
अडानी ग्रुप (Adani Group) के शेयरों में आई गिरावट ने सिर्फ दो कारोबारी सत्रों में निवेशकों के पोर्टफोलियो में गहरी सेंध लगा दी. देश के सबसे बड़े इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) भी उन प्रभावित निवेशकों में से एक है. अडानी ग्रुप के शेयरों में LIC का संयुक्त निवेश 27 जनवरी 2023 को गिरकर 62,621 करोड़ रुपये हो गया. 24 जनवरी 2023 को ये 81,268 करोड़ रुपये था. यानी दो कारोबारी सेशन में LIC को 18,647 करोड़ रुपये के नुकसान हुआ है.
कितनी है हिस्सेदारी?
Ace इक्विटी के पास उपलब्ध डेटा से पता चलता है कि 31 दिसंबर 2022 तक LIC के पास अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी पोर्ट्स, अडानी टोटल गैस, अडानी ट्रांसमिशन और हाल ही में अधिग्रहित सीमेंट प्रमुख अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी में एक प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी है. इन कंपनियों के शेयर पिछले दो कारोबारी सत्रों में 19 फीसदी से 27 फीसदी के बीच गिरे हैं.
कंपनियों के ओवरवैल्यूज होने का दावा
अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडानी ग्रुप की 7 प्रमुख लिस्टेड कंपनियां 85 फीसदी से अधिक ओवरवैल्यूज हैं. इस बीच अडानी के ग्रुप सीएफओ, जुगशिंदर सिंह ने एक बयान में कहा कि रिपोर्ट निराधार है और ग्रुप को बदनाम करने की दुर्भावना से प्रेरित है. इस रिपोर्ट में बहुत सारी गलत बातें कही गई हैं, जिनका कोई आधार नहीं है.
कितनी आई गिरावट?
निरपेक्ष रूप से 24 जनवरी से अडानी टोटल गैस में LIC के कुल निवेश में 6,237 करोड़ रुपये की गिरावट आई है. इसके बाद अडानी एंटरप्राइजेज में 3,279 करोड़ रुपये, अडानी पोर्ट्स में 3,205 करोड़ रुपये, अडानी ट्रांसमिशन में 3,036 करोड़ रुपये, अंबुजा सीमेंट्स में 1,474 करोड़ रुपये, अडानी ग्रीन एनर्जी में 871 करोड़ रुपये और एसीसी में LIC के निवेश में कुल 544 करोड़ रुपये की गिरावट आई.
अडानी ग्रुप के 4 लाख करोड़ डूबे
कुल मिलाकर 10 लिस्टेड अडानी समूह की कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन 27 जनवरी को लगभग 4 लाख करोड़ रुपये कम हो गया. 24 जनवरी 2023 को अडानी ग्रुप का मार्केट कैप 19 लाख करोड़ रुपये था, जो 27 जनवरी को 15 लाख करोड़ रुपये हो गया. Hindenburg की रिपोर्ट ने मार्केट के सेंटिमेंट को प्रभावित किया है. रिपोर्ट के सामने के बाद अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में भारी उथल-पुथल नजर आई. हिंडनबर्ग रिसर्च की लेटेस्ट रिपोर्ट में अडानी ग्रुप से 88 सवाल किए गए हैं. इसी रिपोर्ट से भारतीय निवेशकों का सेटीमेंट बदल गया.