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चाय-कॉफी और मसाले से जुड़े बदलेंगे कानून, मोदी सरकार रद्द करेगी अंग्रेजों वाले ये नियम

कॉमर्स मिनिस्ट्री ने स्पाइसेज (प्रमोशन एंड डेवलपमेंट) बिल 2022, रबर (प्रमोशन एंड डेवलपमेंट) बिल, 2022, कॉफी (प्रमोशन एंड डेवलपमेंट) बिल, 2022, टी (प्रमोशन एंड डेवलपमेंट) बिल, 2022 के ड्राफ्ट पर स्टेकहोल्डर्स से विचार मांगे हैं.

चाय चाय
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 31 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 11:23 AM IST
  • जरूरतों के हिसाब से तैयार किए गए नए विधेयक
  • नए बिल में मार्केटिंग, क्वालिटी में सुधार पर है जोर

नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) चाय, कॉफी, मसालों और रबड़ से जुड़े दशकों पुराने कानूनों को समाप्त करने को लेकर विचार कर रही है. सरकार इन कानूनों के स्थान पर नए कानून लाना चाहती है. इन नए कानूनों का मकसद इन सेक्टर्स की ग्रोथ को प्रोत्साहन देने के साथ ही कारोबार के लिए अनुकूल माहौल तैयार करना है.

सरकार ने स्टेकहोल्डर्स से मांगी राय
कॉमर्स मिनिस्ट्री ने स्पाइसेज (प्रमोशन एंड डेवलपमेंट) बिल 2022, रबर (प्रमोशन एंड डेवलपमेंट) बिल, 2022, कॉफी (प्रमोशन एंड डेवलपमेंट) बिल, 2022, टी (प्रमोशन एंड डेवलपमेंट) बिल, 2022 के ड्राफ्ट पर स्टेकहोल्डर्स से विचार मांगे हैं. लोग/स्टेकहोल्डर्स इन चार बिल के ड्राफ्ट पर नौ फरवरी तक अपनी टिप्पणियां भेज सकते हैं.

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जानिए मिनिस्ट्री ने क्या कहा है
कॉमर्स मिनिस्ट्री ने चार अलग-अलग कार्यालय ज्ञापनों में कहा है कि वह टी एक्ट-1953, स्पाइसेज बोर्ड एक्ट-1986, रबर एक्ट -1947 और कॉफी एक्ट-1942 को निरस्त करने का प्रस्ताव रखता है.

जानिए क्यों है इसकी जरूरत
मिनिस्ट्री की वेबसाइट पर डाले गए ड्राफ्ट में कहा गया है, ''इन कानूनों को निरस्त करने और नए एक्ट लाने का प्रस्ताव मौजूदा जरूरतों और उद्देश्यों के अनुरूप है.''  मिनिस्ट्री के अनुसार, टी एक्ट को निरस्त करने की मुख्य वजह यह है कि हाल के दशकों में चाय के प्रोडक्शन, मार्केटिंग और कंज्मशन के तरीके में बड़ा चेंज आया है. ऐसे में मौजूदा एक्ट में बदलाव की जरूरत है. 

इसमें कहा गया है कि प्रोडक्शन को सपोर्ट करने, क्वालिटी में सुधार करने, चाय उत्पादकों के स्किल को विकसित करने और चाय के प्रमोशन जैसे संबंधित टी बोर्ड के कामकाज को बेहतर बनाने के लिए नए कानून की जरूरत है.  

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अन्य बिल के बारे में जानिए
स्पाइसेज (प्रमोशन एंड डेवलपमेंट) बिल 2022 के ड्राफ्ट के अनुसार, मसाला बोर्ड को मसालों के पूरे सप्लाई चेन पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम बनाने की जरूरत है. इसी प्रकार रबड़ कानून के बारे में कहा गया है कि हाल के वर्षों में रबड़ और इससे जुड़े सेक्टर्स से संबंधित इंडस्ट्रियल और इकोनॉमिक आउटलुक में व्यापक बदलाव हुए हैं. वहीं कॉफी (प्रमोशन एंड डेवलपमेंट) बिल, 2022 में कहा गया है कि मौजूदा एक्ट का काफी हिस्सा आज के समय में बहुत प्रभावी नहीं रह गया है लिहाजा इसमें भी बदलाव की जरूरत है.

 

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