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बिल्कुल अलग सोच... काम के घंटों को लेकर आया एक और CEO का बयान

Work Hours In Week: भारत में वर्क लाइफ बैलेंस पर बहस के बीच Capgemini CEO ने एक कार्यक्रम के दौरान 47.5 घंटे काम को हफ्ते में आइडियल वर्किंग ऑवर बताते हुए कहा कि वीकेंड पर आखिर क्यों कर्मचारियों पर काम को बोझ डालना.

अश्विन यार्डी ने कहा कर्मचारियों को दुख देने का मतलब नहीं अश्विन यार्डी ने कहा कर्मचारियों को दुख देने का मतलब नहीं
आजतक बिजनेस डेस्क
  • नई दिल्ली,
  • 26 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 1:48 PM IST

देश में काम के घंटों (Work Hours In Week) को लेकर लंबे समय से बहस हो रही है. पहले इंफोसिस के को-फाउंडर एन आर नारायणमूर्ति ने हफ्ते में 70 घंटे काम की वकालत की, तो वहीं उनके बाद इंजीनियरिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी L&T के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन एक कदम और आगे बढ़ते हुए सप्ताह में 90 घंटे काम करने की सलाह दे डाली. इसके लेकर उन्हें जमकर ट्रोल किया गया, लेकिन अब Working Hours को लेकर एक और CEO का बयान आया है, जो बिल्कुल अलग है. IT सर्विस कंपनी कैपजेमिनी इंडिया के सीईओ अश्विन यार्डी ने वीकेंड पर कर्मचारियों से काम लेने की खिलाफत की है और कहा है आखिर कर्मचारियों को 'दुख' क्यों देना?  

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हफ्ते में 47.5 घंटे काम की सलाह 
Capgemini India के सीईओ मंगलवार को नैसकॉम टेक्नोलॉजी एंड लीडरशिप फोरम में शामिल हुए और इस दौरान एक कर्मचारी ने उनसे हर हफ्ते आइडियल वर्किंग ऑवर को लेकर सवाल पूछा था. इसे लेकर उन्होंने कहा कि 47 घंटे 20 मिनट, हमारे पास दिन में काम करने के लिए 9 घंटे हैं और पांच दिन हैं. उन्होंने जबाव में कहा कि मैं बीते 4 सालों से वीकेंड्स पर कर्मचारियों को किसी भी तरह का कोई ईमेल तक न भेजने के सिद्धांत पर काम कर रहा हूं.

'कर्मचारी को दुख देने का मतलब नहीं...'
आदर्श कार्य घंटों पर देश में जारी बहस के बीच कैपजेमिनी इंडिया सीईओ Ashwin Yardi ने 47.5 घंटे के कार्य सप्ताह की वकालत करते हुए कर्मचारियों के अवकाश के समय का सम्मान करने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि वे खुद कभी-कभी वीकेंड पर काम करते हैं, लेकिन खासकर ऐसे कामों के लिए कर्मचारियों पर बोझ बढ़ाने का कोई मतलब नहीं है, जिन पर तुरंत कार्रवाई नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा, 'किसी कर्मचारी को सिर्फ दुख देने का कोई औचित्य वहीं है.

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नैस्कॉम चेयरपर्सन ने किया यार्डी समर्थन 
अश्विन यार्डी के इस बयान के समर्थन में बोलते हुए नैसकॉम की चेयरपर्सन और SAP इंडिया की चीफ सिंधु गंगाधरन  ने कहा कि काम के घंटों की संख्या से ज्यादा काम के नतीजों को महत्व दिया जाना चाहिए. इस बीच मैरिको कंपनी के सीईओ सौगत गुप्ता ने भी यही बात दोहराई, हालांकि उन्होंने रात 11 बजे तक अपने कर्मचारियों को ईमेल भेजने की बात स्वीकार की लेकिन वीकेंड पर काम न कराने की अश्विन यार्डी की बात का सपोर्ट किया. 

क्यों चर्चा का विषय बना काम के घंटों का मुद्दा 
बता दें कि काम के घंटो के लेकर सबसे पहले Infosys Co-Founder नारायणमूर्ति का बयान आया था और उन्होंने हफ्ते में 70 घंटे काम की सलाह दी थी. इस मुद्दे पर शुरू हुई बहस थम पाती, तभी एलएंडटी चेयरमैन ने अपने कर्मचारियों को ऐसी सलाह दे डाली, जिसे लेकर हंगामा खड़ा हो गया. उन्होंने 90 घंटे काम की वकालत करते हुए कर्मचारियों से कहा था कि घर में रहकर कितनी देर तक पत्नी को निहारोगे? उन्होंने आगे कहा था कि मुझे खुशी होती अगर मैं आपसे वीकेंड पर भी काम करा पाता. अपने इस बयान के लिए सोशल मीडिया पर L&T Chairman जमकर ट्रोल हुए थे. 

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