
आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला कर्ज में डूबी टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (VIL) में अपनी प्रमोटर हिस्सेदारी छोड़ने को तैयार हैं. इस कंपनी में कुमार मंगलम बिड़ला की 27 फीसदी हिस्सेदारी है.
पीटीआई के मुताबिक इस मुद्दे को लेकर कुमार मंगलम बिड़ला ने जून में केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गाबा को एक खत लिखा. जिसमें उन्होंने वोडाफोन आइडिया का अस्तित्व बचाने के लिए कंपनी में अपनी हिस्सेदारी किसी सरकारी या घरेलू फाइनेंशियल कंपनी को देने को तैयार हैं.
दरअसल, कुमार मंगलम बिड़ला वोडाफोन इंडिया के प्रमोटर और चेयरमैन हैं. मौजूदा समय में कंपनी का बाजार पूंजीकरण (बाजार हैसियत) करीब 24,000 करोड़ रुपये है. कुमार मंगलम बिड़ला का कहना है कि कंपनी की आर्थिक सेहत सुधरनी चाहिए, इसके लिए सरकार को विदेशी निवेशकों को भरोसे में लेना चाहिए.
उन्होंने कहा कि वोडाफोन आइडिया से देश के 27 करोड़ लोग जुड़े हैं. इस कंपनी में बिड़ला के अलावा ब्रिटिश कंपनी वोडाफोन पीएलसी की 44% हिस्सेदारी है. लेकिन दोनों प्रमोटर्स ने कंपनी में ताजा निवेश नहीं करने का फैसला किया है.
वोडाफोन आइडिया लिमिटेड पर करीब 1.8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है. कंपनी के बोर्ड ने पिछले साल सितंबर में 25,000 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने की घोषणा की थी. लेकिन कंपनी को इसमें सफलता नहीं मिल पाई.
गौरतलब है कि पिछले महीने AGR कैलकुलेशन में सुधार को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल की याचिका को खारिज कर दिया था. वोडाफोन आइडिया के मुताबिक उस पर 21,500 करोड़ रुपये का एजीआर बकाया है, जिसमें से वह 7,800 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी है. वहीं डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस के अनुसार कंपनी पर करीब 58,000 करोड़ रुपये का एजीआर बकाया है.