
टायर बनाने वाली कंपनी मद्रास रबर फैक्ट्री (MRF) के शेयरों ने इतिहास रच दिया है. MRF का शेयर आज फ्यूचर में कारोबार के दौरान एक लाख रुपये के आंकड़े को पार कर गया. यानी अगर अब कोई भी MRF का शेयर खरीदता है, तो उसे प्रति शेयर एक लाख रुपये देने होंगे. MRF भारत का पहला स्टॉक है, जिसने एक लाख रुपये के आंकड़े को छुआ है. हालांकि, स्टॉक एक्सचेंज पर MRF के स्टॉक सोमवार को 99,933.50 रुपये के आंकड़े तक पहुंचा. इसके बाद से वापस इसमें गिरावट शुरू हो गई. MRF के शेयर ने आज अपने 52 सप्ताह के नए हाई लेवल को छुआ और ये 99,933.50 रुपये के स्तर पर पहुंच गया.
100 गुना बढ़ा स्टॉक
सोमवार की सुबह MRF का शेयर 98,620 रुपये पर ओपन हुआ और 99,933 रुपये के इंट्राडे हाई तक पहुंचा. 10:15 बजे तक के कारोबार तक इसका आज का लो 98,614.05 रुपये रहा. पिछले 20 साल में ये स्टॉक 100 गुना बढ़ा है. पिछले पांच दिनों में इस स्टॉक ने 10.19 फीसदी की छलांग लगाई है. वहीं, महीने भर में ये 16 फीसदी से अधिक उछला है. इस साल यानी साल 2023 में अबतक MRF का शेयर 11.38 फीसदी उछला है.
साल 2000 में MRF के एक शेयर की कीमत 1000 रुपये थी. अब ये स्टॉक फ्यूचर में ट्रेडिंग के लिए एक लाख के आंकड़े को पार कर गया है. इन 23 साल की अवधि में स्टॉक ने 10,000 फीसदी से अधिक की जोरदार छलांग लगाई है.
कंपनी का शानदार प्रदर्शन
चौथी तिमाही में MRF कंपनी ने शानदार नतीजे पेश किए हैं. FY23 की मार्च तिमाही में MRF का स्टैंडअलोन प्रॉफिट 162 फीसदी बढ़कर 410.66 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. इस दौरान कंपनी का ऑपरेटिंग परफॉर्मेंस मजबूत हुआ है. वहीं कंपनी का ऑपरेशन से होने वाला स्टैंडअलोन रेवेन्यू सालाना आधार पर 10 फीसदी बढ़कर 5,725.4 करोड़ रुपये हो गया है. कंपनी ने 169 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड का ऐलान किया है.
हजार रुपये से लाख रुपये तक
MRF के शेयरों पर नजर डालें, तो साल 2000 में स्टॉक का भाव 1000 रुपये प्रति शेयर था. वहीं, 2012 में ये 10,000 रुपये के स्तर पर पहुंचा. इसके बाद 2014 में इस स्टॉक ने 25,000 रुपये का आंकड़ा छुआ. फिर 2016 में 50,000 रुपये पर पहुंचा. साल 2018 में 75,000 और अब एक लाख रुपये के करीब पहुंच चुका है. 27 अप्रैल 1993 को MRF के एक शेयर की कीमत 11 रुपये थी.
क्यों इतना महंगा है MRF का स्टॉक?
आखिर MRF का स्टॉक इतना महंगा क्यों है, इसके पीछे की वजह भी जान लीजिए. दरअसल, इसके पीछे की वजह है कंपनी का शेयरों को स्प्लिट (Stock Split) ना करना. एंजल वन के मुताबिक 1975 के बाद से ही MRF ने अभी तक अपने शेयरों को कभी स्प्लिट नहीं किया. इसके पहले साल 1970 में 1:2 और 1975 में 3:10 के अनुपात में MRF ने बोनस शेयर इशू किए थे.
टॉय बैलून बनाने से हुई थी शुरुआत
MRF का पूरा नाम मद्रास रबर फैक्ट्री है. इसकी शुरुआत 1946 में टॉय बैलून बनाने से हुई थी. 1960 के बाद से इन्होंने टायर बनाना शुरू कर दिया. अब यह कंपनी भारत में टायर की सबसे बड़ी निर्माता है. भारत में टायर इंडस्ट्री का मार्केट करीब 60000 करोड़ रुपये का है. JK Tyre, CEAT Tyre इत्यादि MRF के कॉम्पिटिटर हैं. MRF के भारत में 2500 से अधिक वितरक हैं और कंपनी दुनिया के 75 से अधिक देशों में एक्सपोर्ट करती है.