
कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) सुर्खियों में है. इस बैंक पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बड़ा एक्शन लेते हुए इसे नए ग्राहक जोड़ने से रोक दिया है, यही नहीं अब बैंक नए क्रेडिट कार्ड भी जारी नहीं कर सकता है. आरबीआई के निशाने पर आए कोटक महिंद्रा बैंक की गिनती दिग्गज Banks में होती है और इसे शुरू करने वाले उदय कोटक (Uday Kotak) देश के सबसे सफल और अमीर बैंकर माने जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि Kotak Bank Founder का सपना बैंकर नहीं, बल्कि क्रिकेटर बनने का था, फिर एक एक्सीडेंट ने तस्वीर ही बदल दी और खड़ा हो गया कोटक महिंद्रा बैंक. आइए जानते हैं इस बैंक के शुरुआत की दिलचस्प कहानी...
उदय कोटक ने 1985 में रखी थी नींव
कोटक महिंद्रा बैंक साल 1985 में अस्तित्व में आया था. हालांकि, 38 साल तक इस बैंक को फर्श से अर्श तक पहुंचाने के लिए मेहनत करने वाले उदय कोटक (Uday Kotak) ने बीते 1 सितंबर 2023 को मैनेजिंग डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया था. अब वे गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में बैंक से जुड़े हैं. अपनी समझ और काबिलियत की दम पर उदय कोटक ने तमाम मुश्किलों से जूझते हुए Kotak Mahindra Bank को टॉप बैंकों की कतार में लाकर खड़ा कर दिया.
बैंकर नहीं क्रिकेटर बनना चाहते थे उदय कोटक
देश के सबसे अमीर बैंकरों में शुमार उदय कोटक का सपना बैंकर बनने का नहीं, बल्कि क्रिकेट के मैदान पर चौके-छक्के जड़ने का था. 15 मार्च 1959 को एक गुजराती कारोबारी परिवार में जन्मे उदय कोटक बचपन से ही अच्छे क्रिकेटर के साथ-साथ पढ़ाई में भी मेधावी थे. क्रिकेट में करियर बनाने के लिए उन्होंने 1970 के दशक में दिग्गज क्रिकेट कोच रमाकांत आचरेकर (Ramakant Achrekar) से ट्रेनिंग भी ली थी, जिनके शिष्यों की लिस्ट में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) भी शामिल हैं. लेकिन, 20 साल की उम्र में कुछ ऐसा हुआ कि उदय कोटक का क्रिकेटर बनने का सपना हमेशा के लिए टूट गया.
सिर पर लगी क्रिकेट की बॉल और टूटा सपना
दरअसल, 20 साल के उदय कोटक जब क्रिकेट के मैदान में खेल रहे थे, तभी एक बॉल उनके बल्ले से ना टकराकर उनके सिर पर जा लगी और गेंद लगते ही वो बेहोश होकर गिर पड़े. परिवार उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचा तो डॉक्टर ने बोला कि चोट ज्यादा है, इसलिए तुरंत ऑपरेशन करना पड़ेगा. इस चोट की वजह से उन्हें क्रिकेट के मैदान को हमेशा के लिए अलविदा कहना पड़ा. लेकिन उन्होंने क्रिकेटर बनने के सपने को छोड़ा, तो परिवार के बिजनेस कॉटन ट्रेडिंग से नहीं जुड़े, बल्कि दूसरी पिच पर बल्लेबाजी करने उतर गए. पढ़ाई में अच्छे उदय कोटक का पसंदीदा विषय गणित था और गणित के इस छात्र ने जब बैंकिंग सेक्टर में कदम रखे तो कामयाबी के झंडे गाड़ दिए.
पकड़ी अलग राह और ऐसे बनता गया कोटक बैंक
उदय कोटक ने सिडनम कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री ली है. उसके बाद 'जमना लाल बजाज इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज' से से MBA किया. बुलंद इरादों के साथ उन्होंने महज 26 साल की उम्र में Kotak Mahindra Bank की नींव रख दी थी. उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद 'कोटक कैपिटल मैनेजमेंट फाइनेंस लिमिटेड' से बिल डिस्काउंट सर्विस की शुरुआत की, फिर महिंद्रा ग्रुप (Mahindra Group) का साथ मिलने के बाद यह कंपनी 'कोटक महिंद्रा फाइनेंस लिमिटेड' हो गई.
बिल डिस्काउंट के काम के साथ शुरू हुई फर्म ने बाद में लोन पोर्टफोलियो, स्टॉक ब्रोकरिंग, इन्वेस्टमेंट बैंकिंग, इंश्योरेंस और म्यूचुअल फंड्स में विस्तार किया और फिर 2003 में महज 30 लाख रुपये के इन्वेस्टमेंट से शुरू हुई गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी कोटक महिंद्रा बैंक का रूप ले लिया. खास बात ये है कि 22 मार्च 2003 को कोटक महिंद्रा फाइनेंस लिमिटेड को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से बैंकिंग लाइसेंस मिला था. भारत के कॉर्पोरेट इतिहास में यह पहली कंपनी थी, जिसे बैंकिंग के लिए हरी झंडी मिली थी. आज इस बैंक का मार्केट कैपिटलाइजेशन 3.66 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
RBI के निशाने पर कैसे आ गया ये बैंक?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डेटा सुरक्षा समेत अन्य चिंताओं को लेकर कोटक महिंद्रा बैंक को तत्काल प्रभाव से नए ग्राहकों को जोड़ने और नए क्रेडिट कार्ड जारी करने से रोक दिया है. बीते कारोबारी दिन बुधवार को आरबीआई ने इस संबंध में एक प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35A के तहत बड़ा एक्शन लेते हुए कोटक महिंद्रा बैंक को तत्काल प्रभाव से नए ग्राहक जोड़ने पर बैन लगा दिया है. RBI के मुताबिक, कोटक महिंद्रा बैंक जैसे अपनी आईटी इन्वेंट्री को मैनेज करता है और डेटा सिक्योरिटी का उसका जो तरीका है, उसमें गंभीर कमियां पाई गई थीं और तय समय में इन्हें सुधारने में बैंक नाकाम रहा. आरबीआई की कार्रवाई के बाद गुरुवार को Kotak Mahindra Bank Share 10% की गिरावट के साथ खुला.