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Meesho IPO: मीशो जल्द लाएगी अपना IPO, ये है कंपनी का पूरा प्लान

इंटरनेट कॉमर्स यूनिकॉर्न मीशो (Meesho) अगले एक-दो साल में आईपीओ लाने की तैयारी में है. कंपनी के संस्थापक और सीईओ ने कहा कि अभी हमने मार्केट में अपनी जगह बनाने की शुरुआत की है और अपने प्लान के हिसाब से आगे बढ़ रहे हैं.

आईपीओ लाने की तैयारी कर रही मीशो आईपीओ लाने की तैयारी कर रही मीशो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 जून 2022,
  • अपडेटेड 10:06 AM IST
  • कंपनी के मुनाफे के लिए रोडमैप तैयार
  • कंपनी को नहीं हुआ है नुकसान

इंटरनेट कॉमर्स यूनिकॉर्न मीशो (Meesho) ने अगले 12 से 24 महीनों में सार्वजनिक होने की योजना बनाई है. मतलब कंपनी अपना IPO लाने की तैयारी कर रही है.

संस्थापक और सीईओ विदित आत्रे (Vidit Aatrey) ने बिजनेस टुडे टीवी के साथ एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि कंपनी को जोड़ने से उसी अवधि में लाभदायक ( Profitable) बनने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. कंपनी के मुनाफे को रोडमैप के बारे में विदित आत्रे ने कहा कि हम अगले एक-दो साल कैश-फ्लो को पॉजिटिव रखेंगे, इसका मतलब ये कि हम बैंक में अधिक पैसा जमा करेंगे. हम हमेशा इकोनॉमिक रूप से पॉजिटिव रहे हैं.

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नहीं गंवाया पैसा

उन्होंने बताया कि हमने कंपनी की शुरुआत 2015 में की थी और तब से लेकर आज तक हर एक महीने में हमने पैसा बनाया है. इस दौरान हमने पैसा गंवाया नहीं है और ये इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि हम इकोनॉमिक रूप से पॉजिटिव कंपनी हैं. कंपनी की ग्रोथ और मुनाफा ये हमारे लिए सिर्फ च्वाइस की बात है. उन्होंने कहा कि हम ग्रोथ में अधिक निवेश नहीं करना चाहते हैं. हम एक-दो साल में मुनाफा के करीब पहुंच सकते हैं. बहुत सी चीजें जो हम अभी कर रहे हैं वह उस दिशा में रेवेन्यू बढ़ा रही हैं. हमें भरोसा है कि हम अगले एक-दो साल में वहां पहुंच सकते हैं.

अभी शुरुआत है

मार्केट में मीशो की पैठ पर उन्होंने कहा कि हमने अभी शुरुआत की है. इसलिए, यदि आप भारत में सभी श्रेणियों में छोटे व्यवसायों की कुल संख्या को देखें तो यह लगभग 60 से 70 मिलियन है. यदि आप आज हमारे प्लेटफॉर्म को देखें तो हमारे पास इन छोटे व्यवसायों के करीब आधा मिलियन है. इसलिए, हमें अभी भी छोटे व्यवसाय की अर्थव्यवस्था का एक बहुत छोटा प्रतिशत ऑनलाइन मिला है.

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मीशो का बिजनेस मॉडल

मीशो के बिजनेस मॉडल के बारे में बोलते हुए आत्रे ने कहा कि भारत में हमारे पास एक जीरो-कमीशन प्लेटफॉर्म है. इसलिए यदि आप ग्लेबल लेबल पर देखते हैं, तो कुछ सबसे अधिक मुनाफा कमाने वाले ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पूरी तरह से विज्ञापन से पैसा बना बना रहे हैं. एक बार जब आप छोटे व्यवसायों को ऑनलाइन लाते हैं और सफल होते हैं, तो वो और आगे बढ़ना चाहते हैं. वे विज्ञापन में निवेश करना चाहते हैं. इसलिए उन्हें अधिक ग्राहक और अधिक ट्रैफिक मिलता है और ऐसे ही मोनेटाइज करते हैं.

मीशो ऐप पर ग्राहकों के प्रोफाइल के बारे में बात करते हुए आत्रे ने कहा कि देश भर के छोटे निर्माता, कारीगर और बुनकर इसके ऐप पर र्विक्रेता हैं. उन्होंने आगे कहा कि ऐप में 25-45 वर्ष की आयु वर्ग में कई महिला उद्यमी हैं, जिन्होंने मीशो के कारण अपना व्यवसाय शुरू किया है.


 

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