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New Labor Codes: No Shift, घर से जब चाहें करें काम... PM मोदी ने दिए बड़े संकेत

पिछले काफी समय से नए लेबर कोड (New Labour Code) पर काम चल रहा है. इसे लागू करने की बात भी कही जा रही है. हालांकि कई डेडलाइन बीतने के बावजूद ये लागू नहीं हुआ है. ऐसे में पीएम का ये सुझाव लेबर कोड में बदलाव करने का संकेत भी दे रहा है

पीएम नरेंद्र मोदी ने की वर्क फ्रॉम होम इकोसिस्टम की वकालत. पीएम नरेंद्र मोदी ने की वर्क फ्रॉम होम इकोसिस्टम की वकालत.
आदित्य के. राणा
  • नई दिल्ली,
  • 26 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 3:59 PM IST

कोरोना काल (Covid) में नौकरियों और कंपनियों को बचाने में वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) ने बड़ा रोल निभाया था. लॉकडाउन (Lockdown) जैसे हालात में जब लोग घर से नहीं निकल सकते थे तब वर्क फ्रॉम होम की वजह से वो काम करते रहे जिससे उनकी नौकरियां बची रहीं और कंपनियों के कामकाज पर कम असर हुआ. इस सुविधा का सबसे ज्यादा फायदा IT सेक्टर के लाखों कर्मचारियों को मिला. IT कंपनियों ने इसके सहारे ग्रोथ को प्रभावित नहीं होने दिया. लेकिन अब यही IT कंपनियां वर्क फ्रॉम होम को खत्म कर रही हैं. TCS ने तो अपने कर्मचारियों को वापस दफ्तर आने का अल्टीमेटम दे दिया है.

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एपल भी वर्क फ्रॉम होम को खत्म कर रही है. लेकिन इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के एक सुझाव से इन कंपनियों को अपनी रणनीति बदलने पर विचार करना पड़ सकता है. दरअसल, मोदी की इस सलाह के बाद देश में अब नौकरी करने का तरीका एकदम बदलने वाला है.

बदलेगा नौकरी करने का अंदाज

पिछले काफी समय से नए लेबर कोड (New Labour Code) पर काम चल रहा है. इसे लागू करने की बात भी कही जा रही है. हालांकि कई डेडलाइन बीतने के बावजूद ये लागू नहीं हुआ है. ऐसे में पीएम का ये सुझाव लेबर कोड में बदलाव करने का संकेत भी दे रहा है. इसकी वजह है कि लेबर कोड के मुताबिक कर्मचारियों को हफ्ते में 3 वीकली ऑफ देने का प्रावधान है. लेकिन बाकी के 4 दिन उन्हें 12-12 घंटे काम करना होगा. 12 घंटे काम करना और फिर घर से दफ्तर तक आने जाने का मतलब हुआ कि लोगों को दिनभर 14-15 घंटे सफर और दफ्तर में ही बिताने होंगे. इस मुश्किल से बचने के लिए सरकार वर्क फ्रॉम होम इकोसिस्टम को बढ़ावा देने का काम करेगी.

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नौकरियों का नेचर बदल रहा

पीएम मोदी ने इसकी वकालत करते हुए कहा कि वर्क फ्रॉम होम इकोसिस्टम, फ्लेक्सिबल वर्क प्लेसेज और फ्लेक्सिबल वर्किंग घंटे भविष्य की जरूरतें हैं. अपने तर्क का समर्थन करते हुए पीएम ने कहा है कि पहली तीन औद्योगिक क्रांतियों का फायदा उठाने में भारत पीछे छूट गया है. इसलिए मौजूदा चौथी औद्योगिक क्रांति का फायदा लेने के लिए हमें तुरंत फैसले लेने और उन्हें तेजी से लागू करने पर काम करना होगा. पीएम ने कहा कि बदलते हुए समय के साथ जिस तरह से नौकरियों का नेचर बदल रहा है उसको हम सब देख रहे हैं. यानी तेजी से बदलती दुनिया में इसका फायदा लेने के लिए हमें भी उसी स्पीड से तैयार होना होगा.

4 दिन 12 घंटे काम और 3 दिन भरपूर आराम
       
इससे समझा जा सकता है कि अगर ये सिस्टम लागू होता है तो फिर कुछ घंटे दफ्तर और कुछ घंटे घर से काम करके लोग रोज के 12 घंटे पूरे कर सकते हैं. इसी तरह घर से काम करने वाले 6-6 घंटे के 2 ब्रैकेट या 4-4-4 घंटे के 3 ब्रैकेट में काम कर सकते हैं. इससे उनके 12 घंटे भी पूरे हो सकते हैं और एक साथ काम करने का तनाव और थकान भी उन्हें परेशान नहीं करेगा. इसके बाद वो 3 दिन का साप्ताहिक अवकाश भी ले सकते हैं. 3 दिन की छुट्टियों से ना केवल कर्मचारी को फिर से अगले हफ्ते के लिए तैयार होने का मौका मिलेगा, बल्कि इससे टूरिज्म को भी फायदा मिल सकता है.

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इकॉनमी पकड़ेगी रफ्तार

जाहिर है हर हफ्ते कोई भी कर्मचारी 3 दिन तो घर में नहीं बिताएगा.  वो एक दिन मूवी-रेस्टोरेंट और सिंगल डे ट्रिप का प्लान कर सकता है. ऐसे में वो जो खर्च करेगा, उससे भारतीय इकॉनमी को मजबूती मिलेगी. अगर वो 2-3 दिन की ट्रिप पर बाहर जाता है, तो उससे टूर एंड ट्रैवल समेत पूरे हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को फायदा होगा. इससे कई जगहों पर पैसा पहुंचेगा और ये खर्च धीरे धीरे इकॉनमी की रफ्तार को तेज करेगा.

मूनलाइटिंग का भी बढ़ रहा है चलन

पीएम के वर्क फ्रॉम होम इकोसिस्टम से जुड़े सुझाव के बाद मूनलाइटिंग को लेकर भी बहस तेज हो सकती है. मूनलाइटिंग यानी एक जगह काम के बाद बाकी बचे घंटों में दूसरी जगह नौकरी करना. वर्क फ्रॉम होम के दौर में ये चलन काफी देखने को मिला है. स्विगी ने तो बाकायदा अपने कर्मचारियों को इसकी मंजूरी दी है कि वो काम के घंटों के बाद चाहें तो कुछ और भी काम कर सकते हैं. इससे जो लोग 3 दिन की छुट्टी में कुछ अतिरिक्त काम करके एक्स्ट्रा इनकम अर्जित करना चाहेंगे उन्हें इसका फायदा मिलेगा. 

फ्लेक्सिबल वर्किंग आवर्स अपनाकर भी वो एक साथ दो नौकरियां कर सकते हैं. इससे उन्हें अतिरिक्त कमाई होगी और कंपनी को भी स्किल्ड वर्कर्स खोजने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी होगी. हालांकि कंपनियों में ये बहुत ज्यादा स्वीकार्य नहीं है, क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे गोपनीयता का उल्लंघन होता है. इसको लेकर कोई कानून नहीं है तो ये तय करना मुश्किल है कि कर्मचारी उसी सेक्टर की कंपनी में काम कर रहा है या नहीं.

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WFH इकोसिस्टम से बढ़ेगी महिलाओं की भागीदारी

15 अगस्त को लाल किले से अपने संबोधन में पीएम ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य तय किया था. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पीएम ने वर्क फोर्स में महिलाओं की हिस्सेदारी को बढ़ाने पर जोर दिया है. पीएम का कहना है कि फ्लेक्सिबल वर्किंग आवर्स को अपनाकर भारत अपनी नारी शक्ति का बेहतर इस्तेमाल कर सकता है जिसकी भविष्य की जरूरत है.

पीएम ने कहा- 'देश का श्रम मंत्रालय अमृतकाल में 2047 तक के लिए अपना विजन भी तैयार कर रहा है. भविष्य की जरूरत वर्कफ्रॉम होम इकोसिस्टम, फ्लेक्सिबल वर्क प्लेसेज और फ्लेक्सिबल वर्किंग आवर्स है. हम फ्लेक्सिबल वर्क प्लेसेज जैसे तंत्र को महिला श्रमशक्ति की हिस्सेदारी के लिए मौके के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं. पीएम ने आगे कहा कि देश में नए उभर रहे सेक्टर्स में महिलाओं के लिए क्या कुछ और कर सकते हैं, हमें इस दिशा में भी सोचना होगा.


 

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