
दुनिया पर मंदी (Recession) का खतरा बढ़ने के साथ ही बड़ी-बड़ी कंपनियों में छंटनी का दौर शुरू हो गया. इस मामले में टेक कंपनियां सबसे आगे नजर आईं. मेटा-ट्विटर जैसी दिग्गज कंपनियों में Layoff की सुनामी देखने को मिली, तो भारत में भी एचसीएल टेक जैसी बड़ी कंपनियों ने सैकड़ों कर्मचारियों बाहर का रास्ता दिखाया. धड़ाधड़ छंटनी के बावजूद भी जॉब के मामले में टेक सेक्टर भारतीय युवाओं का फेवरेट बना हुआ है. एक स्टडी में सामने आया है कि 70% छात्र Tech Job's पसंद करते हैं.
नैस्कॉम-इंडीड ने किया सर्वे
बिजनेस टुडे पर छपी NASSCOM-Indeed की स्टडी रिपोर्ट में कहा गया है कि 70 फीसदी युवा भारतीय बड़े पैमाने पर छंटनी के बावजूद टेक सेक्टर में नौकरी करने की इच्छा रखते हैं. 'Gen Z and Millennials: Reshaping the Future of Workforce' शीर्षक वाली स्टडी में ये आंकड़ा सामने आया है. आईटी और टेक कर्मचारी संघ NASSCOM द्वारा जॉब सर्च पोर्टल Indeed के साथ मिलकर की गई स्टडी में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि युवा भारतीय विभिन्न क्षेत्रों में से टेक सेक्टर में नौकरी करना ज्यादा पसंद करते हैं.
नौकरी के लिए पसंदीदा सेक्टर
अध्ययन की रिपोर्ट की मानें तो GenZ के 70 फीसदी से ज्यादा छात्रों के साथ प्रौद्योगिकी क्षेत्र नौकरी के लिए सबसे पसंदीदा सेक्टर बना हुआ है. इसमें इस बात का जिक्र भी किया गया कि जेन जेड के 79 फीसदी युवा अपनी पहली नौकरी में 2 साल से अधिक समय बिताने को तैयार हैं. हालांकि, उनकी शर्त ये है कि नियोक्ता उन्हें सही कीमत का प्रपोजल दें. गौरतलब है कि दुनिया के अन्य देशों की तुलना में भारतीय आबादी में युवाओं की हिस्सेदारी अधिक है.
FY22 में इतने फ्रेशर्स को नौकरियां
रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 22 में भारतीय टेक कंपनियों द्वारा करीब 3,80,000 फ्रेशर्स को काम पर रखा गया है. नैसकॉम (NASSCOM) की वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगीता गुप्ता का कहना है कि वर्कफोर्स में बदलाव के साथ ही वर्कप्लेस भी बदल रहा है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि नई पीढ़ियां दुनिया के Talent Hub के रूप में भारत के भविष्य को कैसे आकार देती हैं.
पॉजिटिव वर्क-लाइफ बैलेंस जरूरी
इनडीड में सेल्स हेड शशि कुमार ने कहा, GenZ समूह के कर्मचारी पॉजिटिव वर्क-लाइफ बैलेंस को प्राथमिकता देते हैं. वे ऐसे काम के माहौल की तलाश करते हैं जो विविध हैं, सीखने के अवसर प्रदान करते हैं और उनके मूल मूल्यों के साथ संरेखित होते हैं. उन्होंने आगे कहा कि कंपनियों के लिए यह अनिवार्य होगा कि इसे बढ़ावा देना जारी रखें.