
लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) की लिस्टिंग में देरी और अन्य कारणों से केंद्र सरकार फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में भी विनिवेश लक्ष्य (Disinvestment Target) हासिल नहीं कर पाई. सरकार फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के दौरान विनिवेश के जरिए महज 12,423 करोड़ रुपये जुटा सकी. यह विनिवेश के 78,000 करोड़ रुपये के संशोधित लक्ष्य का महज 16 फीसदी है.
सरकार ने लक्ष्य में किया था संशोधन
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में 1.75 लाख करोड़ का विनिवेश लक्ष्य तय किया था. लेकिन इस साल एक फरवरी को सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए विनिवेश लक्ष्य (Disinvestment Target) को संशोधित कर 78,000 करोड़ रुपये कर दिया था. हालांकि, रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) की वजह से मार्केट में पैदा हुई अनिश्चितता के कारण LIC की लिस्टिंग में देरी के चलते इस लक्ष्य को भी हासिल नहीं किया जा सका.
रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से टला LIC IPO
एक सरकारी अधिकारी ने बिजनेस टुडे टीवी को बताया, "हमें उम्मीद थी कि LIC IPO इसी साल आएगा. हालांकि, यूक्रेन युद्ध और उसकी वजह से पैदा हुई अनिश्चितताओं के चलते मर्चेंट बैंकर्स ने हमें इश्यू को टालने का परामर्श दिया."
अगले वित्त वर्ष का टार्गेट हो जाएगा हासिल
वित्त मंत्रालय ने 2022-23 के लिए 65,000 करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य रखा है. LIC के इश्यू से होने वाली आमदनी की वजह से अगले वित्त वर्ष का टार्गेट तो आसानी से हासिल हो जाएगा. एक अन्य अधिकारी ने कहा, "विनिवेश और निजीकरण को टार्गेट्स के परे देखने की जरूरत है. वे जटिल (कॉम्पलेक्स) प्रोसेस से जुड़ी होती हैं और उन्हें एग्जीक्यूट करने के लिए अनुकूल मार्केट के साथ-साथ सही माहौल की जरूरत होती है."
सरकार ने इस प्रकार जुटाए हैं 12,423 करोड़
सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में Air India के निजीकरण से 2,700 करोड़ रुपये और Axis Bank Ltd में SUUTI की हिस्सेदारी की बिक्री से 2,994 करोड़ रुपये जुटाए हैं.