
आम तौर पर हर व्यक्ति को अपनी कमाई पर इनकम टैक्स (Income Tax) देना पड़ता है. इनकम चाहे सैलरी से हो अपने व्यवसाय से, इनकम टैक्स की देनदारी सबकी बनती है. हालांकि भारत के आयकर नियमों में कुछ खास मामलों में इनकम को टैक्स से छूट देने का प्रावधान किया गया है. इसके लिए इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी (80C) से लेकर 80यू (80U) तक की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है. इन सेक्शनों में कई डिडक्शन (Income Tax Deduction) के उपाय किए गए हैं, जिनका सहारा लेकर लोग ज्यादा से ज्यादा इनकम को टैक्स फ्री (Taxfree Income) बनाने का प्रयास करते हैं. आज हम आपको इनकम के ऐसे स्रोतों के बारे में बताएंगे, जिनके ऊपर टैक्स नहीं लगता है.
खेती-बाड़ी से होने वाली कमाई (Agricultural Income)
टैक्स से जुड़ी डिजिटल सर्विसेज देने वाली कंपनी ClearTax के अनुसार, टैक्सफ्री इनकम में सबसे पहला नंबर खेती-बाड़ी से होने वाली कमाई का है. भारत में कृषि से हुई कमाई पर इनकम टैक्स नहीं लगता है. हालांकि अगर आपको कृषि के अलावा अन्य स्रोतों से भी कमाई हो रही है, तब एग्रीकल्चरल इनकम का इस्तेमाल टैक्स का स्लैब तय करने में किया जाएगा. इस स्थिति में भी टैक्स सिर्फ अन्य स्रोतों से प्राप्त इनकम पर ही लगेगा और खोती-बाड़ी से हुई कमाई टैक्स-फ्री बनी रहेगी.
प्रोविडेंट फंड (PF) और ग्रेच्युटी (Gratuity)
पीएफ और ग्रेच्युटी नौकरी-पेशा लोगों की सबसे अहम सोशल सिक्योरिटी है. रिटायर होने के बाद जब कमाई का मुख्य जरिया यानी सैलरी गायब हो जाती है तो पीएफ और ग्रेच्युटी बहुत काम आते हैं. इस कारण इन्हें भी टैक्स से फ्री रखा गया है. हालांकि इसके साथ कुछ शर्तें भी जुड़ी हैं. अगर आपका पीएफ कटते हुए पांच साल से ज्यादा हो गए हैं, यह तभी टैक्सफ्री होता है. पांच साल से पहले पीएफ निकालने पर आपको 10 प्रतिशत की दर से टीडीएस देना पड़ता है. अगर आपकी टोटल इनकम टैक्सेबल नहीं है ता इस कटे टीडीएस का रिफंड आईटीआर में क्लेम कर सकते हैं.
सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली ग्रेच्युटी पूरी तरह से टैक्सफ्री होती है. सरकारी कर्मचारी की चाहे मौत हो जाए या वह रिटायरमेंट के बाद ग्रेच्युटी निकाले, इसकी राशि टैक्सफ्री ही रहती है. प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए यह छूट शर्तों के साथ मिलती है. प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को 10 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी पर ही टैक्स से छूट मिलती है.
50 हजार रुपये तक के गिफ्ट (Gift)
गिफ्ट पर टैक्स बहुत पुरानी बात है. प्रधानमंत्री नेहरू के समय से भारत में यह टैक्स मौजूद है. आयकर नियमों के तहत महंगे गिफ्ट पर टैक्स लगता है. 2017 में गिफ्ट से संबंधित इनकम टैक्स प्रावधानों में संशोधन के बाद यह तय किया गया है कि महंगे गिफ्ट पर टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट में आपको कैश मिला हो या चेक, ड्राफ्ट, चल-अचल संपत्ति, आपको इन्हें आईटीआर में इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज में दिखाना पड़ता है. हालांकि अगर गिफ्ट की वैल्यू 50 हजार रुपये तक है, तो इसे टैक्स से छूट मिल जाएगी. इनके अलावा विवाह या सालगिरह जैसे मौकों पर मिलने वाले सारे गिफ्ट टैक्सफ्री होते हैं. परिवार के सदस्य से मिलने वाले सारे गिफ्ट भी टैक्सफ्री होते हैं. इन्हें बेचते समय जरूर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की देनदारी बनती है.
सैलरी के कुछ पार्ट (Salary Components)
सैलरी में कई कंपोनेंट होते हैं. इनमें से कुछ टैक्सेबल होते हैं, जबकि कुछ टैक्सफ्री होते हैं. उदाहरण के लिए ट्रांसपोर्टेशन एलॉवेंस, लंच वाउचर, मोबाइल फोन या इंटरनेट बिल के लिए भुगतान, किताब व पत्रिका खरीदने के लिए मिलने वाला हिस्सा आदि जैसे भत्ते टैक्सफ्री होते हैं.
स्कॉलरशिप (Scholarship)
इस लिस्ट में स्कॉलरशिप को देखकर हैरान न हों. स्कॉलरशिप के पैसों को भी इनकम माना जाता है. बस अच्छी बात यह है कि इसे टैक्सफ्री इनकम माना जाता है. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 56 (ii) के तहत स्कॉलरशिप से मिले पैसे को टैक्स से छूट प्राप्त है.
वीरता पुरस्कार (Gallantry Award) प्राप्त लोगों के पेंशन
भारत सरकार के विभिन्न वीरता पुरस्कार से सम्मानित लोगों के पेंशन पर भी टैक्स नहीं लगता है. परमवीर चक्र, महावीर चक्र और वीर चक्र जैसे वीरता पुरस्कार पाने वाले लोगों के पेंशन के साथ ही फैमिली पेंशन को भी टैक्सफ्री रखा गया है.
रिवर्स मोर्टगेज स्कीम (Reverse Mortgage Scheme)
जब आप कोई प्रॉपर्टी बेचते हैं या किसी के नाम ट्रांसफर करते हैं तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना पड़ता है. वरिष्ठ नागरिकों को इस टैक्स से छूट मिलती है. इसके अलावा यदि 62 साल या इससे अधिक उम्र के करदाता जब किसी संपत्ति पर लोन लेते हैं, तो यह भी टैक्सफ्री होता है.