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मॉरीशस से अडानी ग्रुप को क्लीन चिट, कहा- कुछ गड़बड़ नहीं, सभी डील नियम के तहत!

अडानी ग्रुप के लिए मॉरीशस से राहत भरी खबर आई है. मॉरीशस की रेगुलेटर फाइनेंसियल सर्विस कमीशन ने कहा है कि उसे अडानी समूह से जुड़ी 38 कंपनियों और 11 ग्रुप के फंडों में कोई भी कानून का उल्लंघन नहीं मिला है.

अडानी ग्रुप के लिए राहत भरी खबर. अडानी ग्रुप के लिए राहत भरी खबर.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 11:36 AM IST

मुश्किल दौर से गुजर रहे अडानी ग्रुप (Adani Group) के लिए एक राहत भरी खबर आई है. मॉरीशस की रेगुलेटर फाइनेंसियल सर्विस कमीशन (FSC) ने अडानी ग्रुप को क्लीन चिट दे दी है. फाइनेंसियल सर्विस कमीशन ने कहा है कि उसे अडानी समूह से जुड़ी 38 कंपनियों और 11 ग्रुप के फंडों में कोई भी कानून का उल्लंघन नहीं मिला है. अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी को पब्लिश अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि अरबपति गौतम अडानी ने अपनी लिस्टेड कंपनियों के शेयरों की कीमतों में हेरफेर करने के लिए मॉरीशस स्थित शेल कंपनियों का इस्तेमाल किया है.

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नहीं हुआ नियमों का उल्लंघन

मॉरीशस के बाजार नियामक ने कहा कि इसकी इसकी इंटरनल रिपोर्ट अभी तक अपने भारतीय समकक्ष के साथ साझा नहीं की गई है. बिजनेस स्टैंडर्ड में छपी खबर के अनुसार, फाइनेंसियल सर्विस कमीशन के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर धनेश्वरनाथ विकास ठाकुर ने बताया, 'मॉरीशस में उस (अडानी) समूह से जुड़ी सभी इकाइयों का शुरुआती आकलन और जमा की गई जानकारी के आधार पर अब तक हमें नियमों को तोड़ने वाले सबूत नहीं मिले हैं.

फिलहाल भारतीय बाजार नियामक SEBI अडानी समूह और मॉरीशस की दो फर्मों-ग्रेट इंटरनेशनल टस्कर फंड और आयुष्मान लिमिटेड के बीच संबंध की जांच कर रहा है. दोनों फर्म ने हाल ही में रद्द अडानी एंटरप्राइजेज के FPO में एंकर निवेशकों के रूप में भाग लिया था.

अडानी ग्रुप के मार्केट कैप में बड़ी गिरावट

शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन में 50 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है. हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि अडानी ग्रुप की लिस्टेड सात कंपनियां ओवरवैल्यूड हैं. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि अडानी समूह दशकों से स्टॉक हेरफेर और मनी लॉन्ड्रिंग में लगा हुआ है.

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अडानी समूह ने कहा था कि या तो हिंडनबर्ग ने सही तरीके से रिसर्च नहीं किया है या फिर जनता को गुमराह करने के लिए उसने गलत तथ्य पेश किए हैं. 400 से अधिक पन्नों की प्रतिक्रिया में गौतम अडानी के नेतृत्व वाले समूह ने सभी आरोपों को भ्रामक बताया था.

ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में भी जांच

इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के बाजार नियामक ऑस्ट्रेलियाई सेक्योरिटी एंड इन्वेस्टमेंट कमीशन (ASIC) ने भी अडानी ग्रुप के खिलाफ सवाल उठाए थे. ASIC के एक प्रवक्ता ने रॉयटर्स को बताया, 'हम अडानी ग्रुप के खिलाफ आरोपों की समीक्षा करेंगे और यह निर्धारित करेंगे कि क्या और पूछताछ की आवश्यकता है.' ब्रिटेन का वित्तीय नियामक, फाइनेंशियल कंडक्ट अथॉरिटी (FCA), अडानी ग्रुप और लंदन स्थित कंपनी इलारा कैपिटल के बीच संबंध की भी जांच कर रहा है.
 

 

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