
कोहिनूर समेत भारत से कई अनमोल नगीनों को ब्रिटेन ले जाने वाली अंग्रेजी सरकार के आखिरी वायसराय लार्ड लुइस माउंटबेटन की बेटी पैट्रिशिया माउंटबेटेन के निजी संग्रह की 350 से अधिक वस्तुएं लंदन में नीलाम होने जा रही हैं. इसमें रानी विक्टोरिया के जमाने से लेकर लॉड माउंटबेटन और उनकी पत्नी एडविना को भारत में मिले तोहफे तक शामिल है.
नीलामी करने वाली कंपनी सोथबी लंदन में पैट्रिशिया के इस निजी संग्रह की मार्च में नीलामी करेगी. इस संग्रह में 8,000 रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये मूल्य तक की करीब 350 वस्तुएं हैं. सोथबी के चेयरमैन (ब्रिटेन और आयरलैंड) हैरी डैलमेनी ने कहा, ‘‘ लॉर्ड माउंटबेटन का घर ‘न्यू हाउस’ सिर्फ करीबी रिश्तेदारों और दोस्तों के लिए ही खुला था. इसलिए पैट्रिशिया का सामान उन्हें कई सालों में परिवार और दोस्तों से विरासत में मिला है.’’
शादी की 24वीं सालगिरह पर मिले जयपुरी हाथी
नीलामी में सजावटी हाथियों का एक जोड़ा भी रखा जाएगा. इसकी अनुमानित कीमत दो लाख रुपये से तीन लाख रुपये के बीच है. पैट्रिशिया के माता-पिता को यह जोड़ा उनकी शादी की 24वीं सालगिरह पर 1946 में तोहफे में मिला था. सोने से बने ये हाथी रत्नजड़ित हैं और इन पर नीचे लुइस की हैंडराइटिंग में ‘एडविना फ्रॉम डिकी’ गुदा हुआ है.
विक्टोरिया का ब्रेसलेट
पैट्रिशिया के संग्रह में भारत में बना एक सोने का ब्रेसलेट और डायमंड सेट भी शामिल है. इस ब्रेसलेट में विक्टोरिया के पति अलबर्ट का बचपन का एक चित्र बना हुआ है. विक्टोरिया के वारिसों से यह लॉर्ड माउंटबेटेन के पास पहुंचा और वहां से उनकी बेटी पैट्रिशिया के पास. इतना ही नहीं इस संग्रह में ब्रिटिश राज के दौर का एक ‘क्राउन ऑफ इंडिया का इंपीरियल ऑर्डर’ भी है. इसकी अनुमानित कीमत 15 लाख से 20 लाख रुपये के बीच है. यह मेडल पैट्रिशिया की सास डॉरीन को मिला था.
एडविना का ‘टूटी-फ्रूटी’ कलेक्शन
संग्रह में एडविना का ‘टूटी-फ्रूटी’ स्टाइल का आभूषण संग्रह भी है. इसकी कीमत 40 लाख से 60 लाख रुपये के बीच है. इस संग्रह की प्रेरणा भारत के रत्नजड़ित आभूषणों से ली गई है.
पैट्रिशिया का भारत से कनेक्शन
पैट्रिशिया सिर्फ देश के आखिरी वायरसरॉय की सबसे बड़ी बेटी ही नहीं थी. बल्कि उनके ससुर माइकल नैचबुल 1938 में भारत के सबसे युवा वायसराय भी बने थे. पैट्रिशिया के पति जॉन नैचबुल ‘ए पैसेज टू इंडिया’ जैसी ऑस्कर नॉमिनेट फिल्म से जुड़े रहे हैं.
इस संग्रह की संभावित नीलामी 24 मार्च को होना तय किया गया है.