी 30 लाख नौकरियां! (Photo : Getty) 2022 तक सर्विस सेक्टर में जाएंगी 30 लाख नौकरियां! (Photo : Getty)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 जून 2021,
  • अपडेटेड 1:33 PM IST
  • ‘लो-स्किल जॉब्स में छिनेंगी 30% नौकरियां’
  • ‘लो-स्किल, बीपीओ में काम करते हैं 90 लाख लोग’
  • ‘कंपनियों की सालाना 100 अरब डॉलर की बचत’

कोरोना काल में जहां देश ने माइग्रेंट लेबर या निचले तबके के स्तर पर रोजगार का बुरा हाल देखा. संभावना है कि कोरोना काल के बाद देश को रोजगार के स्तर पर ऐसा एक और बुरा दौर देखना पड़े. बैंक ऑफ अमेरिका ने अपनी एक रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि 2022 तक देश के आईटी सेक्टर में 30 लाख लोगों की नौकरी छिन सकती है..

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ऑटोमेशन की बड़ी रफ्तार
बैंक ऑफ अमेरिका की बुधवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना काल में कंपनियों ने ऑटोमेशन की रफ्तार बढ़ाई है. टेक कंपनियों में ये अन्य के मुकाबले अधिक है. ऐसे में घरेलू आईटी सेक्टर 2022 तक अपने हेडकाउंट में 
30 लाख की कमी कर सकता है. इससे इस क्षेत्र में काफी लोगों की नौकरियां जाएंगी.

कंपनियों के बचेंगे अरबों डॉलर
देश का आईटी सेक्टर अभी 1.6 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देता है. ऐसे में यदि कंपनियां 30 लाख की छंटनी करती हैं तो सैलरी इत्यादि के रूप में उनकी सालाना 100 अरब डॉलर (करीब 7377 अरब रुपये) तक की बचत होगी.

लो-स्किल जॉब को ज्यादा खतरा
आईटी सेक्टर की कंपनियों के संगठन नासकॉम के मुताबिक इस इंडस्ट्री में काम करने वाले लोगों में करीब 90 लाख लोग लो-स्किल और बीपीओ में जॉब करते हैं. इन्हीं 90 लाख लोगों में से करीब 30% या 30 लाख लोगों की नौकरी 2022 तक खतरे में पड़ सकती है. इसकी वजह इस लेवल पर रोबोट प्रोसेस ऑटोमेशन का बढ़ना है.

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रोबोट प्रोसेस ऑटोमेशन से 7 लाख नौकरियां पर आंच
घरेलू आईटी सेक्टर में रोबोट प्रोसेस ऑटोमेशन से ही अकेले करीब 7 लाख नौकरियां जा सकती है. इस ऑटोमेशन का सबसे बुरा असर अमेरिका में होगा जहां करीब 10 लाख नौकरियां जाएंगी. बाकी नौकरियां कंपनियों के अपने यहां अपस्किलिंग करने या अन्य टेक्नीकल अपग्रेड करने से जाएंगी.

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