
कोरोना काल में लगातार दो साल घाटे में कारोबार करने वाले विभिन्न उद्योगों से संबंधित 19 सार्वजनिक उपक्रम (CPSEs) अब एक बार फिर रफ्तार भर रही हैं. सरकारी आंकड़ों को देखें तो वित्त वर्ष 2021 के दौरान 255 चालू सीपीएसई में से 177 ने शुद्ध लाभ (Net Profit) और 77 ने शुद्ध घाटा (Net Loss) दर्ज किया है.
सर्वे रिपोर्ट में पेश किए गए आंकड़े
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम सर्वेक्षण 2020-21 के आंकड़ों को पेश किया गया है. इनके मुताबिक, चेन्नई पेट्रोलियम कॉर्प (CPCL), वेस्टर्न कोलफील्ड्स (WCL), और नेशनल फर्टिलाइजर्स (NFL) जो इन 19 केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (CPSE) में शामिल हैं. वित्त वर्ष 2021 में नुकसान से लाभ में वापस लौटे हैं.
दो साल से घाटे में थे ये उपक्रम
रिपोर्ट में कहा गया कि इन 19 सार्वजनिक उपक्रमों में से 8 ने बीते दो साल के दौरान लगातार घाटा होने की सूचना दी थी. ये रिफाइनरी (Refinery), उर्वरक (Fertilisers), वित्तीय सेवाएं (Financial Services) के साथ औद्योगिक और उपभोक्ता सामान (Industrial and Consumer Goods) सेक्टर से संबंधित उपक्रम हैं.
सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, घाटे से लाभ में लौटने वाले अधिकांश CPSE के खर्च में गिरावट के कारण टर्नओवर और राजस्व में वृद्धि हुई. इनमें सांभर साल्ट्स, हिंदुस्तान साल्ट्स, एंड्रयू यूल एंड कंपनी और सीमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया शामिल हैं.
कंपनियों ने खर्च में की कटौती
हालांकि, CPCL, WCL और NFL ने वित्त वर्ष 2021 के दौरान 200 करोड़ रुपये से अधिक के लाभ की सूचना दी, लेकिन इसके इन उपक्रमों के राजस्व में गिरावट दर्ज की गई. खर्च में कटौती की बात करें तो सीपीसीएल ने अपने कुल खर्च में 21 फीसदी, एनएफएल ने 10.45 फीसदी और डब्ल्यूसीएल ने 5.84 फीसदी की कटौती की. इसका असर इन कंपनियों के राजस्व पर पड़ा.
नेट प्रॉफिट मार्जिन पॉजिटिव हुआ
वित्त वर्ष 2020-21 के आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक, प्राइवेटाइज्ड सीपीएसई ने इक्विटी पर रिटर्न, परिसंपत्तियों पर रिटर्न (RoA) और बिक्री (Sales) के मामले में अपने समकक्षों से बेहतर प्रदर्शन किया है. सर्वेक्षण में कहा गया है कि RoA और नेट प्रॉफिट मार्जिन (Net Profit Margin) नेगेटिव से पॉजिटिव हो गया है. वित्त वर्ष 2021 के दौरान 255 ऑपरेटिंग सीपीएसई का कुल सकल राजस्व 24.26 ट्रिलियन रुपये था, जो पिछले वर्ष में 24.58 ट्रिलियन रुपये था, यानी 1.30 फीसदी की कमी देखी गई.
राजस्व में गिरावट के ये कारण
वित्त वर्ष 2021 में ग्रॉस रेवेन्यू में यह गिरावट मुख्य रूप से पेट्रोलियम (Refinery & Marketing), परिवहन ( transport) और लॉजिस्टिक्स सेवाओं और कच्चे तेल (logistics services & crude oil) के सीपीएसई में गिरावट के कारण थी. सर्वे में सेक्टर लेवल पर देखें तो वित्त वर्ष 2021 में परिचालन (operations) से सकल राजस्व का अधिकतम हिस्सा (65.43 फीसदी) था. इसके बाद सेवाओं (services) का 25.75 फीसदी, mining & exploration का हिस्सा 8.77 फीसदी और कृषि (agriculture) सेक्टर का हिस्सा 0.05 फीसदी था.
CPSE नेट प्रॉफिट बढ़कर यहां पहुंचा
इस अवधि में लाभ में लौटने वाले CPSE का कुल शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2021 में 37.53 फीसदी बढ़कर 1.9 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि इससे पिछले वर्ष यह 1.4 लाख करोड़ रुपये रहा था. नुकसान से फायदे में लौटने वाले इन सीपीएसई में टॉप पर इंडियन ऑयल कॉर्प (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (Bharat Petrolium Corp.) और एनटीपीसी (NTPC) समेत नेशनल फर्टिलाइजर्स, सीपीसीएल, डब्ल्यूसीएल, हिंदुस्तान कॉपर, नेशनल सफाई कर्मचारी फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन रहे.