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सरकार के निशाने पर आई Nestle... रिपोर्ट में खुलासा- बेबी फूड में मिला रही चीनी

भारत सरकार के जांच के घेरे में नेस्‍ले कंपनी आ चुकी है. सरकार ने भारत में बेचे जाने वाले शिशु के दूध में कथित तौर पर चीनी मिलाए जाने की रिपोर्ट की जांच करने को कहा है.

नेस्‍ले नेस्‍ले
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली ,
  • 18 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 1:19 PM IST

भारत सरकार के जांच के घेरे में नेस्‍ले कंपनी आ चुकी है. सरकार ने भारत में बेचे जाने वाले बेबी फूड में कथित तौर पर चीनी मिलाए जाने की एक रिपोर्ट की जांच करने को कहा है. स्विस जांच संगठन पब्लिक आई की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि Nestle भारत में बेचे जा रहे बेबी फूड में चीनी मिला रही है, जिसके बाद सरकार के निशाने पर ये कंपनी आ चुकी है. 

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एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने बिजनेस टुडे टीवी को बताया कि हमने Nestle के संबंध में रिपोर्ट का संज्ञान लिया है और मामले की जांच करेंगे. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सरकार केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) से नेस्ले के बेबी फूड के नमूनों की जांच करने के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों का पालन करेगा. साथ ही उपभोक्ता मामलों के विभाग और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के सीनियर ऑफिसर जल्द ही इस मामले पर चर्चा करेंगे. 

दरअसल, अमेरिका और यूरोप में बेबी फूड में अतिरिक्‍त शुगर मिलाने पर रोक है. अगर कोई कंपनी इसमें शुगर मिलाती है तो तगड़ा जुर्माना लगाया जाता है. लेकिन एशिया के देशों में बेबी फूड में शुगर मिलाने पर किसी तरह का कोई जुर्माना नहीं है. ऐसे में नेस्‍ले द्वारा बेबी फूड में चीनी मिलाने की रिपोर्ट सामने आई है. 

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क्‍या है WHO की गाइडलाइन?
अगर ये रिपोर्ट सही पाई जाती है तो यह वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के निर्देशों का उल्लंघन है. WHO के मुताबिक 3 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए भोजन में शुगर या मीठे पदार्थ का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए. रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी विटामिन, खनिज और अन्य पोषक तत्वों को बताती है, लेकिन शुगर मिक्‍स के मामले में पारदर्शी नहीं है. 

चीनी मिलाने से क्‍या होगा नुकसान 
चीनी मिलाने से हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ सकता है. शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, अल्‍जाइमर का खतरा, दांत में कैविटीज की समस्‍या, मेंटल हेल्‍थ, व्‍हाइट ब्‍लड सेल्‍स कमजोर होना, इम्‍यूनिटी वीक जैसे कई समस्‍याएं आ सकती हैं. 

कितने ग्राम मिलाई जाती है चीनी 
पब्लिक आई और IBFAN की ओर से कंपनी के 150 प्रोडक्‍ट को जांच के लिए बेल्जियम के लैब में भेजे गए थे. इसमें दावा किया गया है बेबी फूड प्रोडक्ट्स जैसे सेरेलैक और अन्य में प्रति चम्‍मच 4 ग्राम शुगर मिली होती है, जो एक शुगर क्‍यूब के बराबर है. फिलीपींस में बिक रहे प्रोडक्‍ट में तो 6 महीने के बेबी के सेरेलैक में ये मात्रा 7.5 ग्राम पाई जा रही है.

भारत और ब्राजील में सबसे ज्‍यादा बिक्री
रिपोर्ट के मुताबिक, Nestle एशिया के देशों में अमेरिका और यूरोप की तुलना में ज्‍यादा मात्रा में शुगर मिला रही है. यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल के अनुसार, सेरेलैक ग्‍लोबल स्तर पर टॉप बेबी फूड ब्रांड है, जिसकी बिक्री 2022 में $1 अरब डॉलर से ज्‍यादा हो गई थी. इस बिक्री का सबसे बड़ा हिस्‍सा लगभग 40 प्रतिशत, ब्राजील और भारत से आता है. 

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शहद की जगह चीनी की मिलावट 
स्विस जांच संगठन पब्लिक आई ने एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में बेचे जाने वाले नेस्ले के बेबी फूड्स के नमूने की जांच के लिए बेल्जियम की प्रयोगशाला में भेजे. परिणामों से पता चला कि एक साल और उससे अधिक उम्र के बच्‍चों के लिए उपयोग किए जाने वाले दूध फार्मूला ब्रांड निडो और छह महीने से दो साल की उम्र के बच्चों के लिए उपयोग किए जाने वाले अनाज सेरेलैक के नमूनों में सुक्रोज या शहद के रूप में चीनी मिलाई गई थी. 

नेस्‍ले का क्‍या है कहना 
नेस्ले इंडिया के स्‍पोकपर्सन ने बताया कि कंपनी ने पिछले पांच साल में अपने बेबी फूड में अतिरिक्त शुगर को 30 प्रतिशत तक कम कर दिया है. कंपनी के बयान में कहा गया है कि हम नियमित रूप से अपने फूड की जांच करते हैं और गुणवत्ता, सुरक्षा और स्वाद से समझौता किए बिना अतिरिक्त शुगर के स्तर को कम करने के लिए अपने उत्पादों में सुधार करते हैं.  

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