
नए आदर्श किरायेदारी कानून के बारे में केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी का कहना है इससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2022 तक ‘सबको आवास’ देने के सपने को पूरा करने में मदद मिलेगी. केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को इस कानून को मंजूरी दे दी.
‘किरायेदार और मकानमालिक के हितों का संतुलन’
हरदीप सिंह पुरी ने एक ट्वीट में कहा कि नया आदर्श किरायेदारी कानून (MTA) संपत्ति के मालिक और किरायेदार दोनों के हितों का संतुलन बनाता है. साथ ही व्यवस्था को जिम्मेवार और पारदर्शी भी बनाता है. ये एक महत्वपूर्ण मसौदा कानून है जिसे राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के पास अपनाने के लिए भेज दिया गया है.
‘किराये पर मिलेंगे एक करोड़ घर’
पुरी ने कहा कि 2011 की जनगणना के हिसाब से देश भर में 1 करोड़ से अधिक घर खाली पड़े हैं. MTA से ये घर किराये पर देने के लिए उपलब्ध होंगे. क्योंकि कई लोग अपना घर किराये पर इसलिए नहीं देते क्योंकि उन्हें इसके वापस नहीं मिलने का डर होता है. ये कानून उनके इस डर को दूर करेगा. ये कानून ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में रिहायशी और वाणिज्यिक संपत्ति को किराये पर देना आसान बनाएगा. IMF की रिपोर्ट के हिसाब से हमारा रेंटल मार्केट 1.5 लाख करोड़ रुपये का है.
‘रेग्युलेशन करेगा रेंटल मार्केट का’
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि MTA रेंटल सेगमेंट के लिए एक रेग्युलेटरी फ्रेमवर्क उपलब्ध कराएगा. ये किराये के सेगमेंट में भविष्य में होने वाले ट्रांसैक्शन पर लागू होगा. इसके तहत किराये के लिए रेंट एग्रीमेंट बनेगा जो नियम और शर्तों का लिखित दस्तावेज होगा. MTA के लागू होने से मकान मालिकों के बीच विश्वास बढ़ेगा.
पूरा होगा ‘सबको आवास का सपना’
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि MTA प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2022 तक सबको आवास देने के सपने को भी पूरा करेगा. प्रवासी मजदूर, छात्र और पेशेवरों के बीच रेंटल हाउस को तवज्जो दी जाती है. इस कानून से देशभर में जो 1 करोड़ घर उपलब्ध होंगे वो सबको सर पर छत देने का काम करेंगे.
‘रेंटल हाउसिंग का बिजनेस मॉडल बनेगा’
इस कानून को लेकर रियल एस्टेट डेवलपरों के संगठन नारेडको के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदनी ने कहा कि MTA खाली पड़े मकानों को किराये के लिए उपलब्ध कराएगा. उम्मीद है कि ये रेंटल हाउसिंग के पूरे बिजनेस मॉडल को डेवलप करेगा और इसमें निजी भागीदारी बढ़ाएगा. इससे देश में आवास की कमी को पूरा करने में मदद मिलेगी. ये किराये पर घर देने के काम को फॉर्मल मार्केट में बदलेगा.
ये भी पढ़ें: