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LIC और Adani Wilmar का हो गया प्रमोशन, मिली लार्ज-कैप क्लब में एंट्री

एएमएफआई हर छह महीने पर शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों की कैटेगरी का मूल्यांकन करता है. इस बार जारी की गई लिस्ट अगस्त 2022 से जनवरी 2023 तक वैलिड होगी. इसमें कई कंपनियों की कैटेगरी ऊपर चढ़ गई, जबकि कई कंपनियों की कैटेगरी में गिरावट देखने को मिली.

बदल गई कई कंपनियों की कैटेगरी (Photo: Reuters) बदल गई कई कंपनियों की कैटेगरी (Photo: Reuters)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 6:51 PM IST
  • हर छह महीने पर होती है कैटेगरी की रिव्यू
  • बाजार पूंजीकरण से तय होती है कैटेगरी

इसी साल शेयर मार्केट में लिस्ट हुई सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी और अडानी समूह की अडानी विल्मर को चंद महीनों में ही प्रमोशन मिल गया है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (Association of Mutual Funds in India) ने लिस्टेड कंपनियों की श्रेणी में ताजा बदलाव किया है. एएमएफआई (AMFI) हर छह महीने में मार्केट कैप (Market Cap) के हिसाब से कंपनियों की कैटेगरी बदलता है. इस बार हुए बदलाव में अडानी समूह (Adani Group) की अडानी विल्मर (Adani Wilmar) और सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी (LIC) को लार्ज कैप (Large Cap) में एंट्री मिली है.

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ऐसा रहा लिस्टिंग के बाद बाजार में परफॉर्मेंस

अडानी समूह की अडानी विल्मर ने शेयर बाजार में लिस्टिंग के बाद से इन्वेस्टर्स को मल्टीबैगर रिटर्न (Adani Wilmar Multibagger Return) दिया है. बाजार में उतरने के बाद से अब तक अडानी विल्मर के शेयर के भाव (Adani Wilmar Share Price) करीब 120 फीसदी ऊपर जा चुके हैं. वहीं दूसरी ओर एलआईसी का परफॉर्मेंस ठीक नहीं रहा है. मई महीने में बाजार में लिस्टिंग के बाद से एलआईसी के शेयर अब तक करीब 20 फीसदी गिर चुके हैं. हालांकि एएमएफआई के नए क्लासिफिकेशन में यही दो ऐसी नई कंपनियां लार्ज कैप में एंट्री ले पाई हैं, जिनकी बाजार में लिस्टिंग बीते छह महीने के दौरान हुई है.

जनवरी 2023 तक वैलिड रहेगी नई लिस्ट

बाजार पूंजीकरण के हिसाब से टॉप 100 कंपनियों को लार्ज कैप (Large Cap) में रखा जाता है. इसी तरह मार्केट कैप के हिसाब से 100-200 के बीच की कंपनियां मिड कैप (Mid Cap) में रखी जाती हैं. बाकी लिस्टेड कंपनियों की गिनती स्मॉल कैप (Small Cap) में होती है. नए बदलाव के बाद जारी हुई लिस्ट इस साल अगस्त से जनवरी 2023 तक के लिए वैलिड होगी. ताजा क्लासिफिकेशन में लार्ज कैप के लिए कट ऑफ 47,500 करोड़ रुपये तय की गई. इसका मतलब हुआ कि जिन कंपनियों का एमकैप इस आंकड़े से ज्यादा है, उन्हें लार्ज कैप में जगह मिली है. वहीं मिड कैप के लिए कट ऑफ 16,400 करोड़ रुपये तय की गई.

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अडानी समूह की इस कंपनी को भी मिली जगह

बाजार में आई हालिया गिरावट और एलआईसी के आईपीओ (LIC IPO) के बाद शेयरों के गिरे भाव के बाद भी सरकारी बीमा कंपनी अभी मार्केट कैप (LIC MCap) के हिसाब से बाजार की सातवीं सबसे बड़ी कंपनी है. वहीं इस लिहाज से अडानी विल्मर (Adani Wilmar MCap) 70वें पायदान पर है. अडानी समूह की एक अन्य कंपनी अडानी पावर (Adani Power) को भी लार्ज कैप क्लब में एंट्री मिली है. यह कंपनी अभी बाजार पूंजीकरण (Adani Power MCap) के हिसाब से 63वें पायदान पर है.

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का ये था अनुमान

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज (ICICI Securities) ने इस रीशफल को लेकर हाल ही में अपना अनुमान जाहिर किया था. आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने कहा था कि अडानी पावर, अडानी विल्मर और एलआईसी के अलावा चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट (Cholamandalam Investment), हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (Hindustan Aeronautics) व बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda) की भी लार्ज कैप में एंट्री हो सकती है. अभी मार्केट कैप के हिसाब से चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट 87वें, बैंक ऑफ बड़ौदा 90वें और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स 93वें पायदान पर हैं. इसी तरह टाटा टेलीसर्विसेज महाराष्ट्र (Tata Teleservices Maharashtra), केपीआर मिल (KPR Mill), टान्ला प्लेटफॉर्म्स (Tanla Platforms), पूनावाला फिनकॉर्प (Poonawala Fincorp), फिनीक्स मिल्स (Phoenix Mill), एसकेएफ इंडिया (SKF India) और चंबल फर्टिलाइजर्स (Chambal Fertilizers) को मिडकैप में एंट्री मिल सकती है. अभी ये कंपनियां स्मॉलकैप में हैं.

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