
लोकसभा सांसद कार्ति चिदंबरम (Karti Chidambaram) ने बुधवार को बैंकों द्वारा दिए जाने वाले लोन (Loan) को लेकर मोदी सरकार पर कई खड़े किए. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने लोन में अहम भूमिका निभाने वाले सिबिल स्कोर (Cibil Score) को लेकर जो छह नियम बनाए हैं, उन्हें मुद्दा बनाकर सांसद ने सरकार को घेरा. बता दें कि ये नियम अगले साल 2025 से प्रभावी होने वाले हैं. चिदंबरम ने कहा कि आम लोग परेशान हो रहे हैं.
'सिबिल स्कोर दिखाकर वापस भेज रहे बैंक...'
संसद के चालू शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार को कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 को लेकर सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि आज बैंक में लोन लेने जाओ, तो सिबिल स्कोर दिखाकर ही वापस भेज दिया जाता है. Cibil Score अपडेट करने वाली संस्था बेहत सुस्ती के साथ काम कर रही है और इससे आम लोग परेशान हो रहे हैं.
60 करोड़ लोगों की क्रेडिट हिस्ट्री पर नजर
कांग्रेस सांसद ने कहा कि Cibil Score अपडेट करने का काम एक प्राइवेट संस्था के हाथ में है और ये देश के 60 करोड़ से ज्यादा लोगों की क्रेडिट हिस्ट्री को ट्रैक करने और रेटिंग देने का काम कर रही है. लेकिन ये सब बिना किसी पारदर्शिता के साथ किया जा रहा है, इसका असर ये हो रहा है कि Cibil के कारण ज्यादातर जरूरतमंद लोगों को फाइनेंशियल दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें लोन पाने के लिए तमाम कठिनाइयां पेश आ रही हैं.
लोन के लिए सिबिल स्कोर क्यों जरूरी?
यहां ये जान लेना जरूरी है कि आखिर ये सिबिल स्कोर होता क्या है और किसी भी बैंक से लोन पाने के लिए ये क्यों जरूरी है? तो बता दें कि आज के समय में ज्यादातर लोगों को कभी न कभी लोन (Loan) या कर्ज लेने की जरूरत पड़ ही जाती है, फिर बात चाहे नया घर लेने की हो या फिर बच्चे की पढ़ाई या शादी की. ऐसे में लोग बैंक का रुख करते हैं और लोन के लिए अप्लाई करते हैं. लेकिन जरूरी नहीं कि सभी आवेदकों को लोन मंजूर ही हो जाए.
दरअसल, Bank Loan Process में सिबिल स्कोर या क्रेडिट स्कोर का अहम रोल होता है और ये आंकड़ा ही आपका लोन पास कराने का प्रमुख जरिया होता है. अगर ये दुरुस्त होता है, तो फिर बैंक आपको कर्ज देने में टाइम नहीं लगाएगा. लेकिन इसके खराब होने पर लोन अटक सकता है. Cibil Score के आंकड़े के जरिए बैंक ये पता लगाते हैं कि आप लिया गया कर्ज चुकाने में सक्षम हैं और इसे लौटाने में लेट-लतीफी नहीं करेंगे. यानी यह आपको कर्ज देने के लिए बैंकों को भरोसा दिलाने वाला फैक्टर होता है. आमतौर पर बैंकों की ओर से तय किए गए मानकों को देखें तो किसी भी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर 300 से 900 पॉइंट्स के बीच होता है और 700 से ऊपर सिबिल स्कोर को अच्छा (Best Credit Score) माना जाता है.
केवाईसी पर भी उठाए चिदंबरम ने सवाल
न केवल सिबिल स्कोर, बल्कि बैंकों द्वारा अपने ग्राहक को जानो यानी केवाईसी (KYC) प्रक्रिया को लेकर भी कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने बैंक की ओर से बार-बार अपडेट किए जाने को एक उत्पीड़न करार दिया है. चिदंबरम ने कहा कि भले ही कस्टमर की पर्सनल डिटेल्स अपरिवर्तित क्यों न हो, बैंकों की ओर से बार-बार खासकर थर्ड पार्टी के जरिए KYC आउटसोर्सिंग अपडेट करने से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ा है.