
क्या आपने McDonald's का नाम सुना है? निश्चित तौर पर दुनिया भर में ज्यादातर लोग इस सवाल के जवाब में हां कहेंगे. आज पूरी दुनिया में McDonald's के 40 हजार से ज्यादा आउटलेट हैं और इनमें से करीब 500 तो अकेले भारत में हैं. देश के कई छोटे शहरों तक McDonald's के बर्गर और फ्रेंच फ्राइज पहुंच चुके हैं. अब अगर आपको बताएं कि इस कंपनी की पहचान भले ही बर्गर (Burger) और फ्रेंच फ्राइज (French Fries) से है, लेकिन इसकी कमाई का मुख्य जरिया कुछ और ही है. McDonald's के रेवेन्यू मॉडल में रियल एस्टेट (Real Estate) का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है.
Ray Croc ने दिया आधुनिक मॉडल
दो भाइयों Richard McDonald's और Maurice McDonald's ने 1940 में जब अपने फैमिली नेम के साथ कैलिफोर्निया में पहला आउटलेट खोला होगा, शायद ही उन्होंने सोचा होगा कि कभी उनकी ये कंपनी आने वाले समय में दुनिया पर राज करेगी. McDonald's के ग्लोबल बनने की कहानी शुरू हुई 1955 में, जब Ray Croc इसके साथ जुड़े. इसके साथ ही कंपनी ने फ्रेंचाइजी मॉडल को बिजनेस करने का तरीका बनाया.
फ्रेंचाइजी पर चलते हैं ज्यादातर आउटलेट
आज 122 से ज्यादा देशों में McDonald's के जो 40 हजार से अधिक आउटलेट चल रहे हैं, उनमें से 93 फीसदी की मालिक कंपनी खुद नहीं है. भारत में जो करीब 480 आउटलेट हैं, ये सारे के सारे फ्रेंचाइजी मॉडल पर काम कर रहे हैं. पश्चिम और दक्षिण भारत के 305 आउटलेट अमित जतिया (Amit Jatia) की कंपनी हार्डकैसल (Hardcastle) चलाती है, जबकि बाकी आउटलेट संजीव अग्रवाल (Sanjeev Aggarwal) की एमएमजी (MMG) के पास है.
फ्रेंचाइजी मॉडल से होता है दोहरा लाभ
McDonald's की सालाना फाइनेंशियल रिपोर्ट की तलाश करने पर रोचक जानकारियां सामने आती हैं. कंपनी भले ही अपने ज्यादातर आउटलेट को खुद नहीं चलाकर फ्रेंचाइजी पर देती है, लेकिन जिस जगह पर रेस्टोरेंट होता है, वह कंपनी की अपनी होती है. ज्यादातर मामलों में रियल एस्टेट प्रॉपर्टी की मालिक McDonald's कंपनी खुद ही है. इससे कंपनी को दोहरा लाभ होता है. एक तो फिक्स्ड रेंटल इनकम, दूसरा कि फ्रेंचाइजी वाले रेस्टोरेंट का मार्जिन ज्यादा रहता है.
फ्रेंचाइजी मॉडल से इतना बढ़ जाता है मार्जिन
आंकड़ों के अनुसार, जो आउटलेट फ्रेंचाइजी पर चल रहे हैं, उनका ऑपरेटिंग मार्जिन (Operating Margin) 82 फीसदी है. वहीं दूसरी ओर जिन आउटलेट को कंपनी खुद चला रही है, उनका ऑपरेटिंग मार्जिन महज 19 फीसदी है. कंपनी को फ्रेंचाइजी मॉडल का फायदा कोरोना महामारी के दौरान भी हुआ. कोरोना के चलते जब दुनिया भर में लॉकडाउन लगा, तो होटल एंड रेस्टोरेंट सबसे बुरे प्रभावित होने वाले सेक्टरों में से एक रहा. मैकडी की इनकम पर भी असर हुआ, लेकिन फ्रेंचाइजी मॉडल ने कंपनी के ऊपर नुकसान के असर को कम किया. इसका कारण यह रहा कि भले ही रेस्टो बंद रहे, लेकिन कंपनी को रेंट से कमाई होती रही.