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Income Tax Slab: अगर सैलरी 3, 5, 7 या 10 लाख है... जानिए इनकम टैक्स लगेगा या नहीं?

ITR फाइल करते समय इस बात का ध्यान रखें कि इस बार न्यू टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट में रखा गया है. अगर आप ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत आईटीआर फाइल करना चाहते हैं, तो फिर आपको इसे खुद से बदलना होगा.

न्यू और ओल्ड टैक्स रिजीम में अंतर. न्यू और ओल्ड टैक्स रिजीम में अंतर.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 31 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 12:17 PM IST

इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की आज आखिरी तारीख है. अगर आपने अभी तक इस काम को पूरा नहीं किया है, तो 31 जुलाई 2023 यानी आज के बाद से आपको फाइन के साथ ITR भरना पड़ेगा. इनकम टैक्स विभाग ने साफ कर दिया है कि ITR भरने की डेडलाइन आगे नहीं बढ़ाई जाएगी. आप आसानी से ऑनलाइन इस काम को पूरा कर सकते हैं. अगर आप खुद से ITR फाइल करने जा रहे हैं, तो सोच समझकर ही टैक्स रिजीम चुनें. क्योंकि दोनों टैक्स रिजीम में काफी अंतर है.

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मान लीजिए कि आपकी सालाना कमाई 3, 5, 7 या 10 लाख रुपये है, तो आपकी इनकम पर टैक्स लगेगा या नहीं. ये समझ लेते हैं. चूंकी देश में इनकम टैक्स की दो व्यवस्था- 'ओल्ड टैक्स रिजीम और न्यू टैक्स रिजीम' लागू है. इसलिए दोनों के ही टैक्स स्लैब अलग-अलग हैं. 

नई टैक्स रिजीम

न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) में सालाना सात लाख रुपये तक की आमदनी पर कोई भी इनकम टैक्स की देनदारी नहीं बनती है. नई टैक्स रिजीम के तहत पांच स्लैब हैं. व्यक्तिगत आयकर की दर इस प्रकार है. 0 से 3 लाख रुपये तक की आय पर कोई शून्य टैक्स का प्रावधान है. 3 से 6 लाख रुपये तक की इनकम पर फीसदी, 6 से 9 लाख की कमाई पर 10 फीसदी, 9 से 12 लाख रुपये की इनकम पर 15 फीसदी, 12 से 15 लाख रुपये तक की आय 20 फीसदी और 15 लाख से ऊपर की आय पर 30 फीसदी की दर से इनकम टैक्स वसूला जाएगा.

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नहीं मिलेगा डिडक्शन

लेकिन ध्यान रहे कि न्यू टैक्स रिजीम में किसी भी तरह के डिडक्शन का लाभ नहीं मिलेगा. यानी अगर आपकी कमाई सात लाख रुपये सालाना है, तो नई टैक्स रिजीम में आपको एक भी रुपये का टैक्स नहीं देना होगा. उससे अधिक की कमाई पर आपको तय दर के हिसाब से इनकम टैक्स का भुगतान करना होगा.

न्यू रिजीम टैक्स स्लैब

-0 से तीन लाख पर 0 फीसदी
-3 से 6 लाख पर 5 फीसदी
-6 से 9 लाख पर 10 फीसदी
-9 से 12 लाख पर 15 फीसदी
-12 से 15 लाख पर 20 फीसदी
-15 से ज्यादा लाख पर 30 फीसदी

पुरानी टैक्स रिजीम 

ओल्ड टैक्स रिजीम में ढाई लाख रुपये तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं देना होता है. 2.5 लाख से 5 लाख तक की आय पर 5 फीसदी टैक्स का प्रावधान है. लेकिन सरकार  इस पर 12,500 की छूट देती है. सीधा गणित यह है कि पुराने टैक्स स्लैब में 5 लाख तक की आमदनी पर आपको टैक्स नहीं देना पड़ता है.

मिलती है डिडक्शन की सुविधा 

पुरानी टैक्स रिजीम में (Old Tax Regime) में डिडक्शन की सुविधा उपबल्ध है. इसके तहत टैक्सपेयर्स को 80C के तहत 1.50 लाख रुपये का टैक्स छूट का लाभ मिल जाती है. इसके अलावा 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन, होम लोन पर दो लाख रुपये की छूट, NPS में निवेश कर अतिरिक्त 50 हजार रुपये की छूट और मेडिकल इंश्योरेंस के प्रीमियम पर 75 हजार रुपये तक छूट का लाभ मिलता है.  

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पुराना इनकम टैक्स स्लैब

2.5 लाख तक- 0 फीसदी
2.5 लाख से 5 लाख तक- 5 फीसदी
5 लाख से 10 लाख तक-20 फीसदी
10 लाख से ऊपर- 30 फीसदी

डिफॉल्ट रखी गई है न्यू रिजीम

सरकार ने कहा है कि अगर आपकी सालाना आमदनी सात लाख रुपये से अधिक है, तो आप खुद ब खुद नई टैक्स रिजीम में दाखिल हो जाएंगे. अगर कोई इसमें शिफ्ट नहीं होना चाहता है, तो उसे फॉर्म भरना होगा. अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न भर रहे हैं, तो आपको नई और पुरानी टैक्स रिजीम को चुनने का ऑप्शन मिलेगा.

 

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