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संकटग्रस्त लक्ष्मी विलास बैंक के ग्राहकों के लिए काफी राहत की खबर आयी है. अब इस बैंक के ग्राहकों को सभी तरह की बैकिंग सेवाएं उपलब्ध रहेंगी. DBS बैंक इंडिया ने यह ऐलान किया है.
गौरतलब है कि लक्ष्मी विलास बैंक का अब डीबीएस बैंक इंडिया में विलय हो गया है. पिछले हफ्ते ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसकी मंजूरी दी है.
ब्याज दरों में बदलाव नहीं
डीबीएस बैंक इंडिया ने कहा कि लक्ष्मी विलास बैंक के ग्राहकों के लिए फिलहाल बचत खाते और सावधि जमा (एफडी) पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, डीबीएस बैंक इंडिया ने बयान में कहा कि लक्ष्मी विलास बैंक का डीबीएस ग्रुप होल्डिंग्स लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहयोगी कंपनी डीबीएस बैंक इंडिया में विलय हो गया है. सरकार और रिजर्व बैंक ने बैंकिंग नियमन कानून, 1949 की धारा 45 में विशेष अधिकारों के तहत एलवीबी का डीबीएस बैंक इंडिया में विलय किया है. यह विलय 27 नवंबर से प्रभावी हुआ है.
डीबीएस बैंक इंडिया ने कहा, ‘लक्ष्मी विलास बैंक के ग्राहकों को सभी बैंकिंग सेवाएं जारी रहेंगी. उन्हें अगले नोटिस तक बचत खातों और एफडी पर वहीं ब्याज मिलेगा, जो पूर्ववर्ती लक्ष्मी विलास बैंक द्वारा दिया जा रहा था.’
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कर्मचारियों के बारे में हुआ ये निर्णय
इस विलय से लक्ष्मी विलास बैंक के जमाकर्ताओं, ग्राहकों और कर्मचारियों को अनिश्चितता के दौर के बाद राहत मिली है. अब बैंक की सभी शाखाओं, डिजिटल माध्यमों तथा एटीएम का परिचालन सामान्य हो गया है. बयान में कहा गया है कि लक्ष्मी विलास बैंक के सभी कर्मचारी अब डीबीएस बैंक इंडिया के कर्मचारी होंगे. उनके लिए सेवा शर्तें वहीं रहेंगी.
भारतीय रिजर्व बैंक ने 17 नवंबर को दक्षिण भारत केंद्रित लक्ष्मी विलास बैंक को एक महीने के मोरेटोरियम पर डाल दिया था. आरबीआई ने बैंक को आदेश दिया था कि अगले एक महीने तक बैंक से कोई भी ग्राहक 25 हजार रुपये से ज्यादा नहीं निकाल पाएगा. लेकिन विलय के साथ ही यह रोक खत्म हो गयी है.
तीन साल से हालत खराब
लक्ष्मी विलास बैंक की वित्तीय हालत पिछले तीन साल से खराब थी. जून 2020 में बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात (capital adequacy ratio) 0.17 फीसदी तक पहुंच गया था, जबकि इसे कम से कम 9 फीसदी होना चाहिए था. वित्त वर्ष 2020 तक बैंक का लोन बकाया 13,827 करोड़ रुपये और जमा 21,443 करोड़ रुपये था.