
सरकार LIC IPO के आकार (LIC IPO Size) को घटाकर 30,000 करोड़ रुपये कर सकती है. सरकार देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी की पांच फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री के जरिए ये रकम जुटाएगी. यह पहले के अनुमान के मुकाबले ठीक आधा है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से ये रिपोर्ट दी है.
भारत का सबसे बड़ा आईपीओ (Biggest IPO of India)
सरकार अगर आईपीओ के आकार को पहले के अनुमान से घटाकर आधा कर देती है तो भी यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा पब्लिक ऑफर होगा. इससे पहले पिछले साल नवंबर में डिजिटल पेमेंट कंपनी Paytm का 18,300 करोड़ रुपये का आईपीओ (Paytm IPO Size) आया था.
वैल्यूएशन में आई कमी
इंवेस्टर्स के फीडबैक के बाद इस इंश्योरेंस कंपनी का वैल्यूएशन अब छह लाख करोड़ रुपये किया जा रहा है. यह सरकार के पहले के अनुमान की तुलना में काफी कम है. सरकार ने पहले इंश्योरेंस कंपनी का वैल्यूएशन करीब 17 लाख करोड़ रुपये के आसपास होने का अनुमान जताया था.
नए सिरे से रेगुलेटर से लेनी होगी अनुमति
LIC के आईपीओ के लिए अगला हफ्ता काफी अहम है. इसकी वजह ये है कि सेबी द्वारा दी गई मंजूरी की मियाद 12 मई को पूरी हो रही है. ऐसे में अगर अगले हफ्ते तक इससे जुड़ी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ती है तो कंपनी को मार्केट रेगुलेटर से नए सिरे से अनुमति लेनी होगी.
सरकार 31 मार्च को समाप्त हुए फाइनेंशियल ईयर से पहले एलआईसी का आईपीओ लाना चाहती थी. लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से सरकार को इसे टालना पड़ा था.
66 साल पुरानी कंपनी
एलआईसी 66 साल पुरानी कंपनी है. भारत के इंश्योरेंस सेक्टर में कंपनी का दबदबा है. 2020 में इंश्योरेंस के प्रीमियम कलेक्शन के लिहाज से यह दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी कंपनी थी.
इंवेस्टर्स लंबे समय से कर रहे इंतजार
फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के बजट स्पीच में एलआईसी आईपीओ का ऐलान किया था. उसके बाद से लोग देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी के आईपीओ का इंतजार कर रहे हैं.