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'बिग बाजार' वाली कंपनी FRL कंगाल!, दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया को हरी झंडी

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने किशोर बियानी के नेतृत्व वाली Future Retail Ltd को बड़ा झटका देते हुए बैंक ऑफ इंडिया की याचिका को स्वीकार कर लिया है. अब FRL पर दिवालिया कार्रवाई हो सकती है.

Future Retail पर शुरू होगी दिवालिया कार्यवाही Future Retail पर शुरू होगी दिवालिया कार्यवाही
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 7:57 PM IST
  • बैंक ऑफ इंडिया ने अप्रैल में याचिका दायर की थी मांग
  • फ्यूचर ग्रुप का रिलायंस के साथ भी सौदा हो गया था रद्द

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मुंबई पीठ ने किशोर बियानी समूह (Kishore Biyani Group) की कंपनी फ्यूचर रिटेल लिमिटेड के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दी है. अप्रैल 2022 में बैंक ऑफ इंडिया ने FRL के खिलाफ दिवाला (Insolvency) समाधान कार्रवाई शुरू करने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी. 

बैंक ऑफ इंडिया की याचिका स्वीकार
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मुंबई पीठ ने बुधवार को इस मामले में सुनवाई की. इसके बाद न्यायाधिकरण ने कहा कि उसने कर्ज में डूबे Future Retail Ltd के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दी है. एनसीएलटी ने धारा-7 के तहत बैंक ऑफ इंडिया की याचिका स्वीकार कर ली है. 

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विजय कुमार अय्यर IRP नियुक्त
इस साल अप्रैल में, बैंक ऑफ इंडिया ने ऋण चुकाने में चूक पर FRL के खिलाफ दिवाला समाधान कार्रवाई शुरू करने की मांग करते हुए एनसीएलटी का रुख किया था. BoI फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की प्रमुख ऋणदाता है. विजय कुमार अय्यर को कंपनी का अंतरिम समाधान पेशेवर (IRP) नियुक्त किया गया है. 

Amazon की हस्तक्षेप याचिका खारिज
NCLT ने Amazon द्वारा इस मामले में दायर हस्तक्षेप याचिका को भी खारिज कर दिया है. इसका मतलब है कि FRL को अब दिवाला प्रक्रिया का सामना करना पड़ सकता है. बता दें बीते 12 मई को दायर की गई अपनी याचिका में एमेजॉन ने तर्क दिया था कि एफआरएल ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड ने अक्टूबर, 2020 में आए सिंगापुर मध्यस्थता के फैसले का सम्मान नहीं किया है. 

फ्यूचर रिटेल भुगतान से चुकी
BoI ने अपनी याचिका में कहा था कि FRL के खिलाफ ऋणदाता की याचिका का Amazon से कोई संबंध नहीं है,  क्योंकि यह कार्रवाई भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दिशा-निर्देशों और दिवाला और दिवालियापन संहिता (IBC) के प्रावधानों के अनुरूप है. रिपोर्ट में बताया गया कि फ्यूचर रिटेल अपने कर्जदाताओं को 5,322.32 करोड़ रुपये के भुगतान से चूकी है. इस बीच फ्यूचर ग्रुप का रिलायंस के साथ होने वाला प्रस्तावित सौदा रद्द हो गया है. 

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