
एअर इंडिया (Air India) की 'घर वापसी' हो गई है. टाटा संस (Tata Sons) के चेयरमैन रतन टाटा ने स्वागत करते हुए कहा कि अब हमें एअर इंडिया को फिर से खड़ा करने के लिए काफी कोशिशें करनी होंगी. रतन टाटा ने अपने संदेश में कहा कि जेआरडी टाटा के नेतृत्व में एअर इंडिया ने दुनिया भर में अपनी एक अलग पहचान बनाई थी.
रतन टाटा की मानें तो शुरुआती सालों में एअर इंडिया का जो साख और सम्मान था, टाटा ग्रुप को उसे फिर से हासिल करने का एक मौका मिला है. उन्होंन कहा कि आज अगर जेआरडी टाटा होते तो उन्हें सबसे ज्यादा खुशी होती. टाटा कंपनी ने इस सरकारी एयरलाइंस को सबसे अधिक 18,000 करोड़ रुपये की बोली लगातार खरीदी है.
इस डील के ऐलान के बाद राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक ट्वीट के जरिये दो खतों को सार्वजनिक किया है. उन्होंने इस खत के जरिये एअर इंडिया से जुड़ी पुरानी यादों को शेयर किया है. उन्होंने एक तरह से गांधी परिवार और टाटा परिवार के बीच गहरे रिश्तों को दर्शाया है.
दरअसल, मोरारजी देसाई सरकार ने अचानक 1 फरवरी 1978 को एअर इंडिया की नींव रखने वाले तत्कालीन चेयरमैन जेआरडी टाटा को पद से हटने का आदेश दे दिया था. इस आदेश के साथ ही सरकार ने जेआरडी टाटा को इंडियन एयरलाइंस और एयर इंडिया के बोर्ड से हटा दिया था. उस समय इंदिरा गांधी सत्ता से बाहर थीं.
जब इस बारे में इंदिरा गांधी को पता चला तो उन्होंने सरकार के फैसले पर दुख जताया था और जेआरडी टाटा को खत लिखकर एअर इंडिया में उनकी भूमिका की खूब तारीफ की थी, जिसके बाद इंदिरा गांधी का खत पढ़कर जेआरडी टाटा भावुक हो गए थे, और उन्होंने खत के जवाब में लिखा था कि एअर इंडिया को बनाने में मेरी भूमिका के बारे में आपने जो कुछ भी लिखा, उसके लिए मैं आपका अभारी हूं. इंदिरा गांधी और जेआरडी टाटा के बीच यह खत का आदान-प्रदान फरवरी 1978 में हुआ था.
इंदिरा गांधी ने खत में लिखा था, 'हमें आप पर गर्व है और एयरलाइन को भी है. आप एअर इंडिया के सिर्फ चेयरमैन नहीं थे, आप एअर इंडिया के संस्थापक और पालक थे. आपका एयर इंडिया से गहरा भावनात्मक लगाव था. आपने एअर इंडिया को दुनिया में पहचान दिलाने के लिए छोटी से छोटी चीजों का ध्यान रखा. आपसे यह उपलब्धि और संतुष्टि कोई छीन नहीं सकता. इस मामले में भारत सरकार आपका ऋणी रहेगी.'
यही नहीं, उसके बाद अप्रैल 1980 में जब इंदिरा गांधी सत्ता में लौटीं तो उन्होंने सबसे पहले जेआरडी टाटा को फिर से इंडियन एयरलाइंस और एअर इंडिया के बोर्ड में शामिल कर दिया. लेकिन चेयरमैन का पद जेआरडी टाटा को नहीं मिल सका.
एअर इंडिया का इतिहास
गौरतलब है कि एअर इंडिया को सबसे पहले जेआरडी टाटा ने 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से लॉन्च किया था. 1946 में इसका नाम बदल कर एअर इंडिया कर दिया गया. उसके बाद साल 1954 में सरकार ने टाटा से एअर इंडिया को खरीदकर उसका राष्ट्रीकरण कर दिया. सभी कंपनियों को मिलाकर दो कंपनियां बनाई गईं, घरेलू सेवा के लिए इंडियन एयरलाइन्स और विदेश के लिए एअर इंडिया. आजादी के वक्त देश में कुल 9 छोटी-बड़ी विमानन कंपनियां थीं.