Advertisement

इस कंपनी पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना, तीन महीने के अंदर करना होगा जमा

एनजीटी ने अपने आदेश में कहा कि हिंदुस्तान जिंक कंपनी को तीन महीने के भीतर जिला मजिस्ट्रेट भीलवाड़ा के पास 25 करोड़ रुपये की राशि जमा करनी होगी. एनजीटी ने कहा कि पर्यावरण को हुए नुकसान से हुरदा ब्लॉक में 6 से अधिक पंचायतों के लोग प्रभावित हुए हैं.

Hindustan Zinc पर जुर्माना Hindustan Zinc पर जुर्माना
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 10:43 PM IST
  • पर्यावरण को हुए नुकसान से कई गांवों के लोग प्रभावित
  • मजिस्ट्रेट भीलवाड़ा के पास 25 करोड़ रुपये की राशि जमा करनी होगी

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने वेदांता समूह की फर्म हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (HZL) पर राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में पर्यावरण मानदंडों के उल्लंघन के लिए 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.

NGT ने अपने आदेश में कहा कि पर्यावरण कानून के उल्लंघन को हलके में नहीं लिया जा सकता है, खासतौर से तब जबकि उल्लंघनकर्ता मौजूदा परियोजना प्रस्तावक (पीपी) हैं और पीड़ित गरीब ग्रामीण हैं. एनजीटी ने कहा कि पर्यावरण को हुए नुकसान से हुरदा ब्लॉक में 6 से अधिक पंचायतों के लोग प्रभावित हुए हैं.

Advertisement

तीन महीने में जुर्माना भरने का आदेश

एनजीटी के चेयरपर्सन न्यायमूर्ति ए के गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ के आदेश के तहत हिंदुस्तान जिंक को तीन महीने के भीतर जिला मजिस्ट्रेट भीलवाड़ा के पास 25 करोड़ रुपये की राशि जमा करनी होगी. 

एनजीटी ने यह भी निर्देश दिया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला मजिस्ट्रेट, भीलवाड़ा की एक संयुक्त समिति किसी अन्य विशेषज्ञ की सहायता से क्षेत्र में निवासियों और मवेशियों के लिए स्वास्थ्य सुधार कार्यक्रम के अलावा मिट्टी और भूजल की गुणवत्ता को सुधारने के लिए एक योजना तैयार कर सकती है.

NGT के आदेश का करेंगे पालन

इस आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कंपनी ने एक बयान में कहा कि HZL कानून का पालन करने वाली कॉरपोरेट संस्था है और वह हमेशा कानून को बनाए रखेगी. कंपनी ने कहा, 'एनजीटी द्वारा नियुक्त विशेषज्ञों की सात सदस्यीय समिति ने 90 लाख रुपये की लागत से पेड़ लगाने की सिफारिश की, हम जिसका पालन करने के इच्छुक थे.'

Advertisement

बयान में आगे कहा गया, 'हालांकि, एनजीटी ने निर्देश दिया है कि कंपनी को एक नवगठित समिति के तहत सामुदायिक कल्याण कार्यक्रमों के लिए 25 करोड़ रुपये खर्च करने चाहिए. हमारे लिए, स्थानीय समुदाय हमेशा हमारी सभी सामाजिक पहलों का एक अभिन्न अंग रहे हैं और आगे भी रहेंगे.'

कंपनी ने कहा कि वह अपने संचालन क्षेत्रों के आसपास रहने वाले समुदायों के सामाजिक-आर्थिक कल्याण के लिए स्थानीय प्रशासन और हितधारकों के साथ 1,000 करोड़ रुपये की सीएसआर योजना तैयार कर रही है, जिसे अगले चार से पांच वर्षों में लागू किया जाएगा. एचजेडएल ने कहा, 'चूंकि जमीनी स्तर पर हमारे सामाजिक कल्याण के काम जारी हैं, इसलिए हम एनजीटी द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों के खिलाफ अपील दायर करेंगे.'
 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement