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लिपस्टिक और ब्यूटी प्रोडक्ट के बिजनेस में उतर सकती है मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस, Revlon को खरीदने की तैयारी

दिवालिया हुई अमेरिकी कॉस्मेटिक कंपनी रेवलॉन इंक (Revlon inc) को खरीदने में रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance industries) ने दिलचस्पी दिखाई है. रेवलॉन के 15 से ज्यादा ब्रॉन्ड हैं और कंपनी के प्रोडक्ट्स दुनिया के 150 देशों में बिकते हैं.

रेवलॉन इंक को खरीदने में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने दिखाई दिलचस्पी रेवलॉन इंक को खरीदने में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने दिखाई दिलचस्पी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 जून 2022,
  • अपडेटेड 8:53 AM IST
  • रिलायंस इंडस्ट्रीज ने दिखाई दिलचस्पी
  • कर्ज के बोझ से दबी है रेवलॉन इंक

दिवालिया हुई अमेरिकी कॉस्मेटिक कंपनी रेवलॉन इंक (Revlon inc) को रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance industries) खरीद सकती है. खबर है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज इस पर विचार कर रही है. हाल ही में रेवलॉन इंक ने कर्ज नहीं चुका पाने की वजह से कंपनी ने बैंकरप्सी (Bankruptcy) के लिए आवेदन दायर किया है. रेवलॉन इंक को मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा खरीदने की खबर के बाद प्री-मार्केट ट्रेडिंग में रेवलॉन के शेयरों में 87 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. रिलांयस इंडस्ट्रीज ने पहले ही रिटेल और टेलिकॉम सेक्टर में अपने पैर जमा लिए हैं.

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रिपोर्ट के अनुसार, प्रमुख ऑयल डील से पीछे हटने के रिलायंस ने अब फैशन और पर्सनल केयर सेक्टर की तरफ रुख किया है. कंपनी इस सेक्टर में अपनी जगह मजबूत करने की कोशिश में जुटी है. ऐसे में रेवलॉन इंक को खरीदकर पर्सनल केयर सेक्टर में रिलायंस खुद को मजूबत बना सकती है.

15 से ज्यादा ब्रैंड

रेवलॉन ने चैप्टर 11 बैंकरप्सी के तहत कंपनी अपना कारोबार जारी रख सकती है साथ ही कर्ज को चुकाने के लिए प्लान बना सकती है. रेवलॉन के 15 से ज्यादा ब्रैंड हैं जिनमें Elizabeth Arden और Elizabeth Taylor शामिल हैं. करीब 150 देशों में रेवलॉन के प्रोडक्ट की बिक्री होती है. कंपनी के प्रोडक्ट की डिमांड मार्केट में बढ़ी है, लेकिन रेवलॉन ग्राहकों तक अपना सामान नहीं पहुंचा पा रही है.

कोविड के दौरान बिगड़ा बाजार

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महामारी के पहले वर्ष 2020 में बिक्री में कंपनी के प्रोडक्ट की बिक्री में 21 फीसदी की गिरावट आई थी. हालांकि, ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी की बिक्री में 9.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी. मार्च में समाप्त हुई तिमाही में रेवलॉन की बिक्री लगभग 8 फीसदी बढ़ी थी. रेवलॉन को कई और ब्रॉड्स से तगड़ी चुनौती मिल रही है. ये कंपनिया सोशल मीडिया का सहारा लेकर अपने कारोबार को बढ़ा रही हैं.

पिछले साल रेवलॉन ने 248 मिलियन डॉलर की रकम ब्याज के रूप में चुकाई थी. रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से मार्च के दौरान कंपनी को 67 मिलियन डॉलर का शुद्ध घाटा हुआ था. कंपनी अपने कारोबार को बचाने के लिए कर्जदारों से बातचीत कर रही है और ब्याज को कम कराने की कोशिश में जुटी है.

दो भाइयों ने शुरू की थी कंपनी

90 साल पुरानी रेवलॉन इंक ने नेल पॉलिश बेचने से अपने कारोबार की शुरुआत की थी. साल 1932 में भारी मंदी के दौर में चार्ल्स रेवसन और जोसेफ रेवसन नाम के दो भाइयों ने इस कंपनी की शुरुआत की थी.

 

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