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डेयरी वाले लाइसेंस पर मां का दूध बेच रही थी ये कंपनी, अब हुआ बड़ा एक्शन

मां का दूध बेचने वाली एशिया की इकलौती कंपनी भारत में डेयरी प्रोडक्ट के लाइसेंस पर ये दूध बेच रही थी. इसे लेकर देश के फूड रेग्यूलेटर समेत कुछ एक्टिविस्टों ने मां के दूध के व्यावसायीकरण पर आपत्ति जताई थी. अब इसे लेकर कंपनी पर बड़ी कार्रवाई की गई है.

मां का दूध बेचती है ये कंपनी (फोटो-Getty) मां का दूध बेचती है ये कंपनी (फोटो-Getty)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 6:40 PM IST
  • 2021 से मां का दूध बेच रही है कंपनी
  • देश में हैं 80 से अधिक ह्यूमन मिल्क बैंक

इन दिनों बाजार में कुछ भी बिक सकता है. अगर आपके पास पैसे हैं तो आप कुछ भी खरीद सकते हैं. यहां तक कि आपको मां का दूध भी मिल सकता है. मां का दूध (Breast Milk) बेचने वाली एशिया की इकलौती कंपनी नियोलैक्टा लाइफसाइंसेज प्राइवेट लिमिटेड (NLPL) भी भारत में ऐसा ही कर रही थी. हाल ही में कुछ एक्टिविस्टों ने बेंगलुरू की इस कंपनी के मां के दूध के व्यावसायीकरण करने पर आपत्ति जताई थी. इसके बाद भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने कंपनी का लाइसेंस रद्द कर दिया.

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FSSAI का कहना है कि भारत में मां के दूध बेचने की अनुमति नहीं है. कंपनी नवंबर 2021 में मिले आयुष लाइसेंस के माध्यम से अपने उत्पाद 'नारीक्षीरा' (मां का दूध) को बेच रही है. 

FSSAI से मिला था डेयरी प्रोडक्ट बेचने का लाइसेंस

साल 2016 में नियोलैक्टा की स्थापना हुई थी. टीओआई की खबर के अनुसार कंपनी ने मूल रूप से डेयरी उत्पादों की श्रेणी में FSSAI के कर्नाटक कार्यालय से लाइसेंस प्राप्त किया था. ब्रेस्टफीडिंग प्रमोशन नेटवर्क ऑफ इंडिया की नुपुर बिडाला ने कहा कि यह पूरी तरह से चौंकाने वाला है कि एक कंपनी को मां का दूध इकट्ठा करके उसे डेयरी उत्पाद की तरह बेचने की अनुमति दी जा रही है.

बच्चों को लाभ पहुंचाने का दावा

नियोलैक्टा के एमडी सौरभ अग्रवाल का कहना है कि कंपनी के पास ऑस्ट्रेलिया में पहला दूध बैंक स्थापित कर मानव दूध की आपूर्ति करने वाली तकनीक का अनुभव है. नियोलैक्टा ने पिछले पांच वर्षों में 450 अस्पतालों में 51,000 से अधिक समय से पहले जन्म लेने वावे बच्चों को फायदा पहुंचाया है. डोनेट किए गए मां के दूध का उपयोग मुख्य रूप से समय से पहले या बीमार बच्चों के लिए किया जाता है. 

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80 से अधिक ह्यूमन मिल्क बैंक

आमतौर पर इसे गैर-लाभकारी काम के रूप में देखा जाता है. डोनेट करने वालों से कलेक्ट किए गए दूध की जांच की जाती है, जिससे पोषक तत्व की मात्रा का पता लगता है. विशेष रूप से सरकारी अस्पतालों से जुड़े लोगों को मां का दूध मुफ्त में दिया जाता है. लेकिन जो लोग खर्च वहन कर सकते हैं, उनसे आम तौर पर ह्यूमन मिल्क बैंक से 50 मिलीलीटर दूध के लिए पैसे लिए जाते हैं. भारत में 80 से अधिक गैर-लाभकारी ह्यूमन मिल्क बैंक हैं.

कितनी है कीमत

नियोलैक्टा कंपनी 300 मिलीलीटर फ्रोजन ब्रेस्ट मिल्क के लिए 4,500 रुपये चार्ज करती है. एक प्री-टर्म बच्चे को प्रति दिन लगभग 30 मिलीलीटर मां के दूध की आवश्यकता हो सकती है. वहीं, स्वस्थ बच्चे को प्रति दिन 150 मिलीलीटर दूध की आवश्यकता हो सकती है. FSSAI की बेंगलुरु शाखा के अधिकारियों ने 22 अप्रैल को Neolacta इकाई का निरीक्षण किया था.

FSSAI ने जारी किया नोटिस

अधिकारियों को FSSAI द्वारा बैन सामग्री का स्टॉक मिला, जिसे उन्होंने जब्त कर लिया था. स्थानीय FSSAI कार्यालय ने कंपनी को अपने सभी उत्पादों को बाजार से वापस लेने के लिए कहा है. कंपनी को बिना वैध FSSAI लाइसेंस के खाद्य व्यवसाय करने के लिए भी नोटिस जारी किया गया था.

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