
आम आदमी पर महंगाई (Inflation) का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है. जीएसटी (GST) की नई दरें लागू होने के बाद ये बोझ सोमवार 18 जुलाई से और भी बढ़ गया है. केंद्र सरकार ने कई प्रोडक्ट्स और सर्विसेज पर टैक्स के रेट्स में बदलाव किया है. इसके चलते आपको कई समानों को खरीदने के लिए अब अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी होगी.
पहली बार इन प्रोडक्ट पर लगा GST
अब तक जो प्रोडक्ट GST के दायरे में नहीं थे, इस बार उन तमाम खाद्य पदार्थों पर भी 5% का जीएसटी लगाया गया है. जो आम आदमी की जेब पर सीधा असर डालेगा. इसके साथ एक आम इंसान की किचन का बजट भी बिगड़ने वाला है. दूध ,दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं, मुरमुरे पर अब 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा.
किचन का बिगड़ा बजट
कमला नगर में रहने वाली मधु गोयल का हर महीने किचन के लिए 5 हजार रुपये का बजट (Budget) बनाती थीं. लेकिन जीएसटी (GST) की नई दरें लागू होने के बाद से अब उनका बजट 5 हजार से बढ़कर सीधा 7 हजार रुपये पहुंच जाएगा. शक्ति नगर में रहने वाले संजीव गोयल ने केंद्र सरकार (Central Govt) से नाराजगी जताते हुए कहा कि पहली बार खाद्य पदार्थों पर जो जीएसटी लगाई है, उसे तुरंत वापस लेना चाहिए. क्योंकि महंगाई (Inflation) के उच्च स्तर के कारण आम आदमी की कमर पहले से ही टूटी हुई है.
रिटेल दुकानदारों ने जताई आपत्ति
कमला नगर में किराना स्टोर चलाने वाले संजय गुप्ता के मुताबिक वह पिछले 40 साल से अपना स्टोर चला रहे हैं. कोरोनाकाल में आधे से ज्यादा बिजनेस ऑनलाइन शिफ्ट हो गया और रही सही कसर जीएसटी लगने से पूरी हो जाएगी. एक्स्ट्रा जीएसटी से कारोबार पर भी असर पड़ेगा. चेंबर ऑफ ट्रेड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष बृजेश गोयल के मुताबिक जिस तरीके से जीएसटी की नई दरें लागू की गई हैं. उससे व्यापारी खासे नाराज हैं. इस मुद्दे पर चर्चा के लिए बुधवार को दिल्ली के तमाम व्यापारी वर्गों की महापंचायत बुलाई गई है.
ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने किया स्वागत
दिल्ली गुड्स एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर के मुताबिक, सरकार ने जो जीएसटी की नई दरें लागू की हैं उससे उनको एक बड़ी राहत मिली है. ट्रांसपोर्टर से पहले 2 तरह का टैक्स वसूला जाता था जिसे सरकार ने पूरी तरह से खत्म किया है यह एक सराहनीय कदम है.
Hotel में रहना होगा महंगा
नई दरों के मुताबिक एक हजार रुपये प्रतिदिन से कम कीमत वाले होटल के कमरों पर 12 फीसदी टैक्स देना होगा फिलहाल इस पर छूट थी. होटल कारोबार करने वाले कारोबारी संदीप खंडेलवाल के मुताबिक ये मार सबसे ज्यादा बजट होटल का कारोबार करने वाले कारोबारियों पर पड़ेगी. जो 700 से 1000 रुपये तक के कमरे बुक किया करते थे. ऐसे कमरों का इस्तेमाल सबसे ज्यादा व्यापारी करते हैं जो एक राज्य से दूसरे राज्यों से कारोबार करने के लिए जाते हैं.