
देश कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है. इसकी वजह से आम आदमी से लेकर इंडस्ट्री तक सभी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. कई सेक्टर ऐसे हैं जो अभी पहली लहर के असर से उबर भी नहीं पाए थे कि दूसरी लहर ने उनकी कमर ही तोड़ दी. इसे देखते हुए मोदी सरकार अब एक और राहत पैकेज लाने की तैयारी कर रही है.
इन सेक्टर को मिल सकता है फायदा
सरकार इस नए पैकेज के द्वारा ऐसे सेक्टर को मदद पहुंचाने की कोशिश कर सकती है, जो हाल के राज्यों के लॉकडाउन से खासतौर से प्रभावित हुए हैं. ब्लूमबर्ग की एक रिपार्ट के अनुसार जिन सेक्टर को इस राहत पैकेज का फायदा मिल सकता है उनमें टूरिज्म, एविएशन और हॉस्पिटलिटी के अलावा छोटी और मझोली कंपनियां शामिल हो सकती हैं.
इंडस्ट्री को भारी नुकसान
रिपोर्ट के अनुसार इस बारे में चर्चा अभी शुरुआती दौर में है और अभी यह तय नहीं है कि इसका ऐलान कब होगा. गौरतलब है कि कोविड की दूसरी लहर ने न केवल बहुत से परिवारों को आर्थिक तौर पर बर्बाद कर दिया है, बल्कि इसने खासकर ट्रैवल इंडस्ट्री को ठप कर दिया. देश के दो सबसे बड़े औद्योगिक राज्यों महाराष्ट्र और तमिलनाडु में लॉकडाउन लग जाने की वजह से इंडस्ट्री को भारी नुकसान हुआ है.
इसकी वजह से तमाम रेटिंग एजेंसियों ने भारत के जीडीपी अनुमान में कटौती करनी शुरू कर दी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि वह हालात पर गंभीरता से नजर बनाए हुए हैं. ब्लूमबर्ग के अनुसार वित्त मंत्री ने संभावित राहत पैकेज के बारे में अर्थशास्त्रियों से विचार विमर्श किया है.
कोरोना की पिछली लहर से प्रभावित लोगों और इंडस्ट्री सेक्टर्स की मदद के लिए पिछले साल मोदी सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज दिया था.